Supreme Court Hearing on Petition to Include Rajasthani Language in Eighth Schedule

राजस्थानी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का मामला: अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा!

Supreme Court Hearing on Petition to Include Rajasthani Language in Eighth Schedule

Supreme Court Hearing on Petition to Include Rajasthani Language in Eighth Schedule

जयपुर, 11 जनवरी: Supreme Court Hearing on Rajasthani Language Petition: राजस्थान में रीट परीक्षा में राजस्थानी भाषा को शिक्षण माध्यम के रूप में शामिल करने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। याचिकाकर्ता पदम मेहता और डॉ. कल्याण सिंह शेखावत की विशेष अनुमति याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए नोटिस जारी किया है।

राजस्थानी भाषा के उपयोग की मांग
याचिका में कहा गया है कि 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में 4.36 करोड़ लोग राजस्थानी भाषा बोलते हैं, बावजूद इसके रीट परीक्षा में इसे शामिल नहीं किया गया है। याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि संविधान और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यह स्पष्ट किया गया है कि बच्चों की प्राथमिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में होनी चाहिए, लेकिन राजस्थानी भाषा को शिक्षण माध्यम के तौर पर शामिल नहीं किया गया।

हाईकोर्ट का फैसला और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की थी। हाईकोर्ट ने 27 नवंबर 2024 को इस याचिका को खारिज कर दिया था। याचिका में यह भी बताया गया है कि रीट की विज्ञप्ति में गुजराती, पंजाबी, सिंधी और उर्दू जैसी अन्य भाषाओं को शामिल किया गया, जबकि राजस्थानी भाषा को नजरअंदाज किया गया।

राज्य सरकार का रुख
याचिकाकर्ता के वकील मनीष सिंघवी और अपूर्व सिंघवी ने कोर्ट में बताया कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में पूरी तरह से राजस्थानी भाषा के उपयोग का विरोध नहीं किया था और यह कहा था कि नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने टास्क फोर्स गठित किए हैं।

राजस्थान विधानसभा का प्रस्ताव 
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि राजस्थान विधानसभा ने 25 अगस्त 2003 को राजस्थानी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार से प्रस्ताव पारित किया था। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई जारी है, और राज्य सरकार से जवाब की उम्मीद है।