डबल पैसे का झांसा देकर कैथल में 100 करोड़ की ठगी आरोपी विदेश फरार

 डबल पैसे का झांसा देकर कैथल में 100 करोड़ की ठगी आरोपी विदेश फरार

Kaithal Fraud Case

Kaithal Fraud Case

Kaithal Fraud Case: कैथल जिले में एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसमें 900 लोगों से करीब 100 करोड़ रुपये की ठगी की गई। कैथल का बिट फिक्स घोटाला हरियाणा के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक बन चुका है। 900 लोगों के 100 करोड़ रुपये डूब चुके हैं और ठगी के मास्टरमाइंड विदेश फरार हो चुके हैं। अब पीड़ितों को न्याय मिलेगा या नहीं, यह सरकार और प्रशासन की कार्रवाई पर निर्भर करता है। लेकिन एक बात तय है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला और बड़ा रूप ले सकता है।

बिट फिक्स (Bit Fix) नामक फर्जी कंपनी ने 25 महीनों के भीतर निवेश की गई राशि को दोगुना करने का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसा लिया। कंपनी ने पहले कुछ लोगों को रिटर्न दिया, जिससे आम जनता का भरोसा बढ़ा, लेकिन जब बड़ी रकम निवेश हो गई, तो इसके संचालक गुरबाज और सोनू विदेश फरार हो गए।

 पीड़ितों का धरना, पुलिस ने हटवाया

जब निवेशकों को ठगी का अहसास हुआ, तो उन्होंने कैथल के जसवंती गांव में धरना प्रदर्शन किया। ठगी के शिकार लोगों ने सरकार और प्रशासन से न्याय की मांग करते हुए कहा कि उनकी जिंदगी की पूरी कमाई चली गई है और अब वे आर्थिक संकट में हैं।

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मांग की कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर उनका पैसा वापस दिलाया जाए। हालांकि, सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची सदर थाना पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को यह कहकर हटा दिया कि धरना देने के लिए प्रशासन की अनुमति जरूरी है। सब-इंस्पेक्टर रमेश चंद्र ने बताया कि यह पैसों के लेन-देन से जुड़ा मामला है और निवेशकों को कानून का पालन करना होगा

कैसे हुआ घोटाला?

बिट फिक्स कंपनी ने अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए पिहोवा और कुरुक्षेत्र में ऑफिस खोले थे। इन कार्यालयों में कंपनी के एजेंट और कर्मचारी निवेशकों को यह भरोसा दिलाते थे कि उनका पैसा सुरक्षित है और 25 महीनों में 100% से अधिक का रिटर्न मिलेगा। कंपनी ने शुरू में कुछ लोगों को निवेश पर लाभ देकर उनके जरिए प्रचार करवाया। इससे पुलिसकर्मियों, डॉक्टरों, बिजनेसमैन और ग्रामीणों सहित कई लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई इसमें लगा दी। किसी ने रिटायरमेंट का पैसा लगाया, तो किसी ने अपनी जमीन बेचकर निवेश कर दिया। लेकिन जैसे ही कंपनी को बड़ी रकम मिल गई, इसके मालिक फरार हो गए और कार्यालय बंद कर दिए गए।आरोपी विदेश फरार, पुलिस कर रही जांच

ठगी के मुख्य आरोपी गुरबाज और सोनू घोटाले के बाद विदेश भाग चुके हैं। पुलिस को शक है कि वे किसी अन्य देश में छिपे हुए हैं। अब पुलिस इनके अंतरराष्ट्रीय ठिकानों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही है। इस मामले में पीड़ित निवेशकों ने प्रशासन से मांग की है कि Interpol और अन्य एजेंसियों की मदद से इन आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। निवेशकों का कहना है कि अगर जल्द न्याय नहीं मिला, तो वे प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन करेंगे।

क्यों हुआ इतना बड़ा घोटाला?

प्रशासनिक लापरवाही: बिट फिक्स जैसी फर्जी कंपनियां बिना किसी सरकारी निगरानी के काम कर रही थीं, जिससे लोग आसानी से इनके जाल में फंस गए। लालच और भरोसे का फायदा: शुरुआत में लोगों को लाभ देकर उनके रिश्तेदारों और जानने वालों को निवेश के लिए प्रेरित किया गया। बड़े नामों की भागीदारी: कई पुलिसकर्मी, डॉक्टर, बिजनेसमैन और प्रभावशाली लोग इसमें निवेश कर चुके थे, जिससे अन्य लोग भी विश्वास कर बैठे

क्या कहते हैं ठगी के शिकार लोग?

रामेश्वर सिंह, रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी:"मैंने अपनी पूरी रिटायरमेंट की बचत बिट फिक्स में लगा दी थी। शुरू में उन्होंने अच्छा मुनाफा दिया, लेकिन फिर अचानक पैसा देना बंद कर दिया और अब वे फरार हो गए हैं। मैंने पूरी जिंदगी की कमाई गवा दी।"

सुमित कुमार, किसान: "मैंने अपनी ज़मीन बेचकर इस स्कीम में पैसे लगाए थे, क्योंकि मुझे यकीन था कि मैं इससे अच्छा लाभ कमा सकूंगा। लेकिन अब मेरे पास न पैसा बचा और न ही ज़मीन। सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए।"