शहीद की शहादत को नजरअंदाज करने का मामला
martyrdom of martyr soldier Kulwant Singh
शहीद सैनिक (सेना पदक प्राप्तकर्ता) कुलवंत सिंह की शहादत को सरकार ने नजरअंदाज कर दिया!
नेशनल यूथ पार्टी के अध्यक्ष सतनाम सिंह गिल ने सरकार पर उठाया सवाल
पंजाब विधान सभा मे उठाया जाएगा शहीद का मुदा
अमृतसर , 15 फरवरी: martyrdom of martyr soldier Kulwant Singh: सेना मेडल प्राप्त शहीद सिपाही कुलवंत सिंह दोलोनंगल की शहादत को पंजाब सरकार ने नजरअंदाज कर दिया है।
देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए वर्ष 1998 में बारामूला श्री नगर में आतंकवादियों द्वारा शहीद हुए सैनिक श्री कुलवंत सिंह की शहादत को बरकरार रखने में पंजाब सरकार विफल रही है।
नेशनल यूथ पार्टी पंजाब के अध्यक्ष श्री सतनाम सिंह गिल ने कहा कि युद्ध के शहीदों की अनदेखी के मामले पर देश की सर्वोच्च अदालत को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और पंजाब के उक्त मुद्दे पर जवाब तलब करना सुनिश्चित करना चाहिए।
शहीद सिपाही कुलवंत सिंह की बहनें रमनदीप कौर की उपस्थिति में श्री सतनाम सिंह गिल ने कहा कि वर्ष 1998 में शहीद हुए इस राष्ट्रीय शहीद की याद में पंजाब सरकार ने अभी तक शहीद कुलवंत का स्मारक नहीं बनाया है।
सतनाम सिंह गिल्ल ने सरकार से मांग की है शहीद कुलवंत सिंह के नाम पर अमृतसर जालंधर रोड (जरनैली रोड पर) कोई गेट नहीं बनाया गया है, ना ही दोलोनंगल गांव के सरकारी मिडिल स्कूल का नाम अभी तक रखा शहीद सिपाही कुलवंत सिंह सरकारी मिडिल स्कूल रखा गया है।
इन्होंने ने बताया कि जबकि स्थानीय स्तर पर सकूल के नाम बदलाव को लेकर के लोकल विभागीय स्तर पर प्रक्रिया चली थी।
उन्होंने कहा है कि सरकार ने स्कूल का नाम बदलने में बड़ी चूक की है।
नेशनल यूथ पार्टी के पंजाब अध्यक्ष श्री सतनाम सिंह गिल ने कहा कि राज्य पर काबिज किसी भी राजनीतिक दल की सरकार ने शहीद कुलवंत सिंह की शहादत को वह दर्जा देने की कोशिश नहीं की जिसके वह और उनका परिवार हकदार है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा शहीद की सहादत को नज़र अंदाज किया है।
गिल ने मीडिया को बताया कि शहीद कुलवंत सिंह की 6 बहनों ने अपने दम पर 6 लाख रुपये खर्च किए और गांव दोलोनंगल में एक स्मारक द्वार बनाया।
लेकिन सरकार और जिला प्रशासन इस राष्ट्रीय शहीद को दिल से भूल गए हैं।
एक सवाल जवाब में उन्होंने कहा कि शहीद कुलवंत सिंह 6 बहनों के इकलौते भाई थे, जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान दे दी, लेकिन सरकार ने उनके परिवार को जमीन, पेट्रोल पंप और कोई सरकारी एजेंसी नहीं दी है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय युवा पार्टी परिवार की मांग का समर्थन करती है और सरकार से आग्रह करती है कि शहीद श्री कुलवंत सिंह की याद को हमेशा के लिए बनाए रखने के लिए गांव दोलोनंगल के सरकारी मिडिल स्कूल को उक्त शहीद के नाम पर रखा जाए।
और 6 बहनों को सेना के शहीदों के परिवारों को भी मिलने वाली सुख-सुविधाएं प्रदान की जाएं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नेशनल यूथ पार्टी पंजाब सरकार से मांग करती है कि सरकारी मिडिल स्कूल दोलोनंगल ए के शहीद सैनिक कुलवंत को सिंह का तबादला न करने में बरती गई लापरवाही की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया जाए और कर्तव्य में लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
सतनाम सिंह गिल ने कहा कि हम परिवार की इस मांग का समर्थन करते हैं कि शेर साह सूरी मार्ग पर शहीद सिपाही कुलवंत सिंह के नाम पर एक स्मारक द्वार बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने शहीद कुलवंत सिंह को याद किया। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री को ध्यान देना चाहिए शहीद की बहन रमनदीप कौर को सरकारी नौकरी दी जाए ।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने फिर भी शहीद के परिवार की बात नहीं सुनी तो परिवार माननीय पंजाब अंड हरयाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे।
सतनाम सिंह गिल ने बताया की हम पंजाब के सभी विधायकों के पास जाएगे ओर मांग करेंगे कि शहीद कुलवंत सिंह सिपाही का मुदा पंजाब विधान सभा में उठाया जाए।
इस मौके पर कवलजीत कौर गिल,गुरमेल जोधा,मिलन जोधा, सरवन सिंह ब्यास, गुरप्रीत सिंह, अमृतपाल सिंह सहाहपुर, रमनदीप कौर और सुरिंदर कौर भी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन: नेशनल यूथ पार्टी पंजाब के अध्यक्ष श्री सतनाम सिंह गिल शहीद सिपाही कलवंत सिंह दोलो नागल की बेहन रमनदीप कौर व सुरिंदर कौर शहीद भाई की तस्वीर दिखाते हुए।
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