Acharya Subal Sagar Ji Maharaj: जिस प्रकार महल का मूल आधार नीव है और वृक्ष का मूल आधार पाताल तक गई हुई उसकी जड़े है उसी प्रकार धर्मरूपी महल अथवा,धर्मरूपी…