आंध्र प्रदेश में सरकार ने इंटीग्रेटेड कलेक्ट्रेट बनाने का विचार किया ।
आंध्र प्रदेश में सरकार ने इंटीग्रेटेड कलेक्ट्रेट बनाने का विचार किया ।
( अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )
* सारे शासकीय कार्यालय एक छत के नीचे स्थापित हो ऐसी योजना बना रही है आंध्रा सरकार *
* जिससे कई तरह के खर्चो से राहत वा करोड़ों रुपए बचने की पूरी उम्मीद जताया *
अमरावती :: (आंध्र प्रदेश ) प्रदेश सरकार हाल ही में गठित नए जिलों में एकीकृत कलेक्टरेट (इंटीग्रेटेड कलेक्ट्रेट ) स्थापित करने का विचार कर रही है। एक एकीकृत कलेक्ट्रेट का योजना वा विचार लोगों को आसानी से सुविधा प्रदान कर नए भवनों के लिए भूमि और भवन निर्माण लागत आदी को कम करेगा तथा सभी विभागीय कार्यालय सभी पास पास में होंगे।
यदि सभी जिला स्तरीय कार्यालयों को एक ही छत के नीचे लाया जाए तो यह लोगों के लिए सुविधाजनक होगा और अधिकारियों के आने जाने में भी समय की बचत करेगा। एकीकृत समाहरणालय परिसरों की अवधारणा को पहले ही तेलंगाना में गठित नए जिलों और अन्य राज्यों में इसी तरह के जिलों में लागू किया जा चुका है।
अधिकारियों ने अवधारणा का अध्ययन किया है और यह समझ में आ गया है कि आंध्र प्रदेश राज्य की आवश्यकताओं के अनुसार उन्हें कैसे स्थापित किया जाए। यह उम्मीद की जाती है कि सभी प्रशासनिक प्रभागों को एक छत के नीचे लाया जाएगा जैसे कि गांव और वार्ड सचिवालय प्रणाली जहां संपूर्ण ग्राम प्रशासन प्रणाली केंद्रीकृत है।
अलग से जिला केंद्रों में कलेक्ट्रेट एवं पुलिस अधीक्षक के कार्यालयों के अलावा कृषि एवं कल्याण विभाग के कार्यालय डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिस कार्य प्रदान कर रहे हैं।
एकीकृत कलेक्ट्रेट होने से लोगों तक आसान से प्रशासन सुविधा प्रदान होगा नए भवनों के लिए भूमि और निर्माण का आंध्र प्रदेश अनुसार स्थापित किए गए थे। अब नए जिलों के बनने से नए जिलों में अलग से कार्यालय स्थापित करने के लिए और जमीन की जरूरत पड़ेगी। वर्तमान में जिला केंद्रों में निर्माण की उच्च लागत और भूमि की उपलब्धता के साथ सभी कार्यालयों को एक ही स्थान पर स्थापित करने की आवश्यकता से अधिक भूमि की खरीद के मुद्दे को कम किया जा सकता है जिसमें बहुत अधिक लागत आएगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार वर्तमान में पुराने 13 जिला केंद्रों को छोड़कर 13 नए जिला केंद्रों में इन एकीकृत समाहरणालय परिसरों को स्थापित करने की योजना बना रही है और इन केंद्रों पर आवश्यक भूमि की पहचान पहले ही की जा चुकी है।
नए जिलों के गठन के संबंध में सिफारिशें करने के लिए गठित मुख्य सचिव परिवहन विभाग शासक एवं निर्माण विभाग की अध्यक्षता में एक समिति ने भी इन एकीकृत कलेक्टरेट के संयुक्त विभागीय भवनों पर एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने मौजूदा पुराने 13 जिलों के अलावा 13 नए जिलों को ही नए भवन बनाने के लिए मसौदा अधिसूचना जारी की। अधिनियम 1974 की धारा 3 (5) के तहत कुल 26 हो गए मुख्य सचिव समीर शर्मा ने कहा मसौदा अधिसूचना प्रत्येक जिले के लिए अलग से जारी की गई। राज्य में 25 लोकसभा क्षेत्र होंगे और प्रत्येक को एक राजस्व जिला बनाया जाना चाहिए।
हालांकि इसका आकार बहुत बड़ा होने और कई जिलों में फैला हुआ है आदिवासी बहुल अराकू लोकसभा क्षेत्र दो नए जिलों में बांटा जा रहा है। दो नए आदिवासी जिले मान्यम होंगे जिनका मुख्यालय पार्वतीपुरम में होगा और अल्लूरी सीताराम राजू जिसका नाम पदेरू में मुख्यालय के साथ महान तेलुगु स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखा जाएगा। अन्य नए जिले अनकपल्ली (मौजूदा विशाखापत्तनम जिले में से) कोनसीमा और काकीनाडा (पूर्वी गोदावरी से बाहर) एलुरु (पश्चिम गोदावरी से बाहर) एनटीआर (कृष्णा से बाहर) बापटला और पलनाडु (गुंटूर से बाहर) नंदयाल हैं। (कुरनूल से) श्री सत्य साईं (अनंतपुरमु से) अन्नामय्या (कडपा से बाहर) और श्री बालाजी (चित्तूर से बाहर)। मौजूदा पूर्वी गोदावरी जिले का मुख्यालय राजामहेंद्रवरम और पश्चिम गोदावरी के भीमावरम में स्थानांतरित किया जा रहा है। सरकार ने नव निर्मित जिला (विजयवाड़ा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र को फिल्मी कलाकार वा तेलुगु देशम पार्टी के संस्थापक. स्व एनटी रामाराव के नाम पर रखा गया ।