देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा बजट, बजट में समाज के सभी वर्गों के उम्मीद की किरण
- By Vinod --
- Saturday, 01 Feb, 2025
The budget will have a positive impact on the country's economy
The budget will have a positive impact on the country's economy- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया: -पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री पंजाब चैप्टर के चेयर करण गिल्होत्रा ने कहा कि यह बजट समाज के सभी वर्गों के लिए उम्मीद की किरण है। उन्होंने 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वालों के लिए आयकर माफ करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह देश के मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत होगी, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप के लिए 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान उद्यमियों के लिए उम्मीद की नई किरण है। बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने के निर्णय की सराहना करते हुए गिल्होत्रा ने कहा कि इससे सेवा क्षेत्र में नए निवेश आएंगे।
बजट में किसान क्रेडिट कार्ड के तहत सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है।
-पीएचडीसीसीआई के चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष मधु सूदन विज ने कहा कि एमएसएमई कवर को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने का निर्णय देश में एमएसएमई क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगा, जो 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार देने और देश में हमारे विनिर्माण का 36 प्रतिशत उत्पादन करने के लिए जि मेदार है। उन्होंने ईवी बैटरी निर्माण के लिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं और मोबाइल फोन बैटरी निर्माण के लिए 28 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं को जोडऩे के कदम की भी सराहना की।
-पीएचडीसीसीआई के हरियाणा राज्य चैप्टर के अध्यक्ष सजन कुमार जैन ने कहा कि आसान ऋ ण की सुविधा के लिए निर्यात प्रोत्साहन मिशन की स्थापना की घोषणा से भारतीय कंपनियां वैश्विक स्तर पर जाएंगी और अपना कारोबार बढ़ाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि भारत को खिलौना विनिर्माण के लिए वैश्विक केंद्र बनाने के सरकार के विजन से न केवल खिलौना उद्योग को समर्थन मिलेगा, बल्कि बहुत सारे नए रोजगार भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने दरों और सीमाओं की संख्या को कम करके स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) को तर्कसंगत बनाने की लंबे समय से लंबित आवश्यकता को भी संबोधित किया है, जिससे प्रक्रिया अधिक करदाता-अनुकूल हो गई है।
एसोचैम नॉर्थ रीजन ने बजट सत्र आयोजित किया: केंद्रीय बजट 2025-26 को लेकर हुई चर्चा
-सभी उपस्थितों को सरल भाषा में बजट प्रावधानों के बारे में जानकारी दी गई
भारत की प्रमुख इंडस्ट्री आर्गेनाइजेशन, एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री इन इंडिया (एसोचैम), नॉर्थ रीजन ने शनिवार को अंडरस्टैंडिंग यूनियन बजट 2025-26, पर विशेष सेशन का आयोजन किया। इस विशेष बजट सेशन में कुमार गौरव धवन, (आईआरएस), केंद्रीय जीएसटी आयुक्त, यूटी चंडीगढ़, विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए।
कुमार गौरव धवन, ने केंद्रीय बजट 2025-26 की सराहना की और कहा कि इसमें सभी वर्गों के लिए प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से कृषि और एमएसएमई क्षेत्रों पर काफी ध्यान केन्द्रित किया गया है। इन प्रमुख क्षेत्रों में विकास और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट है और उनके लिए बजट में काफी नई पहलों को शुरू करने की बात शामिल की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट में सभी क्षेत्रों को व्यापक रूप से शामिल किया गया है, जिससे पूरे देश में सभी का समग्र आर्थिक विकास सुनिश्चित होता है।
