चंडीगढ़ में शेयर वाइज प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पर रोक के विरोध में उतरी एसोसिएशन कही यह बात
Registry of Share Wise Property
Registry of Share Wise Property: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चंडीगढ़ प्रशासन(Chandigarh Administration) द्वारा शहर में शेयर वाइज रेजिडेंशयल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री(share wise registry of residential property) पर पूरी तरह रोक लगाने के खिलाफ प्रॉपर्टी एसोसिएशंस एकजुट(Property Associations United) हो गई हैं। रविवार को सेक्टर 22 के कम्युनिटी सेंटर(community center) में कई एसोसिएशंस और राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे और इस मुद्दे पर बात की। यहां भाजपा नेता दविंदर सिंह बबला, कांग्रेस प्रधान एचएच लक्की और सेक्टर 22 से एरिया काउंसलर दमनप्रीत सिंह मुख्य रूप से पहुंचे।
द चंडीगढ़ प्रॉपर्टी शेयर होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन(The Chandigarh Property Share Holder Welfare Association) के बैनर तले यह मीटिंग हुई। जिसमें कई प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स(Property Consultants) और लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले और प्रशासनिक आदेशों को लेकर अपने विचार रखे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर शहर में असमंजस / Confusion in the city regarding the decision of the Supreme Court
बता दें कि शहर में अभी भी सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम फैसले को लेकर प्रॉपर्टी की शेयर वाइज रजिस्ट्रेशन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बीते दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिमन्यु तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट को आम भाषा में समझाते हुए बताया था कि अपार्टमेंट वाइज सेल पर रोक लगी है न कि शेयर वाइज सेल पर रोक लगाई गई है।
तानाशाही फरमान बताया / Dictatorship decreed
एचएस लक्की ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी नहीं करना चाहते। यह सर्वोच्च अदालत की राय हो सकती है, मगर चंडीगढ़ में कई लोगों ने प्रॉपर्टी के शेयर ले रखे हैं। पहले प्रशासन ने उन्हें नहीं रोका और वहीं अब तानाशाही ढंग से एक फरमान जारी कर दिया। जिसके तहत कोई भी शेयर ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहीं नहीं कहा गया कि शेयर वाइस ट्रांसफर रोका या बंद किया जाए। इस मुद्दे पर प्रशासन को तुरंत एक मीटिंग बुलानी चाहिए जिसमें एक्सपर्ट्स और राजनीतिक पार्टियों के नुमाइंदों को शामिल कर शेयर वाइस रजिस्ट्रेशन को दोबारा बहाल किया जाना चाहिए।
किसी को प्रॉपर्टी बेचनी पड़ जाए तो क्या करे? / What to do if someone has to sell the property?
लक्की ने कहा कि यदि गंभीर हालातों में किसी व्यक्ति को अपनी प्रॉपर्टी बेचनी हो तो वह क्या करे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद प्रशासन ने अपने स्तर पर जो फैसला लिया है उसे वापस लेने के लिए प्रशासन के अफसरों से मांग की जाएगी। लक्की ने कहा कि चंडीगढ़ को हैरिटेज सिटी का टैग देकर तानाशाही फरमान जारी कर दिया गया। एक ओर सरकार ईज ऑफ लिविंग की बात करती है और दूसरी ओर लोगों को ऐसे फैसलों से परेशान कर रही है।
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