टीडीपी नेताओं ने ग्राम सचिवालय वा आरबीके अस्पताल पर ताला जड़ा

टीडीपी नेताओं ने ग्राम सचिवालय वा आरबीके अस्पताल पर ताला जड़ा

TDP leaders locked the Village Secretariat

TDP leaders locked the Village Secretariat

( अर्थप्रकाश/ बोम्मा रेडड्डी )


**  को जबरन बाहर निकाला संविधान को अपने हाथ में लिया
**  सरपंच ने वरिष्ठ अधिकारियों से की शिकायत

TDP leaders locked the Village Secretariat: पालमनेरू क्षेत्र के तेलुगू देशम पार्टी के गठबंधन नेताओं की अराजकता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इतना ही नहीं भारतीय संविधानकर्मचारी नीतिएवं ग्राम विकास योजना से जुड़ी संविधान को अपने हाथ में लेकर उसे कार्यालय में ताला डालकरगैर लोगों को प्रवेश से रोकना एक बहुत बड़ा अपराध ही नहींबी जमानती कार्रवाई करनी चाहिए थीलेकिन ऐसा क्यों नहीं हुआ यह प्रश्न चिन्ह है कहा एक रिटायर्ड कलेक्टर वा वरिष्ठअधिकारी  गांव सचिवालय, रायथु भरोसा केंद्र और अस्पताल के कर्मचारियों को जबरन बाहर निकाल दिया गया और कार्यालयों पर ताला जड़ दिया गया। 
         यह घटना चित्तूर जिले के पालमनेरू मंडल के ग्रामीण शहर के जगमारलो में गुरुवार शाम को हुई और शुक्रवार को प्रकाश में आई। विवरण हैं। वाईएसआरसीपी सरकार ने गांव के लोगों की सुविधा के लिए  रच्छा बंडा ( चौपाल योजना ) तहत  में इन भवनों का निर्माण किया गया है। 
       इस कार्यालयों में कुल 16 कर्मचारी पदस्थ है तथा रोज मुद्रा कम कर रहे हैं । 
       पूर्व में इन कार्यालयों तक सड़क के साथ-साथ सीसी रोड भी पिछली सरकार द्वारा पक्की बनाई गई थी। हालांकि, पिछले दिन  गांव के तेलुगु देशम पार्टी गठबंधन के नेताओं ने पड़ोसी वाईएसआर पार्टी के रेड्डीपारेड्डी भाइयों की जमीन से शासकीय भवन के सड़क को जमीन देने की मांग को लेकर बहस की।  
      पहले से ही योजना बंद तरीके से जिस नेता को ठेका मिला सड़क का वह जबरन किसी प्राइवेट जमीन में सड़क बनाना चाह रहा था  और यह बात गलत थी पूरी जनता जानती है लेकिन जोर जबर से गठबंधन सरकार के समर्थन होने से इस तरह के हरकत के चलते उधर केंद्र की सरकार और इधर राज्य की सरकार का स्थर इतना गिर चुका है कि लोग उनके मुंह के ऊपर थूकने की स्थिति आ गई और जमीन देने से मना किया 
क्यों भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूदशासकीय भवनप्राइवेट भवनया किसी की हस्तांतरण भूमि को जबरन लेना तोड़ना के ऊपर प्रतिबंध भी है उसके बावजूदसंविधान को हाथ में लेकर इस तरह के हरकत करने को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है

इतना ही नहीं इसके अलावा संविधान के विरोध में किसी भी कर्मचारी को कार्यालय जाने से रोकना बहुत बड़ा अपराध ही नहीं 400 बी का मामला भी दर्ज हो सकता है उसके बावजूद सरकार के शरण होने के वजह से टीडीपी नेताओं ने आम लोगों को भी कार्यालय में जाने से रोक दिया  रास्ता ताकि कोई भी कर्मचारी कार्यालय में न जा सके 

संबंधित किसान ने सवाल किया कि उसे अपनी पट्टे वाली जमीन में सड़क क्यों छोड़नी पड़ी जबकि वहां सड़क थी। 
     इससे भड़के टीडीपी .गठबंधन नेताओं ने गाली-गलौज की, कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर निकाल दिया, सचिवालय, रायथु भरोसा केंद्रम और अस्पताल में ताला लगा दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि कार्यालय तभी खुलेंगे जब रास्ता दिया जाएगा। गांव के सरपंच विजय रेड्डी ने इस बारे में उच्च अधिकारियों से शिकायत की।