अब बर्दाश्त से बाहर...हर बार वही स्थिति; प्रदूषण पर भड़क गया सुप्रीम कोर्ट, आज एक तरफ से हो गई सबकी खिंचाई, निर्देश पढ़ लीजिए
Supreme Court on Delhi Air Pollution Latest News Update
SC on Delhi Air Pollution: हर साल के वही गिने-चुने दिन... और फिर वही स्थिति। राजधानी दिल्ली एक बार फिर प्रदूषण से कराह उठी है। दिल्ली की जहरीली हवा में लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। लोग खुलकर सांस नहीं ले पा रहे। बच्चों और बुजुर्गों पर सबसे ज्यादा प्रदूषण का खतरा मंडराया हुआ है। मसलन, दिल्ली में प्रदूषण की मार बेहाल करने वाली है। बस गुजारा हो रहा है... और किया भी क्या जाए? वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और आसपास बढ़ते प्रदूषण पर जमकर गुस्सा दिखाया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक तरफ से केंद्र सरकार के साथ-साथ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की राज्य सरकारों की खिंचाई कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के मामले पर सुनवाई करते हुए बहुत कड़े तेवर दिखाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले तो इन सभी राज्यों को तत्काल प्रभाव से पराली जलाने पर रोक लगाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कह दिया है कि हमें नहीं पता राज्य सरकारें पराली जलाए जाने से कैसे रोकेंगी... क्या करेंगी। हमें इसकी परवाह नहीं है। ये उनका काम है। हमें बस पराली जलाए जाने पर पूरी तरह तुरंत रोक चाहिए।
स्थानीय SHO की जिम्मेदारी तय कर दीजिए
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से कहा कि, पराली जलाए जाने पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए स्थानीय SHO की जिम्मेदारी तय की जा सकती है। स्थानीय SHO को डीजीपी और मुख्य सचिव की निगरानी में पराली जलाने पर रोक लगाने के जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पाराली जलने से रोकने के लिए मदद या जागरूक करने का सहारा तो लें ही साथ ही कभी-कभार बलपूर्वक भी इसे रोकना होगा। क्योंकि किसी भी कीमत पर बस यह रुकना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फसल जलाना प्रदूषण का बड़ा कारक है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के ऐसे हालात कायम नहीं रह सकते हैं। अब बर्दाश्त से बाहर हो रहा है। दिल्ली को साल-दर-साल इस घुटन की स्थिति में नहीं छोड़ा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि नगर निगम का ठोस कचरा खुले में न जलाया जाए।
हर मसले पर राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, प्रदूषण एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन हम देख रहे हैं कि इस पर भी राजनीतिक लड़ाई चल रही है। यह अच्छी बात नहीं है। आप हर मसले को राजनीतिक लड़ाई न बनायें। हर मसले पर राजनीतिक लड़ाई नहीं की जा सकती। बेहतर होगा कि सब मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों को प्रदूषण के मुद्दे पर भौतिक या ज़ूम के माध्यम से बैठक करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि, जो भी स्मॉग टॉवर स्थापित हैं, वह ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। इसकी जांच की जाए और मरम्मत सुनिश्चित की जाए।
पंजाब को जमकर फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने इस बीच पंजाब को खासतौर पर फटकार लगाई है। पंजाब के एजी ने कहा कि कुछ दिन तक की प्रदूषण की समस्या होती है। तो सुपीम कोर्ट ने कहा कि, यह अजीब समस्या है, मुझे लगता है कि इसे लेकर पंजाब में कोई गंभीरता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के एजी से कहा कि आपको अपने यहां फसल जलाने को हर हाल में रोकना ही होगा। इस पर आज से काम पर लग जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, पंजाब में पराली जलाने के साथ-साथ ट्रैफिक की भी समस्या है। वाहनों के कारण भी प्रदूषण बढ़ता है।
मैंने खुद देखा कि पंजाब में पराली जल रही है
जब सुप्रीम कोर्ट से कहा गया कि पंजाब में पराली अब ज्यादा नहीं जलायी जा रही है तो इस पर सुप्रीम कोर्ट के जज संजय किशन कौल ने कहा कि पिछले सप्ताह में मैं पंजाब की यात्रा कर रहा था और इस बीच मैंने खुद देखा कि सड़क के दोनों किनारों पर बड़े पैमाने पर पराली जलायी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पंजाब सरकार एक ऐसा परिदृश्य देख रही है जहां धान की फसल के कारण जल स्तर में भारी गिरावट आई है और कुओं का उपयोग बंद हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है कि क्या इस तरह का धान उस समय में उगाया जाना चाहिए, जिसमें यह उगाया जाता है, 15 साल पहले यह समस्या नहीं थी क्योंकि ऐसी फसल नहीं होती थी।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस फसल ने पंजाब का जल स्तर नष्ट कर दिया है। साथ ही दिल्ली के आसपास का मौसम भी बिगड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तुरंत कुछ करना होगा। समस्या फसल की टाइमिंग से ज्यादा है। जब तक अगले फसल का समय आए तब तक यह सब हो जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों को वैकल्पिक फसलों को अपनाने में मदद करे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा, "आप एक तरफ बाजरा को बढ़ावा दे रहे हैं और दूसरी तरफ धान को भूजल बर्बाद करने दे रहे हैं...।