Apple iPhone के साथ जुड़ सकता है टाटा का नाम; कंपनी कर रही ये बड़ी तैयारी, चीन को मिलेगी तगड़ी चुनौती
Apple iPhone के साथ जुड़ सकता है टाटा का नाम; कंपनी कर रही ये बड़ी तैयारी, चीन को मिलेगी तगड़ी चुनौती
नई दिल्ली. टाटा ग्रुप भारत में एक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग ज्वाइंट वैंचर स्थापित करने के लिए ऐपल इंक से बातचीत कर रहा है. साथ ही उसने ताइवानी सप्लायर्स से दक्षिण एशियाई देश में आईफोन को असेंबल करने की मांग की है. इस संबंध में मामले के जानकार लोगों का कहना है कि विस्ट्रॉन कॉर्प के साथ बातचीत का उद्देश्य टाटा को टेक्नोलॉजी निर्माण में मजबूती देना है.
इसके अलावा भारतीय ग्रुप नमक से सॉफ्टवेयर तक प्रोडक्ट डेवलपमेंट और सप्लाई चैन में ताइवान की कंपनी की विशेषज्ञता का दोहन करना चाहता है. उन्होंने कहा कि अगर यह डील सफल हो जाती है, तो यह टाटा को आईफोन बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी बना सकता है. इसको वर्तमान में मुख्य रूप से चीन और भारत में ताइवान के विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप जैसे दिग्गजों द्वारा असेंबल किया जाता है.
चीन के लिए चुनौती
यह डील चीन को चुनौती देने के देश के प्रयास में एक बड़ा कदम होगा. चीन पहले से ही इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र में कोविड लॉकडाउन और अमेरिका के साथ राजनीतिक तनाव से खतरों का सामना कर रहा है. यह डील अन्य वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांडों को बढ़ते भू-राजनीतिक रिस्क के समय चीन पर उनकी निर्भरता कम कर सकता है और इन ब्रांडों को उनके प्रोडक्ट्स भारत में असेंबल करने पर विचार करने मौका दे सकता है.
विस्ट्रॉन की इक्विटी खरीद सकती है टाटा
फिलहाल डील का स्ट्रेक्चर और डिटेल जैसे कि शेयरहोल्डिंग वगैरा को को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है, हालांकि, इस मुद्दे पर बातचीत जारी है. मामले के जानकारों का कहना है कि टाटा भारत में विस्ट्रॉन के संचालन में इक्विटी खरीद सकती है या फिर कंपनी एक नया असेंबल प्लांट भी बना सकती है.हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि क्या इस बातचीत के बारे में ऐपल को पता था या नहीं.
स्थानीय कंपनियों के साथ काम करती है ऐपल
बता दें कि यह चर्चा उस समय हुई है जब अमेरिकी टेक दिग्गज चीन से दूर अलग-अलग प्रोडक्ट बनाने और भारत में अपनी सप्लाई चैन को मजबूत करने के लिए मौके की तलाश में है. गौरतलब है कि ऐपल उन क्षेत्रों में स्थानीय कंपनियों के साथ काम करने के लिए जाना जाती है जहां वह मैन्युफैक्चरिंग बेस्ड स्थापित कर सके, लेकिन आईफोन को असेंबल करना एक जटिल काम है, जिसमें अमेरिकी कंपनी की सख्त समय सीमा और क्वालिटी कंट्रोल को पूरा करना पड़ता है.