Terrorist Funding : आतंकी फंडिंग के लिए क्यों मोहरा बन रहे पंजाब के युवा
- By Krishna --
- Sunday, 20 Nov, 2022

Why the youth of Punjab are becoming pawns for terrorist funding
Terrorist Funding : पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद (Pakistan sponsored terrorism) की जड़ें भारत में खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं, तो इसकी वजह उन युवाओं का इससे जुड़ा होना है, जोकि अपने राज्य और देश के खिलाफ जाकर टेरर फंडिंग समेत दूसरे अपराधों में सम्मिलित पाए जा रहे हैं। यह हैरान करने वाली बात है कि पंजाब यूनिवर्सिटी का एमए का छात्र (MA student at Panjab University) टेरर फंडिंग में गिरफ्तार किया गया है। पंजाब पुलिस ने जिस छात्र को गिरफ्तार किया है, वह पंजाब यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट आफ गांधीयन एंड पीस स्टडीज का विद्यार्थी है, यानी वह पढ़ाई तो महात्मा गांधी के विचारों की कर रहा है, लेकिन आरोपी है पंजाब और देश में हिंसा फैलाने के लिए पैसा जुटाने का। यह कैसी विडम्बना है कि पंजाब यूनिवर्सिटी जिसका शिक्षा जगत में बेहद सम्माननीय स्थान है, वहां ऐसे तत्व भी हैं जोकि पढ़ाई का ढोंग करते हुए अपने आतंकी मंसूबों को पालते-पोसते रहते हैं। पंजाब के कॉलेजों और पंजाब यूनिवर्सिटी से अनेक ऐसे नाम सामने आते हैं, जोकि गैंगस्टर्स बन चुके हैं, कुछ तो ऐेसे भी हैं, जोकि अब दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके नाम पर गैंग चल रहे हैं।
बेशक, शिक्षण संस्थानों को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। पंजाब में अतिरेक पूर्ण सोच के लोग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (Pakistan's intelligence agency ISI) के इशारे पर अपने राज्य और देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी का टेरर फंडिंग में पकड़ा गया छात्र भी उसी राह पर चल रहा है। आखिर बगैर पुख्ता इनपुट जांच एजेंसी किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर सकती। हर्षवीर बाजवा नामक इस छात्र पर आरोप है कि वह आईएसआई के एजेंट के तौर पर काम कर रहा है और उसके खाते में रुपये आ रहे हैं। उसकी गिरफ्तारी ट्रांजेक्शन और अन्य डिटेल के आधार पर की गई है। उसे विदेश में बैठे लखबीर सिंह और लॉरेंस बिश्नोई गैंग (Lakhbir Singh and the Lawrence Bishnoi gang) के सदस्य गोल्डी बराड़ का साथी बताया गया है। गौरतलब है कि पंजाब में आजकल टारगेट किलिंग की वारदातें अपने चरम पर हैं, बीते दिनों ही एक हिंदू नेता और एक डेरा प्रेमी की हत्या कर दी गई थी। इससे पहले भी राज्य में अनेक लोगों की हत्याएं अंजाम दी गई हैं, इन सभी हत्याओं में विदेश में बैठे गैंगस्टरों का हाथ सामने आ रहा है। वे खुद सोशल मीडिया पर इन हत्याओं की जिम्मेदारी ले रहे हैं। अब इस गिरफ्तारी के बाद यह सामने आ रहा है कि हर्षवीर नामक आरोपी को दुबई, अमेरिका, फिलीपींस, इटली और मलेशिया में रह रहे पंजाब मूल के निवासी स्पीलर सेल के लिए टेरर फंडिंग कर रहे थे। यह सूचनाएं कितनी हैरान करती हैं कि पंजाब की जनता जोकि सुकून से जीना चाहती है, वहां ऐसे लोग भी हैं जोकि आईएसआई के इशारे पर अपने ही लोगों की सुख-शांति और उनका जीवन नष्ट करने में लगे हैं। क्या इस तरह से पंजाब खुशहाल बन पाएगा?
निश्चित रूप से टेरर फंडिंग (Terror funding) आतंकवाद को पोषित करने का जरिया है, दिल्ली में नो मनी फॉर टेरर के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) जहां आतंकवाद के समूल नाश का संकल्प जाहिर कर चुके हैं, वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसी सम्मेलन में आतंकी फंडिंग (Terrorist funding) के खिलाफ लड़ाई का भारत को केंद्र बनाने की बात कही है। उन्होंने इसके लिए भारत में सचिवालय बनाने की योजना का खुलासा किया है। यह बड़ा संयोग है कि एक तरफ दिल्ली में आतंकवादी गतिविधियों (Terrorist activities) को अमलीजामा पहनाने के लिए फंडिंग की रोकथाम पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (International Conference on Prevention of Fundraising) का आयोजन हो रहा था, वहीं चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र को पंजाब पुलिस टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार कर रही थी। निश्चित रूप से आईएसआई (ISI) ने किसी एक या दो को इस काम के लिए अपने साथ नहीं जोड़ रखा। इस तरह के आरोपियों की तादाद कितनी बड़ी हो सकती है कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन यह सच्चाई है कि इस तरह के आरोपियों की तादाद बड़ी हो सकती है। आईएसआई की नजर हमेशा से पंजाब की शांति और खुशहाली पर रही है।
पंजाब में आतंकवाद की जनक भी आईएसआई ही थी, आज भारतीय सुरक्षा एजेंसियां (Indian security agencies) यह बखूबी जानती हैं कि पंजाब में शांति का मतलब देश में शांति होना है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि पंजाब के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (Pakistani intelligence agency ISI) भारत में अशांति फैलाने का षड्यंत्र रचती आई और अब उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे युवाओं को गुमराह करके वह अपने मंसूबों को पूरा करने में जुटी है। ऐसे समय में पंजाब पुलिस की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है। केंद्र एवं पंजाब सरकार (Central and Punjab Government) की सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की प्रणाली पर काम करना होगा। वहीं पंजाब के उन युवाओं से पूछा जाना चाहिए जोकि आईएसआई के इशारे पर काम कर रहे हैं, आखिर वे क्यों आतंक का रास्ता अपनाकर अपने राज्य और देश को धोखा दे रहे हैं, उनकी राह गलत है। उन्हें संभल जाना चाहिए।
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