चंडीगढ़ में उजड़ गए गरीबों के आशियानें

चंडीगढ़ में उजड़ गए गरीबों के आशियानें

चंडीगढ़ में उजड़ गए गरीबों के आशियानें

चंडीगढ़ में उजड़ गए गरीबों के आशियानें

अर्थ प्रकाश संवाददाता
चंडीगढ़।
शहर की कॉलोनी नंबर 4 में रविवार को सैकड़ों परिवारों का आशियाना उजड़ गया। चंडीगढ़ प्रशासन के भारी भरकम बुलडोज़र्स ने यहां बने मकानों को ढहा दिया। इस दौरान भारी पुलिस बल और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों के आगे कॉलोनीवासी बेबस नजर आए। इस दौरान ये लोग कोई विरोध भी दर्ज नहीं करवा पाए और उनकी आंखों के सामने उनके घरों को तहस-नहस कर दिया गया। कॉलोनी में करीब 2 हजार परिवारों में से सिर्फ 290 को चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस ने बॉयोमैट्रिक सर्वे के आधार पर मलोया में मकान रिए गए हैं। कॉलोनी में रहने वाले लोग साईकिल, रेहडिय़ों और पैदल ही अपना ज़रुरी सामान लेकर जाते नजर आए। वहीं कुछ सड़क किनारे और टूटे घरों के पास अपना सामान लेकर बैठे नजर आए। मकान टूटने के बाद कुछ लोग आसपास की कॉलोनियों में किराए पर रहने के लिए जा रहे थे। वहीं कुछ के पास किराए के पैसे नहीं थे और वह दुखी होकर रोते-बिलखते नजर आए। कुछ कॉलोनी वासियों ने बताया कि वह अपना सामान बांध कर गांव जा रहे हैं।
चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस ने रविवार सुबह 7 बजे ही यह डेमोलिशन ड्राइव चलानी शुरु कर दी थी। दूसरी और पुलिस, आर्मी और सिविल डिफेंस की टीमें सुबह 5 बजे ही यहां पर तैनात हो गई थी। सुबह 11 बजे तक करीब 80 फीसदी काम पूरा हो गया था। यह कॉलोनी करीब 80 एकड़ में फैली हुई थी। करीब 40 वर्ष पहले यह कॉलोनी बसाई गई थी। कुछ कॉलोनी वासियों ने दावा किया कि उनका बॉयोमैट्रिक सर्वे हो रखा था। इसके बावजूद उन्हें मकान नहीं मिला। चंडीगढ़ प्रशासन के अफसरों के मुताबिक, अब जल्द ही संजय कॉलोनी भी ढहा दी जाएगी। यह कॉलोनी भी इंडस्ट्रियल एरिया फेज 1 में बनी हुई है।

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2 हजार जवानों और 10 एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट ने थामा मोर्चा: 2 हजार जवानों और 10 एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की देखरेख में यह ड्राइव चलाई गई। चंडीगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट विनय प्रताप सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे। रविवार रात को 12 बजे तक इलाके में धारा 144 लगी हुई है। डेमोलिशन ड्राइव के दौरान कॉलोनी नंबर 4 और इसके 500 मीटर के दायरे में 5 या इससे ज्यादा लोगों के जुटने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रशासन ने चेतावनी दी हुई है कि कोई भी इन आदेशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 व अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी।

290 कॉलोनी वासियों को फ्लैट अलॉट: एस्टेट ऑफिस द्वारा करवाए गए कॉलोनी नंबर 4 के बॉयोमैट्रिक सर्वे के आधार पर 658 लोगों की सूची चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को सौंपी गई थी। जिसके बाद एसडीएम(ईस्ट) के ऑफिस में एक कैंप लगाया गया। इसके तहत मलोया हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम के तहत फ्लैट की अस्थाई अलॉटमेंट दी गई। कुल 299 कॉलोनी निवासी रजिस्ट्रेशन के लिए आए। ड्रा के बाद कुल 290 फ्लैट अलॉट किए गए।

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जिन्हें नहीं मिला मकान, उन्हें 3 हजार रुपये किराये पर मिला आवास: अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों के पास बायोमेट्रिक सर्वे व अंगूठे के निशान की कॉपी मौजूद है, लेकिन किन्हीं कारणों से उन्हें पुनर्वास योजना के तहत मलोया में मकान नहीं मिला है, उन्हें किफायती किराया आवासीय योजना के तहत 3 हजार रुपये प्रति महीने किराये पर मलोया में मकान दे दिया गया है। यही कारण है कि अब कालोनी को खाली कराने का फैसला लिया गया है। 

2013 में भी ढहाई थी सबसे बड़ी बस्ती: शहर की एक और सबसे बड़ी स्लम कॉलोनी नंबर 5 वर्ष 2013 में ढहाई गई थी। उस दौरान भी लोगों के विरोध के चलते पुलिस बल तैनात करना पड़ा था। वहां लगभग 7 हजार कच्चे मकान थे। इसके बाद पिछले 10 सालों में पुनर्वास योजना के तहत शहर के विभिन्न सेक्टरों में 25 हजार से ज्यादा मकान बनाए जा चुके हैं। इन मकानों में अनेकों लाभार्थी शिफ्ट भी हो चुके हैं।