पानीपत ग्रामीण से बीजेपी की सीट पर चुनाव लड़ चुके और सर्वजातीय जन पंचायत संगठन के अध्यक्ष सुरेंद्र अहलावत आम आदमी पार्टी में शामिल

पानीपत ग्रामीण से बीजेपी की सीट पर चुनाव लड़ चुके और सर्वजातीय जन पंचायत संगठन के अध्यक्ष सुरेंद्र अहलावत आम आदमी पार्टी में शामिल

Surendra Ahlawat Joined Aam Aadmi Party

Surendra Ahlawat Joined Aam Aadmi Party

बसपा के वरिष्ठ नेता डॉ. नरेंद्र जेसिया समेत विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने थामा आप का दामन

बीजेपी ने देश को मैन्युफैक्चरिंग हब के बजाय कंज्यूमर हब बनाया : डॉ. सुशील गुप्ता

कपड़ा उद्योग को बर्बाद करने पर तुली है बीजेपी सरकार: डॉ. सुशील गुप्ता

कपड़ा उद्योग पर 28% तक जीएसटी लगाने से व्यापार पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव: डॉ सुशील गुप्ता

750 किसानों की शहादत लेकर भूली बीजेपी सरकार: डॉ. सुशील गुप्ता

प्रधानमंत्री मोदी को उनका वादा याद दिलाने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं किसान: डॉ सुशील गुप्ता

हरियाणा सरकार ने अघोषित रूप से महंगे किए कमर्शियल उपभोक्ता के बिजली बिल: डॉ. सुशील गुप्ता

चंडीगढ़, 10 दिसंबर: Surendra Ahlawat Joined Aam Aadmi Party: आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने प्रेसवार्ता कर कपड़े पर जीएसटी के मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरा। इस दौरान उनके साथ यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेहरा और अंबाला लोकसभा अध्यक्ष सुरेन्द्र राठी मौजूद रहे। इसके बाद डॉ. सुशील गुप्ता के नेतृत्व में सर्वजातीय जनपंचायत संगठन के अध्यक्ष सुरेंद्र अहलावत अपने समर्थकों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। सुरेन्द्र अहलावत पेशे से एडवोकेट हैं  व पानीपत बार एसोसिएशन के पूर्व में सेक्रेटरी रह चुके हैं।  सन 2000 में समालखा विधानसभा से निर्दलीय (पंचायती) उम्मीदवार के तौर पर मजबूत चुनाव लड़ा और 18000 के लगभग वोट ली। उसके पश्चात हरियाणा विकास पार्टी के पानीपत के जिला अध्यक्ष रहे। 

डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि हरियाणा विकास पार्टी के विलय के बाद सुरेन्द्र अहलावत भारतीय जनता पार्टी के अनेक पदों पर कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा बसपा के वरिष्ठ नेता डॉ. नरेंद्र जेसिया, पानीपत शहर के प्रमुख आरटीआई एक्टिविस्ट और पूर्व में बीजेपी आईटी सेल के प्रदेश सह प्रमुख रह चुके अजय सिंगला, सर्वजातीय जन पंचायत के पानीपत ग्रामीण अध्यक्ष व जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि जसबीर कादयान, बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष अंग्रेज मलिक, मनीष मराठा और सुमेर सिंह रोड ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा।

उन्होंने कहा कि बीजेपी देश के व्यापार को बर्बाद करना चाहती है। गरीब रोटी और कपड़े के लिए मोहताज होता जा रहा है। सरकार कपड़ा बनाने वाली इंडस्ट्री के पीछे पड़ गई है। कपड़ा व्यक्ति की बुनियादी आवश्यकता है। यदि कपड़ा इंडस्ट्री पर टैक्स ज्यादा लगेगा तो इसका बोझ आम आदमी पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पहले इस देश में कपड़ा और आटा पर कोई टैक्स नहीं था। "कोविड महामारी के दौरान, जब लोग पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहे थे, तब बीजेपी सरकार ने कपड़ा उद्योग पर जीएसटी 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया। इससे छोटे व्यापारियों और निर्माताओं की कमर टूट गई। इससे छोटे व्यापारी अपना काम बंद करके टैक्सी चलाने लगे और मजदूरी करने को मजबूर हुए। 

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अब कपड़ा उद्योग पर 28% तक जीएसटी लगाने पर विचार कर रही है, जिसका सीधा असर देश में निर्माण और निर्यात पर पड़ेगा। इससे लोग चीन और बांग्लादेश से कपड़े खरीदने पर मजबूर होंगे, जबकि भारत में कपड़ा उद्योग की स्थिति और भी खराब होगी। बीजेपी सरकार के राज में देश मैन्यूफैक्चरिंग के बजाय कंज्यूमर हब बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में बीजेपी सरकार की नीतियों के कारण 20 लाख भारतीयों को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा, जिनमें 30 हजार से अधिक उच्च संपत्ति वाले उद्यमी शामिल हैं। बीजेपी सरकार अपने ही व्यापारियों को कमजोर कर रही है।

उन्होंने कहा कि बीजेपी 750 से ज्यादा किसानों की शहादत लेकर भुल चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी ने एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने का वादा करके किसान आंदोलन को खत्म कराया था। लेकिन कई साल बीत गए प्रधानमंत्री ने आज तक संसद में एक भी शब्द एमएसपी की गारंटी के कानून पर नहीं बोला। किसान उसी वादे को याद दिलाने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं। पिछले एक साल से हरियाणा की बीजेपी सरकार किसानों को रोक रही है और युवा किसान शुभकरण की गोली मारकर हत्या कर दी। जबकि किसान हरियाणा से तो कुछ भी नहीं मांग रहे। किसानों की मांग जायज है और आम आदमी पार्टी किसानों की मांग का समर्थन करती है।

वहीं डॉ सुशील गुप्ता ने बिजली के मुद्दे पर कहा कि हरियाणा में कई जगहों पर कमर्शियल उपभोक्ता का बिजली बिल डेढ़ गुना आने लगा है। हरियाणा सरकार ने अघोषित रूप से बिजली के बिल महंगे कर दिए हैं। हालांकि पर यूनिट रेट वही है, लेकिन कमर्शियल बिजली के रेट में यूनिट खर्चे के टर्म को बदल दिया। पहले कॉमर्शियल व घरेलू बिलों पर यूनिट केडब्ल्यूएच (किलो वॉट पर आवर) रीडिंग आती थी, अब ये कमर्शियल बिलों पर इसको केवीएएच (किलो वॉट एम्पियर पर आवर) से बिल देने शुरू कर दिए जिसके कारण 50 किलोवाट के नीचे के उपभोक्ता के बिजली बिल दोगुने हो गए।