सिगरेट पर GST बढ़ाने की बात ने, लुढ़का दिया ITC का 3% शेयर, जानें क्या है माजरा
GST on Cigarette: सिगरेट बेचने वाली कंपनियों के शेयर मंगलवार 3 दिसंबर को लड़खड़ा कर गिर गए। देश की सबसे बड़ी सिगरेट कंपनी आईटीसी के शेयर में तीन फ़ीसदी की गिरावट देखने को मिले। यह कंपनी इंसिग्रीय,क्लासिक, गोल्डफ्लेक्स, नेवी कट कप्तान और बर्कले जर्सी ब्रांड के मालिक है। यह गिरावट इस रिपोर्ट के बाद आई जब सरकार ने सिगरेट, बेवरेज और इससे जुड़ी दूसरी उत्पादों पर टैक्स स्लैब की सीमा को बढ़ाकर 35 फ़ीसदी करने का फैसला दिया। मार्लबोरो सिगरेट बनाने वाली कंपनी गॉडफ्रे फिलिप्स के शेयर भी शुरुआती कारोबार में तीन फ़ीसदी तक गिर गए। वहीं टोटल सिगरेट बनाने वाली वीएसटी इंडस्टरीज के शेयर में भी दबाव देखने को मिला।
35% GST की हो रही है मांग
रिपोर्ट्स के मुताबिक जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह ने एररेटेड बेवरेज, सिगरेट, तंबाकू और इससे जुड़ी दूसरे उत्पादों पर टैक्स की दर को मौजूदा 28 प्रतिशत से बढ़कर 35% करने की सिफारिश की है। इस प्रस्ताव का मतलब यह है कि तंबाकू और इससे जुड़े उत्पादों के लिए 35% की नई जीएसटी टैक्स स्लैब बनाई जा सकती है। हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिगरेट पर अधिक टैक्स लगाने से इसकी बिक्री में गिरावट आ सकती हैं क्योंकि इससे कंज्यूमर्स की जेब पर बोझ पड़ेगा। इस सिगरेट कंपनियों की रेवेन्यू प्रभावित हो सकती है। एक दूसरा असर या हो सकता है कि ग्राहक सस्ते विकल्प की ओर मुड़ेंगे जिसमें बाजार में नकली उत्पादन की बाढ़ भी आ सकती है।
ITC की रिपोर्ट क्या कहती हैं?
आईटीसी ने वित्त वर्ष 2024 की अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा था कि पिछले कुछ सालों में सिगरेट पर भेदभावपूर्ण और दंडात्मक टैक्स के चलते ड्यूटी भुगतान वाले सिगरेट की खपत में बढ़ोतरी हुई है। वहीं दूसरे हल्के टैक्स या टैक्स चोरी वाले तंबाकू उत्पादन की खपत बड़ी है जिन में अवैध सिगरेट बीड़ी चबाने वाला तंबाकू गुटखा, जर्दा, सूंघने वाला तंबाकू आदि शामिल है।
इससे पहले नहीं हुआ था कोई बदलाव
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को पेश किए गए बजट 2024 25 में सिगरेट और तंबाकू उत्पादन के टैक्स में किसी भी बदलाव का ऐलान नहीं किया था इसके चलते आईटीसी के शेयर और दूसरी तंबाकू कंपनी के शेर की ट्रेडिंग में उछाल आया। तंबाकू उत्पादों पर आखिरी बार टैक्स में बदलाव फरवरी 2023 में हुआ था जब इन पर टैक्स को दो प्रतिशत बढ़ाया गया था। अब मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट पर आगामी 21 दिसंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक में विचार किया जाएगा जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगे दरों में बदलाव पर कोई भी अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल ही करने वाली है।