NEET-UG का पेपर लीक हुआ, यह बात तो साफ है; सुप्रीम कोर्ट में CJI ने कहा- दोबारा परीक्षा के लिए आदेश देने से पहले हम यह जानेंगे
Supreme Court NEET UG Petitions Hearing Latest News Update
Supreme Court NEET Hearing: मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG 2024 को लेकर बवाल मचा हुआ है। परीक्षा में पेपर लीक होने और गड़बड़ी के अन्य आरोपों के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गईं हैं और परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई है। जहां इन याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने नीट यूजी पर सुनवाई की। बेंच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल रहे। वहीं नीट यूजी परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली इस बेंच की तरफ से सख्त टिप्पणी की गई।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने नीट यूजी पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि एक बात तो साफ है कि पेपर लीक हुआ है। लेकिन अब सवाल यह है कि पेपर लीक कैसे हुआ है और पेपर लीक होने का स्तर कितना व्यापक है। पेपर के लीक होने की पहुंच कहां तक जाती है। सीजेआई ने कहा कि अगर परीक्षा की सुबह छात्रों को ऑन्सर याद करने के लिए कहा जाता है तो यह भी पेपर लीक का स्तर है और यदि पेपर सोशल मीडिया से लीक हुआ है तो संभावना है कि लीक व्यापक है। क्योंकि अगर पेपर लीक टेलीग्राम/व्हाट्सएप इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से होता है तो यह जंगल की आग की तरह फैलता है।
सीजेआई ने कहा कि यहां पेपर लीक होना एक स्वीकार्य तथ्य है। हम इससे इनकार नहीं कर सकते और न ही इसे छिपा सकते हैं। लेकिन हम दोबारा परीक्षा के लिए आदेश देने से पहले हर पहलू पर गौर करेंगे। आखिरकार यह 23 लाख स्टूडेंटस के भविष्य से जुड़ा मामला है। हमारे आदेश से लाखों छात्र प्रभावित होंगे। इसलिए हमें इसके परिणामों पर भी विचार करना होगा। साथ ही हमें यह भी देखना है कि भविष्य में ऐसा फिर कभी नहीं हो इसके लिए क्या किया जा सकता है? सरकार इसके लिए क्या करेगी।
ऐसी स्थिति में हमें दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, अगर NEET-UG 2024 परीक्षा की पवित्रता पूरी तरह से खत्म पाई जाती है और इससे बड़े पैमाने पर छात्र प्रभावित हुए हैं तो ऐसी स्थिति में हमें दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा। इसके साथ ही अगर हम दोषियों की पहचान करने में असमर्थ हैं, अगर हम उन उम्मीदवारों की पहचान नहीं कर पाते हैं जो गलत काम के दोषी हैं, तो भी दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा। क्योंकि अगर दागी उम्मीदवारों को अलग नहीं किया जा सकता तो दोबारा परीक्षा जरूरी है। लेकिन इससे पहले परीक्षा दोबारा करवाई जाए या नहीं, इसके लिए सभी तथ्यों का सही ढंग से सामने आना ज़रूरी है।
वहीं चीफ जस्टिस ने इस मामले को लेकर NTA, केंद्र और CBI को बुधवार, 10 जुलाई को शाम 5 बजे तक हलफनामे के साथ अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने NTA और केंद्र को प्रक्रिया और जांच से जुड़े सभी सवालों के जवाब देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में नीट मामले की अगली सुनवाई अब 11 जुलाई को होगी। बता दें कि, आज यह माना जा रहा था कि नीट यूजी को लेकर सुप्रीम कोर्ट से कोई बड़ा फैसला आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबकी नजर थी। सरकार के साथ लाखों नीट स्टूडेंट्स की धड़कनें बढ़ी हुईं थीं।
सरकार ने कहा- पूरी परीक्षा रद्द करना ठीक नहीं होगा