-अभि बंसल, चेयरमैन, एसोचैम पंजाब स्टेट काउंसिल और डायरेक्टर, सरस्वती ग्रुप ऑफ कंपनीज ने बढ़ी हुई आयकर छूट के महत्वपूर्ण लाभों पर जोर देते हुए सभी उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बजट में आयकर छूट की सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे आम लोगों की खरीद क्षमता बढ़ेगी और अधिक खपत को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने पंजाब के लिए बजट के कृषि उपायों के सकारात्मक प्रभाव पर भी प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि दालों और कपास की खेती को बढ़ावा देने से गेहूं और धान पर पारंपरिक निर्भरता से दूर जाने को बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अगले तीन वर्षों में जिला अस्पतालों में डे केयर कैं सर सेंटर स्थापित करने की सरकार की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में सुधार के लिए मदद मिलेगी और ये एक काफी सराहनीय कदम है।
-राकेश भल्ला, चेयरमैन, एसोचैम चंडीगढ़ यूटी काउंसिल और सीएफओ, एसएमएल इसुजु ने केंद्रीय बजट पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह काफी संतुलित बजट है। उन्होंने बताया कि पिछले 15 वर्षों में पहली बार अर्थव्यवस्था के हर सेक्टर को लाभ होता दिख रहा है। उल्लेखनीय रूप से, मध्यम वर्ग, जिसे अतीत में अक्सर नजरअंदाज किया जाता था, को महत्वपूर्ण टैक्स छूट यानि कर राहत मिली है, खासकर 12 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों के लिए, जो उम्मीदों से थोड़ा अधिक है। उनको करीब 60 हजार रुपए वार्षिक का फायदा मिलता दिख रहा है। उन्होंने एमएसएमई उद्योग को दिए गए लाभों का भी स्वागत किया, विशेष रूप से कर गारंटी सीमा को दोगुना करना, जो इस क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। सामाजिक मोर्चे पर, कैंसर की दवाओं के लिए छूट एक बहुत जरूरी और सराहनीय कदम है। इसके अलावा, शिक्षा के क्षेत्र में, कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना और आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या में वृद्धि युवा प्रोफेशनल्स के लिए बहुत जरूरी राहत और अवसर प्रदान करेगी।
-अतुल दीप गुप्ता, एफसीएमए, एसीसीए ने केंद्रीय बजट 2025 की प्रमुख पहलों के बारे में आसान शब्दों में बात करते हुए कहा कि इन नए प्रावधानों से विभिन्न क्षेत्रों में विकास को नई गति प्रदान होगी। अगले साल मेडिकल कॉलेजों में 10,000 अतिरिक्त सीटें जोडऩे की योजना, अगले पांच वर्षों में 75,000 सीटें जोडऩे से हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की कमी दूर होगी। उन्होंने यह भी कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान देने से भारत की व्यापार में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता बढ़ेगी। पंजाब के लिए उन्होंने कहा कि फसल विविधीकरण के साथ कृषि क्षेत्र के लिए घोषित उपायों का उद्देश्य चावल पर निर्भरता में विविधता लाना है। उन्होंने यह भी कहा कि किराए पर टीडीएस की वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने से छोटे करदाताओं को बहुत लाभ होगा और अधिक नकदी प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा। इस तरह के कई प्रावधानों के साथ बजट में काफी लोगों की उम्मीदों को पूरा किया गया है।
-रविंदर चांदला, रीजनल डायरेक्टर, एसोचैम नॉर्थ, अतुल मंधार, मंधार एंड एसोसिएट्स, नवीन मिंगलानी, प्रेसिडेंट, चैंबर ऑफ चंडीगढ़ इंडस्ट्रीज ने भी बजट सेशन के दौरान अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने केंद्रीय बजट 2025 का स्वागत किया:
शिक्षा पर जीडीपी पर बीती मर्तबा से 6 फीसदी खर्च करना बढिय़ा कदम
-अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025 में शिक्षा क्षेत्र के लिए पिछले वर्ष की तुलना में 6.65 फीसदी की वृद्धि के साथ 1,28,650 करोड़ के आवंटन का स्वागत किया है। महासंघ ने इस बजट को शिक्षा के बुनियादी ढांचे के विस्तार, डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहन, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। हालांकि, महासंघ ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार को शिक्षा क्षेत्र पर जीडीपी का कम से कम 6 फीसदी खर्च करने की दिशा में ठोस पहल करनी चाहिए ताकि नई शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को पूर्ण रूप से हासिल किया जा सके। महासंघ के अध्यक्ष डॉ.