रेड बुक के अशांति हरक़तो ने ही निवेशकों को दूर भगाया

Red Book's Disturbing Actions

Red Book's Disturbing Actions

( अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )

नागरी : Red Book's Disturbing Actions: ( आंध्र प्रदेश ) पूर्व मंत्री और वाईएसआरसीपी प्रवक्ता आरके रोजा ने दावोस से खाली हाथ लौटने के लिए चंद्रबाबू नायडू और नारा लोकेश की भरी आगजनी और अत्याचारों की आलोचना के वजह से ही राज्य में निवेश नहीं करना चाहा जिसके चलते हैं  राज्य को शर्मसार होना पड़ा कहा।

शुक्रवार को नगरी मुख्यालय में अपने कैंप कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए रोजा ने कहा कि दोनों की अक्षमता ने राज्य की औद्योगिक छवि को धूमिल कर  सत्यनश किया है, जिससे काफी निवेशकों ने डरे हुए हैं।

लोकेश का तथाकथित " रेड बुक अराजकता का संविधान " उद्योगपतियों को दूर भगाने के लिए जिम्मेदार ही है कहा।

          जबकि तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे पड़ोसी राज्यों ने क्रमशः 1.32 लाख करोड़ रुपये और 15.75 लाख करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया, चंद्रबाबू और लोकेश खाली हाथ लौटे। उन्होंने कहा कि 14 साल के प्रशासनिक अनुभव के चलते बेटे की गली गलियारे की अराजकता माहौल बनाने से कई उद्योगपति राज्य में निवेश करने से कतरने की बात चर्चा में रही लंबी राजनीति अनुभव होने के बाद भी बेटे की हरकत में चंद्रबाबू की इमेज बिगड़ के रख दिया जिससे चंद्रबाबू का शासन विफल रहा है।

उनके दावोस दौरे की आलोचना करते हुए रोजा ने कहा कि राज्य के विकास पर ध्यान देने के बजाय लोकेश के प्रचार पर 20 करोड़ रुपये बर्बाद किए गए।  उन्होंने सवाल उठाया कि नायडू का राजनीतिक समर्थन करने वाले पवन कल्याण को प्रतिनिधिमंडल से बाहर क्यों रखा गया और कहा कि यह आंतरिक असुरक्षा के कारण था। वाईएस जगन की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए रोजा ने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान, आंध्र प्रदेश ने दावोस से 1.26 लाख करोड़ रुपये और विजाग ग्लोबल समिट के दौरान 13.5 लाख करोड़ रुपये के एमओयू आकर्षित किए। उन्होंने कहा कि अंबानी, अडानी और जिंदल जैसे शीर्ष उद्योगपतियों ने इन आयोजनों में भाग लिया, जिससे जगन के पारदर्शी शासन में विश्वास दिखा। रोजा ने आगे टीडीपी सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध, कानून के दुरुपयोग और राज्य की अर्थव्यवस्था के बारे में झूठी कहानियों को बढ़ावा देने के माध्यम से उद्योगपतियों के लिए शत्रुतापूर्ण माहौल बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जगन के प्रशासन ने बुनियादी ढांचे के विकास, शांति और औद्योगिक विकास को प्राथमिकता दी, जो निवेश को आकर्षित करने वाले वास्तविक कारक हैं। उन्होंने कहा कि वाईएस जगन के नेतृत्व ने औद्योगिक प्रगति के लिए एक बेंचमार्क स्थापित किया है, जबकि चंद्रबाबू और लोकेश के कार्यों ने वैश्विक प्लेटफार्मों पर आंध्र प्रदेश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है।