केंद्र सरकार और नीट परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) का सुप्रीम कोर्ट से कहना है कि पूरी नीट परीक्षा रद्द करना ठीक नहीं होगा. सरकार और एनटीए ने कहा है कि, NEET-UG परीक्षा में गड़बड़ी कुछ जगहों पर हुई है लेकिन इसके लिए पूरी परीक्षा रद्द करना सभी स्टूडेंट्स के हित में नहीं होगा। इससे लाखों ईमानदार विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग सकता है। मतलब केंद्र ने पूरी नीट परीक्षा रद्द न करने की मंशा जाहिर की है।
बता दें कि, पिछले महीने भी सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG परीक्षा को लेकर सुनवाई की थी। उस समय कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने या किसी भी तरह की कोई रोक नहीं लगाई थी। कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानि NTA के कहने पर 6 जुलाई से नीट यूजी की काउंसलिंग शुरू करने की भी इजाजत बरकरार रखी थी।
हालांकि, हाल ही में नीट यूजी की काउंसलिंग टाल दी गई। वहीं पिछली सुनवाई में एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को कहा था वह नीट रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 परीक्षार्थियों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करेगा। रिजल्ट में मनमानी और बेढंग तरीके से ग्रेस मार्क्स दिए जाने को लेकर भी विवाद छिड़ा था। जिसके बाद ग्रेस मार्क पाने वाले स्टूडेंट्स के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की गई थी।
दरअसल, 1563 छात्रों को पेपर काफी देर से मिलने की बात कहते हुए ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, लेकिन ग्रेस मार्क्स दिये जाने में धांधली का मामला उठने लगा। मामले को लेकर कई विरोध प्रदर्शन भी हुए। इसके बाद हाल में ही 1563 कैंडिडेट्स के लिए नीट री एग्जाम आयोजित किया गया था, जिसका परिणाम भी जारी किया जा चुका है। नीट री-एग्जाम को 23 जून को आयोजित किया गया था। बता दें कि, NEET-UG परीक्षा को लेकर सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं। मामले में बिहार, झारखंड, गुजरात समेत कई जगहों से गिरफ्तारियां भी हुई हैं।
NEET-UG 2024 पर पूरे देश में बवाल
बता दें कि, NEET-UG परीक्षा मेडिकल के लिए प्रवेश परीक्षा (Medical Entrance Exam NEET-UG) होती है। लेकिन इस बार परीक्षा में कई तरह की गड़बड़ियों की बात सामने आई है, जैसे पेपर लीक किए जाने, लाखों की रकम लेकर कुछ चुनिन्दा स्टूडेंट्स की खाली शीट भरने जैसी बातें सामने आईं हैं। जिसे लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। विपक्ष भी सरकार को निशाने पर ले रहा है। हाल ही में संसद सत्र के दौरान सदन में विपक्ष द्वारा नीट का मुद्दा उठाया गया था। सदन में यह मुद्दा ज़ोर-शोर से गूँजता रहा। राहुल गांधी नीट मुद्दे को लेकर सरकार पर सीधा हमला करते रहे।
NEET परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद बवाल शुरू हुआ
NEET परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद पूरे देश में बवाल शुरू हुआ था। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानि NTA द्वारा 5 मई 2024 को नीट परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में देशभर से करीब 23 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। परीक्षा के लिए 500 से ज्यादा शहरों में 4500 से ज्यादा केंद्र बनाए गए थे। इसके बाद लोकसभा चुनाव रिजल्ट वाले दिन ही यानि 4 जून को नीट परीक्षा का रिजल्ट आया। जहां रिजल्ट जारी होने के बाद ही बड़ा बवाल खड़ा हो गया।
रिजल्ट आने के बाद नीट परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया कि, नीट की परीक्षा और रिजल्ट में गड़बड़ी की गई है। पहली बार एक साथ 67 छात्रों के 720 में से 720 फुल मार्क्स आए हैं। यह नामुमकिन है, वहीं कुछ के 720 में 718/719 जैसे नंबर आए. इसके अलावा एक ही सेंटर से कई टॉपर निकले। पहली बार कट ऑफ इतना हाई गया। जिससे रैंकिंग पर बड़े पैमाने पर असर पड़ा। वहीं परीक्षार्थियों ने पेपक लीक की बात भी कही थी और जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया था।