क्या आप जानते है राजस्थान की रूठी रानी कौन है ? चलिए जानते है रोचक तथ्य
- By Sheena --
- Thursday, 27 Jul, 2023
The History Of Ruthi Rani A Tale of Umade Bhattiyani in Rajasthan
The History Of Ruthi Rani: राजस्थान अपने शाही सत्कार, सुंदर और भव्य महलों, अपनी संस्कृति के लिए मशहूर है। राजस्थान जितना अपने किले, सूंदर महलों व शाही भवनों के लिए मशहूर है। भारत का इतिहास बहुत ही ज्यादा समृद्ध रहा है और हज़ारों प्रेम कहानियां हमारे देश के इतिहास का बहुत बड़ा हिस्सा हैं। कई राजा-रानी हमारे इतिहास को अपनी प्रेम कहानियों से समृद्ध किए हुए हैं। पर क्या आप जानते हैं कि राजस्थान की एक ऐसी कहानी है जो प्रेम नहीं बल्कि गुस्से से जुड़े हुई है। और ऐसा क्रोध जो जीवन भर रहा। तो चलिए जानते है इस कहानी के बारे में।
1530 के दशक की है ये कहानी
ये कहानी शुरू होती है 1530 के दशक से जब जोधपुर राज्य के राजा मालदेव अपनी राज्य सीमा चारों तरफ बढ़ा रहे थे। राजा राव मालदेव पहले से ही शादीशुदा थे और उस वक्त के चक्रवर्ती राजा माना जाता था। राजा अपनी सीमाएं बढ़ाने के लिए बहुत इच्छुक था और इसलिए उसने जैसलमेर पर आक्रमण करना चाहा। इस बारे में जैसलमेर के राजा को भनक पड़ गई और राव लूणकरण ने युद्ध को टालने के लिए शादी की बात सोची। राजा लूणकरण ने अपनी बेटी उमादे की शादी मालदेव से करवाने का प्रस्ताव दिया। हालांकि राजा पहले से ही शादीशुदा थे, लेकिन फिर भी राजा लूणकरण ने अपनी बेटी उमादे की शादी मालदेव से करवाने का प्रस्ताव दिया।
बहुत खूबसूरत थी रानी उमादे
उन दिनों की रानियां बेहद खूबसूरत हुआ करती थीं, लेकिन रानी उमादे की खूबसूरती के चर्चे दूर दूर तक थे। रानी सुंदर होने के साथ साथ वो बेहद चतुर भी थीं। जैसलमेर के रावल लूणकरण ने मारवाड़ के राव मालदेव से अपनी पुत्री उमादे का विवाह तय कर दिया। रानी उन्हें अपने पति के रूप में पाकर उमादे बहुत ही खुश थीं।
दहेज में आई थीं कई दासियां
रानी के साथ शादी के दहेज में कई दासियां भी आई थीं। इन्हीं में से एक थी भारमली। भारमली भी रानी की तरह खूबसूरत थी। राजा ने शादी की रात खूब शराब पी रखी थी। ऐसे में रानी ने उन्हें लाने के लिए भारमली को भेजा। राजा भारमली को देख खुश हो गए और उसे अपने पास ही बैठा लिया। नशे में धुत्त राजा ये भूल ही गया था कि उसकी पत्नी उसका इंतज़ार कर रही है। काफी समय होने के बाद जब राजा नहीं आए तो रानी उन्हें लेने के लिए खुद पहुंच गई।उन्होंने राजा को दासी के साथ देखा और वो गुस्से से आगबबूला हो गईं। उन्होंने राजा की इस हरकत पर उन्हें सज़ा दी।
रानी ने राजा को दी ज़िंदगी भर की सज़ा
राजकुमारी ने राजा को अलगाव की सज़ा दी। रानी ने राजा से कहा, ‘तुम मेरे लायक नहीं हो। ’ उन्होंने अपने घर में ही रहने का फैसला किया और वो अपने घर पर ही रहीं। सुबह होने पर जब राजा होश में आए तो उन्होंने रानी से बहुत बार माफी मांगी, लेकिन लेकिन रानी नहीं मानी। रानी ने जिंदगी भर राजा का मुंह नहीं देखा। पर रानी ने एक पत्नी के रूप में सारे रिवाज निभाए और राजा की मृत्यु के बाद सती होकर अपनी जान दी। क्योंकि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी रूठे हुए ही बिता दी इसलिए उनका नाम रूठी रानी के नाम से प्रसिद्ध हो गया।