Chandigarh: आईटी पार्क का हाऊसिंग प्रोजेक्ट प्रशासन ने किया रिजेक्ट
- By Vinod --
- Friday, 29 Sep, 2023
The administration rejected the housing project of IT Park
The administration rejected the housing project of IT Park- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के आईटी पार्क में बनाये जाने वाले हाऊसिंग प्रोजेक्ट को प्रशासन की ओर से रद्द कर दिया गया है। इलाका इको सेंसटिव जोन में होने के चलते बोर्ड के इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी गई है। इससे आईटी पार्क में हाऊसिंग योजना की बाट जोह रहे लोगों को जोर का झटका लगा है। हाऊसिंग प्रोजेक्ट के अलावा यहां पर एक अस्पताल, एक स्कूल और एक फाइव स्टार होटल भी बनाने की योजना थी। इससे पहले प्रशासक ने सेक्टर-53 के हाउसिंग प्रोजेक्ट को भी रद्द कर दिया था।
चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड ने जब इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी थी, तो केंद्र सरकार की तरफ से इस पर आपत्ति जताई गई थी और कहा गया था कि यहां पर सुखना वन्य जीव अभ्यरण्य है और इसके पास बनी ऊंची इमारतें प्रवासी पक्षियों के रास्ते में रुकावट उत्पन्न कर सकती है। इसके अलावा अगर यहां रिहाइशी मकान बनाए जाते हैं, तो इसे निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ, शोर और वायु प्रदूषण के कारण पक्षियों के जीवन में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसके बाद दोबारा भी केंद्र को पत्र लिख कर परियोजना पर विचार करने को कहा गया था।
यहां बता दें कि चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से आईटी पार्क में यह प्रोजेक्ट बनाने के लिए तर्क रखा गया था कि जहां हाऊसिंग प्रोजेक्ट बनाया जाना है, वह इको सेंसिटिव जोन से 1.25 किलोमीटर दूर है। यहां पर निर्माण कार्य की अनुमति है। 2017 में 2.75 किलोमीटर तक के इलाके को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था, लेकिन बाद में विभाग ने यहां पर निर्माण कार्य के लिए अनुमति दे दी थी। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की तरफ से यहां पर तीन कैटेगरी के 728 मकान बनाए जाने थे।
इसमें चार बेडरूम, तीन बेडरूम और दो बेडरूम के मकान बनाने थे। इसमें चार बेडरूम की कीमत करीब 2.75 करोड़, तीन बेडरूम की कीमत 1.90 करोड़ और दो बेडरूम की कीमत 1.30 करोड रुपए प्रस्तावित की गई थी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की तरफ से सेक्टर 53 में एक अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम लाई जा रही थी। इसमें हाउसिंग बोर्ड की तरफ से दो बेडरूम और तीन बेडरूम के 340 फ्लैट बनाने का फैसला किया गया था, लेकिन चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने इस प्रोजेक्ट पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद इसे रद्द कर दिया गया था।