देश के हर राज्य से विशेष दर्जे की माँग उठ रही है, आखिर क्या करे केंद्र सरकार : आरसीपी सिंह
देश के हर राज्य से विशेष दर्जे की माँग उठ रही है, आखिर क्या करे केंद्र सरकार : आरसीपी सिंह
बिहार के हर जिले का दौरा कर के एनडीए की सभी योजनाओं को पहुँचाना है घर-घर
पटना (बिहार) : नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बनने के बाद, अपनी ही पार्टी जदयू में हाशिए पर जा चुके आरसीपी सिंह ने शुक्रवार को अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर तमाम अटकलों के बीच बड़ा ऐलान किया है। केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा है कि बहुत जल्द वे बिहार के जिलावार दौरे पर निकलेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान वे एनडीए सरकार की तरफ से किए जा रहे कार्यों के बारे में जनता को जानकारी देंगे।
पटना स्थित अपने आवास पर आरसीपी सिंह ने अपने करीबी नेताओं और समर्थकों को दावत पर बुलाया था। दावत से निपटने के बाद मीडिया से आरसीपी सिंह रूबरू हुए और इसी दौरान उन्होंने इस बात का ऐलान कर दिया। आरसीपी सिंह ने कहा है कि बिहार में अभी, बहुत और काम करने की जरूरत है। राज्य के अंदर युवाओं के बीच उद्योग धंधों को लेकर भूख पैदा करने की आवश्यकता है। हमारे यहाँ के युवा दिल्ली और बाकी राज्यों में जाकर काम करते हैं। बिहार के युवा, यूपीएससी जैसी परीक्षाओं में सफलता हासिल करने के लिए जी जान लगा देते हैं लेकिन उद्योग धंधे के पैमाने पर हम काफी पीछे और पिछड़े हैं। बिहार में औद्योगिक क्रांति की जरूरत है। आरसीपी सिंह ने कहा कि वह एनडीए सरकार की तरफ से किए जा रहे कार्यो का लेखा-जोखा लेकर बिहार के आम लोगों के बीच जाएंगे। गौरतलब है कि आरसीपी सिंह का यह दौरा अगले 1 साल तक चलेगा। साल भर के अंदर वह बिहार के आम लोगों के साथ सामयिक और अग्रतर उन्नति के लिए संवाद करेंगे। आरसीपी सिंह ने कहा कि सरकार कई दफे काम करने के बावजूद आम लोगों को यह बता नहीं पाती है कि उनके हित में क्या-क्या किया गया है। वे इसी काम को करने के लिए जनता के बीच जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पटना या दिल्ली में बैठ कर जनता के साथ कनेक्शन नहीं जोड़ा जा सकता। इसके लिए जरूरी है कि जनता के बीच जाया जाए। उन्हें जब भी मौका मिलता है, वह अपने गाँव चले जाते हैं। गाँव के लोगों के साथ संवाद से काफी जानकारी मिलती है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के सवाल पर आरसीपी सिंह ने कहा कि हम ने साल 2010 के बाद लगातार इसको लेकर संघर्ष किया है। पटना से लेकर दिल्ली तक में रैलियाँ की गई। उनकी पार्टी लगातार इसकी माँग करती रही लेकिन केंद्र से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला। आज देश के अंदर किसी भी राज्य के नेता की बात सुन लीजिए। सारे भाषण के बाद, अंतिम में वे अपने राज्य के लिए विशेष दर्जे की माँग रख देते हैं। देश का कोई भी ऐसा राज्य नहीं है, जो विशेष दर्जा नहीं माँग रहा हो। ऐसे में, हमें इस बात को समझ लेना चाहिए कि विशेष दर्जे की माँग के बीच कोई खिड़की खोलते हुए बिहार का कैसे विकास किया जाए, इस पर चिंतन-मनन हो। हमारी प्राथमिकता है कि हर हाल में बिहार का विकास होना चाहिए। आरसीपी सिंह ने उत्तर प्रदेश के चुनाव को लेकर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि यूपी चुनाव को लेकर उनके पास कोई जानकारी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नीतीश कुमार को असली समाजवादी बताए जाने पर आरसीपी सिंह ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं कहा गया है। नीतीश कुमार का कोई राजनीतिक उत्तराधिकारी नहीं है और यह बात बिहार ही नहीं बल्कि देश भर के लोग इसे भली- भांति जानते हैं। आरसीपी सिंह के इन तमामं बयानों से ईतर, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और उनके बीच की तल्खी से बिहार की जनता अवगत है। ललन सिंह ने बिहार में आरसीपी सिंह के खेमे को तितर-बितर करते हुए, अपना नया गुट खड़ा कर लिया है। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि नीतीश कुमार के सबसे करीबी रहे आरसीपी सिंह से नीतीश कुमार भी कन्नी काटते हुए दिख रहे हैं। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में आरसीपी सिंह, जदयू की जगह बीजेपी का हिस्सा हो जाएंगे।
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह