पुलिस के खुफिया विंग के अधिकार एक प्राईवेट कंपनी के सुपुर्द करने से पंजाब में शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा खड़ा हो गया: शिरोमणी अकाली दल
पुलिस के खुफिया विंग के अधिकार एक प्राईवेट कंपनी के सुपुर्द करने से पंजाब में शांति और सुरक्षा के
बेअदबी की घटनाएं, बम विस्फोट और प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चुक संबंधी खुफिया जानकारी लीक करके कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के विरोधियों तथा विपक्षी दलों की बाजू मरोड़ने का काम किया गया
चंडीगढ़/27जनवरी: शिरोमणी अकाली दल ने आज उन रिर्पोटों की न्यायिक जांच की मांग की है जिसमें पंजाब पुलिस के सबसे महत्वपूर्ण खुफिया विंग को वस्तुतः एक निजी कंपनी के सुपुर्द करने पंजाब के संवेदनशील सीमावर्ती राज्य की शांति के साथ साथ देश की सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता किया गया।
यहां एक प्रेस काफ्रेंस को संबोधित करते हुए स. सुखबीर सिंह बादल के प्रमुख सलाहकार स. हरचरन सिंह बैंस कहा कि एक निजी कंपनी ‘मूवडेक पोलिटिको’ द्वारा राज्य खुफिया विंग के कथित दुरूपयोग से संबंधित दस्तावेजों को साझा किया है। स. बैंस ने कहा कि ऐसी विश्वसनीय खबरें हैं कि राज्य के सर्वोच्च रैंक वाले पुलिस अधिकारियों ने खुफिया जानकारी जुटाने में निजी कंपनी के साथ सहयोग करने के लिए कहा गया था। स. बैंस ने कहा कि इससे राज्य में कानून और व्यवस्था का जबरदस्त पतन हुआ है। जब पुलिस विशेष रूप से खुफिया शाखा मुख्यमंत्री और सत्ता पक्ष का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं और संभावित उम्मीदवारों को ब्लैकमेल करने के लिए उनके साथ जुड़ गई तथा पंजाब में शांति और सांम्प्रदायिक सदभावना को भगवान की दया पर छोड़ दिया गया। ‘‘ इस दौरान राज्य में बेअदबी, बम विस्फोट और अन्य दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई। इसी दौरान प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भी चुक देखी गई।
स. बैंस ने कहा कि उक्त कंपनी द्वारा उच्चतम अधिकार से निचले रैंक तक के खुफिया अधिकारियों के बीच एक प्रोफार्मा भेजा गया और उन्हे कंपनी की वेबसाइट पर खुफिया जानकारी साझा करने के लिए कहा गया था। उन्होने कहा कि संवैधानिक और कानूनी प्रक्रियाओं में यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण समझौता किया गया।
स. बैंस ने कहा कि पार्टी पंजाब और हरियाणा के एक मौजूदा न्यायाधीश से इस घिनौनी और खतरनाक कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग करती है, जिससे पंजाब में शांति और देश की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। उन्होने कहा कि इसके अलावा पार्टी इस मामले को चुनाव आयोग तक लेकर जाएगी, जिसने पंजाब में शांति और देश की सुरक्षा को दांव पर लगा दिया है। उन्होने कहा कि इसके अलावा पार्टी इस मामले को चुनाव आयोग तक लेकर जाएगी, क्योंकि यह राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया का घोर उल्लंघन है। स. बैंस ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को इन रिर्पोटों की विभागीय जांच का आदेश देने और मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए भी अपील की। स. बैंस ने कहा कि हम सुरक्षा प्रोटोकॉल के इस खतरनाक समझौते में कथित रूप से शामिल संबंधित नेताओं और अधिकारियों के सभी प्रासंगिक कॉल विवरण की पड़ताल की जानी चाहिए ।
उन्होने मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी और राज्य के गृहमंत्री सुखजिंदर रंधावा को उन खबरों के बारे में स्पष्ट करने को कहा कि पुलिस खुफिया विभाग के उच्चतम रैंक के अधिकारियों की मीटिंग 1 दिंसबर 2021 को हुई थी, जिसमें तब तक इकटठी की गई खुफिया जानकारी सांझी की गई तथा फिर विभाग के अधिकारियों और पदाधिकारियों को निजी कंपनी के निर्देशों के अनुसार21 काम करने के लिए कहा गया था।