Supreme Court On Divorce: 'तलाक' पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला; अब पति-पत्नी तुरंत हो सकते हैं अलग

'तलाक' पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला; पति-पत्नी अगर होना चाहते हैं अलग तो... जरा आप भी पढ़ लीजिए

Supreme Court On Divorce Latest Decision Updates

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Supreme Court On Divorce: वैवाहिक जीवन में संबंध मधुर न हों। पति-पत्नी के बीच पट न रही हो और वह एक-दूसरे से तलाक चाहते हों तो देर किस बात की। उनका तलाक तुरंत मंजूर किया जा सकता है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकार की टिप्पणी करते हुए तलाक को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, यदि वैवाहिक जीवन में संबंध सुधरने की कोई गुंजाइश ही नहीं है और पति-पत्नी आपसी सहमति से एक-दूजे से तलाक मांग रहे हैं तो उनके तलाक को तुरंत मंजूर कर देना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ऐसे मामलों में उसके पास भी हक है कि वह तुरंत पति-पत्नी के बीच वैवाहिक संबंध को भंग कर दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, संविधान के अनुच्‍छेद 142 के तहत उसे यह शक्ति मिली है कि किसी मामले में पूर्ण न्याय होने पर वह तत्काल कोई भी फैसला सुना सकता है। इसलिए अगर तलाक को लेकर पति-पत्नी में आपसी सहमति है तो ऐसे में सुप्रीम कोर्ट पति-पत्नी को बिना फैमली कोर्ट भेजे और उन्हें 6 से 18 महीने तक का इंतजार कराए बिना ही उनके तलाक को तत्काल मंजूरी दे सकता है। यानी तलाक के लिए पति-पत्नी को न तो फैमली कोर्ट जाने की जरुरत है और न ही उन्हें महीनों तक कानूनी मंजूरी का इंतजार करना होगा।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस बीच इस बात पर जोर दिया कि ऐसे मामलों में संयम से विचार करना भी जरुरी होगा। सुप्रीम कोर्ट ने तलाक के ऐसे फैसले के बीच कुछ अहम बातें भी तय कीं। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला तलाक के मामलों में उन लोगों के लिए राहत भरा है। जो कानूनी रूप से अलग होने के मामले में एक लंबी प्रक्रिया के इंतजार से गुजरते हैं। जबकि वह ऐसा नहीं चाहते। बतादें कि, सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यी संवैधानिक बेंच ने तलाक को लेकर यह फैसला सुनाया है। बेंच में जस्टिस एस.के. कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एएस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी शामिल रहे।

सितंबर में सुरक्षित रख लिया था फैसला

जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में सितंबर 2022 को तत्काल तलाक से संबंधित कुछ याचिकाएं दाखिल हुईं थीं। जहां तब इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।