धर्मेन्द्र शास्त्री ने बजट में पीएम श्री योजना के लिए 7,500 करोड़, पीएम पोषण योजना के लिए 12,500 करोड़ और उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए 50,077.95 करोड़ के आवंटन को सकारात्मक बताया है । इसके साथ ही, देश के 5 आईआईटी में 6,500 नई सीटों, मेडिकल कॉलेजों में अगले 5 वर्षों में 75,000 नई सीटों, 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना जैसी घोषणाओं को भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया है। शैक्षिक महासंघ ने कहा कि सरकार द्वारा शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 10,000 नई पीएम रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ स्कीम), ग्लोबल एक्सपर्ट्स की साझेदारी में 5 नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्किलिंग और प्राइवेट सेक्टर-ड्रिवन रिसर्च, डेवलपमेंट व इनोवेशन के लिए 20,000 करोड़ का प्रावधान सराहनीय है। पीएम इंटर्नशिप योजना में वृद्धि से युवाओं को कार्य-अनुभव प्राप्त करने में मदद मिलेगी और भारत नेट परियोजना के तहत ग्रामीण सरकारी स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। महासंघ ने सरकार से मांग की है कि शिक्षा क्षेत्र का बजट बढ़ाकर जीडीपी का कम से कम 6 फीसदी किया जाए ताकि सभी विद्यार्थियों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके। महासंघ ने कहा कि उच्च शिक्षा और अनुसंधान को और अधिक समर्थन देने, शिक्षक प्रशिक्षण में सुधार और डिजिटल शिक्षा का विस्तार करने के लिए शिक्षा बजट को और बढ़ाने की आवश्यकता है।
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बजट विकसित भारत के दृष्टिकोण को दर्शाता है : टंडन
यह बजट आत्म निर्भर भारत निर्माण की और एक मजबूत कदम है: टंडन
वित्तमंत्री निर्मल सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया गया बजट विकसित भारत के दृष्टिकोण को दर्शाता है , जो आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे और समाज के हर वर्ग के कल्याण पर केंद्रित है। यह बजट आत्म निर्भर भारत निर्माण की और एक मजबूत कदम है। ये बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं हिमाचल प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी संजय टंडन ने चंडीगढ़ भाजपा द्वारा पार्टी कार्यालय कमलम में केंद्रीय बजट आंकलन पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि पार्टी ने बजट पर चर्चा के लिए चंडीगढ़ और उसके आस पास के सुप्रसिद्ध नामी चार्टेड अकाउंटेंट को बुलाया गया था ताकि वो अपने अनुभवों के आधार पर बजट के बारे में चर्चा में भाग ले सकें। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री ने इस बजट में सभी वर्गों के लोगों का ख्याल रखा है। मध्यम वर्गीय परिवारों को भी अब आयकर रिटर्न में सरकार काफी छूट देने जा रही है। अब 12 लाख रुपये तक की आय पर किसी भी व्यक्ति को कोई आयकर नहीं देना होगा। सीनियर सिटीजन को बैंक या पोस्ट ऑफिस में अपने डिपॉजिट पर एक वित्त वर्ष में एक लाख रुपये तक का इंटरेस्ट मिलता है तो बैंक या पोस्ट ऑफिस उस पर टीडीएस नहीं काटेगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में केंद्र सरकार ने बजट में 36 जीवन रक्षक दवाओं पर ड्यूटी टैक्स को खत्म करने की बात कही है। इस से सभी देशवासियों को इसका सीधा सीधा लाभ प्राप्त होगा। देश के मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में अगले पांच वर्षों में 75000 मेडिकल सीट बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर पहले वर्ष 10000 मेडिकल सीट को बढ़ाया जायेगा। मेडिकल सीट बढ़ाये जाने से इसका भी फायदा छात्रों को होगा। अब ज्यादा लोग मेडिकल कॉलेज में दाखिला प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि गत वर्षों के बजट की भाँति इस बार भी केंद्र सरकार ने देश के सभी वर्गों को इसमें कुछ न कुछ प्रदान किया है। कुल मिला कर ये एक अच्छा बजट है और इसके भविष्य में सकरात्मक परिणाम होंगे। देश की जनता को इसके लाभ प्राप्त हो सकेंगे।
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- भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ,चंडीगढ़ के सहायक निदेशक (सेवानिवृत्त) एस के नैय्यर:
2025-26 के लिए आज के बजट में केंद्र सरकार द्वारा सभी मध्यमवर्गीय परिवारों, विशेषकर वेतनभोगी वर्ग को बिल्कुल अप्रत्याशित-आश्चर्यचकित दिया गया है। इस प्रकार, हम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी और वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण जी के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं। हालाँकि, हम वेतनभोगी करों में कुछ राहत के लिए अधिकतम 8-10 लाख तक की कर-राहत राहत की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने तो अप्रत्याशित रूप से 12.75 लाख तक के किसी भी कर के बिना पर-राहत की घोषणा की है जोकि अति प्रसंशनीय एवं अद्भुत है। कुल मिलाकर बजट लगभग सभी वर्गों को खुश करने वाला है।
