आबकारी विभाग संभालेगा भांग के खेत, उत्तराखंड और MP के प्रबंध जांचने के बाद मंजूरी देगी कमेटी
- By Arun --
- Saturday, 20 May, 2023
The Excise Department will take over the cannabis fields, the committee will approve after checking
शिमला:हिमाचल में भांग की खेती लीगल हुई, तो आबकारी विभाग खेतों की निगरानी संभालेगा। यह व्यवस्था ठीक वैसे ही होगी, जैसे उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में चल रही है। प्रदेश में अभी तक विभाग शराब की निगरानी कर रहा है, जबकि भविष्य में भांग की खेती के भंडारण और लाइसेंस की जांच के साथ पैदावार का निरीक्षण भी आबकारी एवं कराधान विभाग को ही करना होगा। उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में राज्य सरकारें भांग की खेती का परमिट जारी करती हैं और अब इन दोनों राज्यों की तर्ज पर हिमाचल सरकार भी भांग की खेती के लिए नए विकल्प तलाश रही है। इस कड़ी में विधायकों की एक टीम राजस्व और बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी की अगवाई में उत्तराखंड और मध्यप्रदेश का भ्रमण करेगी। इन दोनों राज्यों में भांग को सीमित दायरे में लीगल बनाया गया है। उत्तराखंड में 2018 में भांग की खेती को करने की इजाजत वहां की राज्य सरकार ने दी है। यहां भांग की खेती का लाइसेंस उपायुक्त के पास आवेदन से मिलता है।
हिमाचल में राज्य सरकार पॉलीहाउस में सीमित मात्रा में भांग उगाने और बाद में पौधों को बेचने की मंजूरी दे सकती है। इसके लिए लाइसेंस वितरित किए जाएंगे और यह लाइसेंस उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की तर्ज पर हो सकते हैं। हालांकि अभी यह बेहद शुरुआती चरण में है। सबसे पहले कमेटी दोनों राज्यों का दौरा करेगी और वहां भांग को लीगल बनाए जाने के बाद सामने आए हालातों का भी बारीकी से अध्ययन करेगी। दरअसल, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में करीब चार साल पहले भांग की खेती को लीगल किया गया था। कमेटी 20 मई से चार दिवसीय दौरे के दौरान यह कमेटी तीन दिन तक उत्तराखंड में, जबकि एक दिन मध्य प्रदेश में रहेगी। इसके बाद रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी। जो भी इनपुट सामने आएंगे, उनके आधार पर राज्य सरकार भांग की खेती पर कदम उठाएगी।
दौरे पर जाएगी समिति
राजस्व और बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि इन दोनों राज्यों में भांग की खेती लाइसेंस के आधार पर करने की इजाजत दी गई है। इन दोनों राज्यों के अब तक के आंकड़ों को देखते हुए ही प्रदेश में आगामी कदम उठाए जाएंगे। भांग की खेती पॉलीहाउस में की जाए या लाइसेंस के आधार पर हो, इस बारे में राज्य सरकार भविष्य में फैसला लेगी। यह कमेटी 20 से 23 मार्च तक दोनों राज्यों के दौरे पर रहेगी।