The Chief Minister welcomed the principals

पंजाब में बेमिसाल बदलाव के साथ शिक्षा क्रांति की शुरुआत हुई, मुख्यमंत्री ने सिंगापुर दौरे से लौटे प्रिंसिपल्स का किया स्वागत  

The Chief Minister welcomed the principals

The Chief Minister welcomed the principals

The Chief Minister welcomed the principals- सिंगापुर में प्रशिक्षण लेने के बाद वापस लौटे 36 प्रिंसिपल्स के पहले बैच का स्वागत करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कहा कि प्रिंसिपल्स को बेहतरीन वैश्विक शिक्षा तकनीकों से लैस करने के लिए किए गए इस बेमिसाल बदलाव से राज्य में शिक्षा क्रांति के नए युग की शुरुआत हुई है।  

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की हाजिऱी में प्रशिक्षण से लौटे इन प्रिंसिपल्स के साथ संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रिंसिपल्स के तजुर्बों से विद्यार्थियों को उनकी रुचियों के मुताबिक भविष्य के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए यह ऐतिहासिक दिन है क्योंकि यह प्रिंसिपल्स  विद्यार्थियों को मानक शिक्षा देने के लिए एक प्रेरक के तौर पर काम करेंगे। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने इस कार्यक्रम की शुरुआत जहाँ एक तरफ़ राज्य में शिक्षा प्रणाली की कायाकल्प करने के उद्देश्य से की, वहीं दूसरी ओर इससे विद्यार्थियों का भविष्य रौशन होना सुनिश्चित बनेगा।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट द्वारा विद्यार्थियों को विदेश में प्रशिक्षण के लिए दी गई मंज़ूरी के मद्देनजऱ राज्य सरकार द्वारा यह अपनी तरह की पहली पहल है। इस पृथक प्रयास संबंधी बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी नई नीति पेश होती है तो विरोध की आवाज़ उठती है, परन्तु वह राज्य के हित में कोई भी फ़ैसले लेने में कोई गुरेज़ नहीं करेंगे। भगवंत मान ने कहा कि वह अध्यापकों की बुनियादी समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ़ हैं, क्योंकि वह एक अध्यापक के बेटे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अध्यापकों की सेवाएं अध्यापन के अलावा अन्य किसी काम के लिए नहीं लेगी।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको केंद्र सरकार से पत्र मिला कि अध्यापकों की ड्यूटी जनगणना के लिए लगाई जाए, परन्तु उन्होंने इसको सिरे से नकार दिया और कहा कि इस काम के लिए अन्य शिक्षित नौजवान लगाए जाएँ। उन्होंने कहा कि इससे जहाँ नौजवानों को रोजग़ार का अवसर मिलेगा, वहीं विद्यार्थियों के लिए मानक शिक्षा सुनिश्चित बनेगी। ‘तजुर्बे उम्र के साथ आएं’ के मुहावरे का हवाला देते हुए भगवंत मान ने कहा कि हम अन्यों के तजुर्बों से लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि पिछली सरकारों की लापरवाही के कारण पंजाब पहले ही शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है।  

अध्यापकों को बच्चों के लिए आदर्श बनने के लिए कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य अध्यापकों के पेशेवर कौशल को निखारना है, जिससे वह विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा दे सकें। भगवंत मान ने कहा कि इस पहल से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए मानक शिक्षा के नए दरवाज़े खुलेंगे, जिससे वह कॉन्वेंट स्कूल के पढ़े अपने साथियों का मुकाबला करने और जीवन में सफल होने के योग्य होंगे। उन्होंने दोहराया कि अध्यापक राष्ट्र के निर्माता हैं, जो शिक्षा का स्तर ऊँचा उठा सकते हैं। इसलिए राज्य सरकार ने अध्यापकों को मानक शिक्षा सुनिश्चित बनाने का फ़ैसला किया है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गारंटी के अंतर्गत 36 सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल्स के पहले बैच को पेशेवर प्रशिक्षण के लिए 4 फरवरी से सिंगापुर भेजा गया था। उन्होंने कहा कि सिंगापुर में ठहरने के दौरान इन प्रिंसिपल्स ने 6 से 10 फरवरी तक पेशेवर अध्यापक प्रशिक्षण में भाग लिया था। भगवंत मान ने कहा कि पहला बैच अपना प्रशिक्षण मुकम्मल होने के बाद आज वापस भारत आया है।  

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से अध्यापक आधुनिक अध्यापन तकनीकों के साथ-साथ लीडरशिप कौशल के साथ लैस होंगे। इसके अलावा वह कोरोना महामारी के बाद की शिक्षा ज़रूरतों के साथ कदम मिलाने से ऑडियो-वीडियो प्रौद्यौगिकी और अन्य आधुनिक शिक्षा सुविधाओं, रणनीतिक प्रबंधन और अन्य ज़रूरी सुविधाओं से अवगत होंगे। उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि इस मील का पत्थर साबित होने वाली पहल के अंतर्गत राज्य में शिक्षा प्रणाली में सुधार होगा। भगवंत मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब इन कोशिशों के से पंजाब शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा। उन्होंने कहा कि यह अहम कार्यक्रम आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा।  

जनसभा को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आशा अभिव्यक्त की कि परस्पर आपसी अदला बदली कार्यक्रम आने वाले समय में लाभप्रद साबित होगा और इसको भविष्य में बाकायदा बनाया जाएगा। शिक्षा क्षेत्र के कायाकल्प के लिए अपने तजुर्बे साझे करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर ज़ोर देने के अलावा ऐसे कार्यक्रमों के साथ प्रिंसिपल्स और अध्यापकों में रचनात्मक ऊर्जा भरने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि जब हमने ऐसे सुधारों के साथ नतीजे देने शुरू किए तो लोगों ने अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलों से हटाकर सरकारी स्कूलों में दाखि़ला करवाने में रुचि दिखाई।  

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े गर्व और स्ंतुष्टी की बात है कि स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र में यह सुधार करने के लिए दिल्ली में कई साल लगे, जबकि पंजाब ने भगवंत मान के नेतृत्व अधीन केवल 10 महीनों में ही यह काम पूरा कर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में ऐसीं लोक हितैषी पहलें लागू करने के दिल्ली सरकार के रास्ते में काँटे बीजने वालों की आलोचना की। केजरीवाल ने कहा कि इन लोगों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे और यह लोक हितैषी पहल दिल्ली में लागू की जाएगी। अध्यापकों के अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण की वकालत करते हुए अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए वैश्विक शिक्षा तकनीकों संबंधी तजुर्बे समय की ज़रूरत है।  

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार का यह पृथक प्रयास राज्य में शिक्षा प्रणाली में बड़े स्तर पर सुधार लाएगा। उन्होंने कहा कि अब ढांचा तैयार हो गया है और वह दिन दूर नहीं, जब हम सिंगापुर के अध्यापकों को प्रशिक्षण के लिए पंजाब आता देखेंगे। केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री की शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए इस बेमिसाल पहल के लिए सराहना की।  

इस अवसर पर प्रिंसिपल्स ने सिंगापुर में प्रशिक्षण के दौरान मिले तजुर्बे साझे किए। उन्होंने अपने कौशल में निखार के लिए राज्य सरकार द्वारा इस ऐतिहासिक पहल की तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब इस कदम से विद्यार्थियों ख़ास तौर पर समाज के कमज़ोर और पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों का जीवन बदलेगा।  

इस समय उपस्थित अहम शख्सियतों में अन्यों के अलावा दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस और अन्य उपस्थित थे।