मनीष सिसोदिया की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा; दिल्ली शराब नीति घोटाले में आरोपी, 16 महीनों से जेल में हैं बंद
Supreme Court Reserved Verdict Over Manish Sisodia Bail Plea Liquor Scam
Manish Sisodia Bail: दिल्ली शराब नीति घोटाले में आरोपी पूर्व डिप्टी सीएम और आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज पूरी हो गई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अभी फैसला नहीं सुनाया है। कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
बता दें कि, सिसोदिया की जमानत याचिका को लेकर लंबी सुनवाई चली। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया के वकील और ईडी व सीबीआई पक्ष के वकील की दलीलें सुनीं। मनीष सिसोदिया की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे थे और वहीं दूसरी तरफ ED-CBI के वकील SV राजू द्वारा पैरवी की जा रही थी। वहीं जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने सिसोदिया याचिका पर सुनवाई की।
सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद
मनीष सिसोदिया की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला होगा? इस पर सबकी नजर बनी हुई है। जेल में लगभग 16 महीनों से बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत भी मिल सकती है और वह जेल से रिहा हो सकते हैं। लेकिन यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही निर्भर करता है।
हालांकि, आम आदमी पार्टी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद जता रहे हैं। सिसोदिया को उम्मीद है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से इस बार राहत मिलेगी। फिलहाल आने वाले वक्त में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ही सब स्पष्ट हो पाएगा कि सिसोदिया को जमानत मिलेगी या फिर जोर का झटका।
5 अगस्त को सिसोदिया की जमानत पर हुई थी सुनवाई
बीते सोमवार यानि 5 अगस्त को भी सिसोदिया की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान मनीष सिसोदिया की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें पूरी कर लीं थीं लेकिन ED-CBI के वकील SV राजू की दलीलें बाकी रह गईं थीं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई 12 अगस्त को करने की बात कही थी।
हालांकि, बाद में सिंघवी के निवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त से पहले सुनवाई के लिए 6 अगस्त की तारीख मुकर्र कर दी थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर 29 जुलाई और 16 जुलाई को सुनवाई की थी।
सिसोदिया की जमानत याचिका पर ED ने नहीं दिया था जवाब
16 जुलाई को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका को लेकर जांच एजेंसी ED और CBI को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। इसके साथ ही कोर्ट ने 29 जुलाई की तारीख सुनवाई के लिए तय कर दी थी। लेकिन जब 29 जुलाई को सुनवाई हुई तो मालूम चला कि सीबीआई ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है मगर ईडी ने अपना जवाब दाखिल नहीं किया है।
बता दें कि, ED की तरफ से जवाब दाखिल करने के लिए और समय की मांग की गई थी। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि, हमारा जवाब लगभग तैयार है, थोड़ा सा और समय दें। इसके बाद कोर्ट ने ईडी को गुरुवार, 1 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का समय दे दिया था। इसके साथ ही अगली सुनवाई 5 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी थी।
इस बीच ईडी के जवाब दाखिल करने में देरी को लेकर मनीष सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आपत्ति जताई थी और कहा 'यह देरी करने के तरीके हैं'। वहीं सुनवाई के दौरान जस्टिस बी आर गवई ने भी एक अहम टिप्पणी की थी। जस्टिस बी आर गवई ने कहा था कि, मामले में ट्रायल शुरू करने के लिए जो 6 से 8 महीने का समय सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिया गया था वह पूरा हो चुका है।
सुनवाई से एक जज ने खुद को अलग किया
इससे पहले 11 जुलाई को मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को लेकर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय कुमार ने खुद को संबन्धित बेंच से अलग कर लिया था। जिसके बाद सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में नई बेंच का गठन किया गया। इस बेंच में जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस के विश्वनाथ शामिल हुए।
बता दें कि, मनीष सिसोदिया ने शराब नीति घोटाले में उनकी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 21 मई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और यहां जमानत मांगी है। मनीष सिसोदिया की तरफ से 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई के सामने जमानत याचिका लगाई थी और कहा था कि मैं 16 महीने से जेल में हूं और तबसे ट्रायल की कार्रवाई ज्यों की त्यों है।
ज्ञात रहे कि, सिसोदिया की जमानत याचिका ट्रायल कोर्ट के साथ-साथ दिल्ली हाईकोर्ट से खारिज की जा चुकी है। इसके अलावा जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट से भी मनीष सिसोदिया को को झटका लग चुका है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका और फिर पुनर्विचार याचिका खारिज हो चुकी है. उस समय सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए मामले में ट्रायल सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी करने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, अगर मामले में ट्रायल सुनवाई धीमी गति से आगे बढ़ती है तो ऐसे में सिसोदिया बाद के चरण में फिर से ज़मानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। यानि ट्रायल के तीन महीने बाद के समय में सिसोदिया फिर से जमानत याचिका लगा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि जांच एजेंसी 338 करोड़ के लेनदेन की बात अस्थायी रूप से साबित कर पाई है। बता दें कि शीर्ष अदालत ने सिसोदिया की समीक्षा और सुधारात्मक याचिकाएं भी खारिज कर दी थीं।
सिसोदिया की जमानत पर CBI-ED का लगातार विरोध
सिसोदिया की जमानत याचिका पर CBI-ED दोनों का लगातार विरोध कायम है। CBI-ED की तरफ से दलील दी गई है कि शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया मास्टरमाइंड हैं और मुख्य आरोपी हैं। अगर वह जेल से बाहर आते हैं तो वह सबूतों से छेड़छाड़ कर गवाहों को प्रभावित कर सकते है। जिससे मामले और मामले की जांच पर प्रभाव पड़ेगा।
26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया
मालूम रहे कि, दिल्ली शराब नीति और घोटाला मामले में सीबीआई और ईडी दोनों ने ही मनीष सिसोदिया पर कार्रवाई की है। सीबीआई ने सबसे पहले सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को करीब 8 घंटे की पूछताक्ष के बाद गिरफ्तार किया था।
इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करते हुए सिसोदिया को नौ मार्च को गिरफ्तार किया। वहीं इस समय सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं। मामले में सिसोदिया को लेकर सीबीआई और ईडी दोनों ने राउज एवेन्यू कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। सिसोदिया की न्यायिक हिरासत लगातार बढ़ाई जा रही है।