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विकसित भारत के विकास का बजट ; सभी वर्गों का रखा गया ख्याल रखा गया :कैलाश चंद जैन
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं उद्योग व्यापार मंडल चंडीगढ़ के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन ने आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किए गए बजट को विकसित भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए और ऊर्जावान भारत के सपने को पूरा करने के संकल्प वाला बजट बताया है जिसमें हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। विशेष तौर पर मध्यम वर्ग की वित्तीय भलाई वाला बजट है। 12 लाख रुपए तक की आय पर शून्य आयकर , छोटे उद्योगों के लिए विशेष क्रेडिट कार्ड योजना, सीनियर सिटीजंस के लिए दोगुनी टैक्स छूट , इनकम टैक्स फाइलिंग को 2 वर्ष से बढक़र 4 वर्ष करना, वेंडर्स के लिए ऋ ण सीमा दस हजार से बढक़र 30 हजार रुपए करना, एमएसएमई व स्टार्टअप के लिए लोन गारंटी कवर में बढ़ोतरी आदि घोषणाओं से छोटे व्यापारियों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। कु ल मिलाकर यह एक विकसित भारत के विकास का बजट है जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तथा पूरी केंद्र सरकार बधाई के पात्र है।
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केंद्र सरकार का बजट महिला विरोधी: दीपा दुबे
चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा दीपा दुबे ने कहा कि केंद्रीय सरकार का बजट महिला विरोधी है । उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार क्यों बजट बनाते हुए देश की आदि आबादी महिलाओं को भूल जाती है जबकि केंद्रीय वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण खुद महिला है उसके बावजूद महिलाओं का ना सोचकर पंूजीपतियों के फायदे का बजट पेश किया है। महिलाओं की सुरक्षा को मध्य नजर रखते हुए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया है। इस बजट में ना तो महिला की रसोई के बारे में सोचा गया। युवतियों , महिलाओं, बुजुर्गों, गर्भवती और विधवा महिलाओं के लिए कोई सहुलत नहीं दी गई। ना ही रोजगार की बात और ना ही सिर्फ और सिर्फ कुछ बड़े पूंजीपतियों को खुश करने जैसा लगा मोदी सरकार का बजट।
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आज भारत सरकार के द्वारा पेश किया गया बजट केवल एक साल में होने वाली बजट प्रक्रिया और बजट समारोह का हिस्सा है। आज पूरे देश के अंदर सभी सोशल मीडिया और मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस बात को बढ़ा कर दिखाया जा रहा है कि मिडल क्लास लोगों के लिए इनकम टैक्स की 12 लाख आए तक छूट दे दी गई है। अभी इस पर बाद में पता चलेगा कि किस प्रकार से सरकार ने दूसरे रास्ते से आम आदमी की जेब काटने का काम किया है। आज जिस प्रकार से भाजपा सरकार 3.0 के बजट को बहुत अच्छा बता रही है इस सरकार से यह सवाल पूछते हैं कि जब भाजपा सरकार 2.0 द्वारा पिछले बजट पेश किए गए थे उनमें की गई घोषणाएं क्या आज देश के अंदर लागू हो गई हैं। देश में 2014 के अंदर सरकार बनने से पहले भाजपा के नेताओं ने प्रतिवर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, क्या आज देश के अंदर 22 करोड़ लोगों को रोजगार दे दिया गया है। पिछली सरकार के बजट के अंदर 100 स्मार्ट सिटीज के लिए पैसा दिया गया था, क्या वह पैसा 100 स्मार्ट सिटीज के लिए पहुंंचा। केवल घोषणाएं करना इस भाजपा सरकार का काम है पिछली की हुई घोषणाओं को पीछे छोडक़र आगे नई-नई लुभावनी घोषणाएं करना ताकि देश के दूसरे के अंदर हो रहे चुनाव में फायदा मिल सके। बिहार के अंदर बहुत बड़ी संख्या में बिहार प्रदेश के लिए घोषणा करना आने वाले चुनाव में लोगों को वोटों के लिए अपनी ओर खींचने जैसा है। भारत एक कृषि प्रधान देश है। 2020-21 में जब देश का किसान दिल्ली के बॉर्डर पर बैठा तब भी किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया गया और आज भी देश के किसान भारत सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे हैं लेकिन आज भी किसानों के द्वारा मांगी जा रही एमएसपी के ऊपर इस बजट में कुछ नहीं दिया गया।