500 और 1000 के पुराने नोट फिर बदले जा सकेंगे? नोटबंदी पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यह क्या कह दिया?
Supreme Court Hearing On Demonetisation
Supreme Court Hearing On Demonetisation : 8 नवंबर 2016 में भारत (India) के अंदर हुई नोटबंदी का मामला फिर से ताजा हो गया है| दरअसल, नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिकाएं दायर की गई हैं| इन याचिकाओं में नोटबंदी पर जहां कई तरह के सवाल उठाए गए हैं तो वहीं 500 और 1000 के पुराने नोटों को फिर से बदलने का मौका भी मांगा जा रहा है|
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिकाओं में दलील दी गई है कि पुराने नोट पड़े हैं, बताइये अब हम इनका क्या करें? इतने अचानक से नोटबंदी और फिर इन्हें बदलने का सिलसिला चला कि इस बीच इन्हें बदलने का मौका नहीं मिला| 500 और 1000 की पुरानी मुद्रा में काफी रूपए पड़े हैं| क्या वह इन्हें बेकार मान लें?
वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नोटबंदी पर सुनवाई और तमाम दलीलों के बीच सुप्रीम कोर्ट की भी बेहद अहम टिप्पणी सामने आई है| बताया जाता है कि, सुप्रीम कोर्ट ने पुराने नोटों को संभालकर रखने की बात कही है और साथ ही कहा है कि इस पर विचार किया जाएगा| सुप्रीम कोर्ट ने 500 और 1000 के पुराने नोटों को फिर से बदल पाने के विचार के साथ एक विशेष व्यवस्था बनाने की बात कही है| मतलब, कुछ विशेष मामलों में एक व्यापक जांच के बाद नोटों को बदलने के सही आवेदनों पर अनुमति दी जा सकती है|
फिलहाल, तो मामले (Demonetisation Case in Supreme Court) में सुप्रीम कोर्ट के अगले कदम पर सबकी नजर रहेगी| अभी तो सुप्रीम कोर्ट की इस तरह की टिप्पणी से यह माना जा सकता है कि जो लोग नोटबंदी के दौरान मिली समयसीमा में 500 और 1000 के पुराने नोटों को नहीं बदल पाए और उनके पास पड़े रह गए और अभी भी पड़े हैं| ऐसे लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट एक बड़ी खुशखबरी बन सकता है|
नोटबंदी पर केंद्र सरकार और RBI से जवाब
नोटबंदी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और RBI से भी इस संबंध में विस्तृत जवाब मांगा है| कोर्ट ने सरकार और RBI से लागू की गई नोटबंदी की पूरी प्रणाली को ब्योरा देने को कहा है| जहां केंद्र सरकार ने इसे लेकर ब्योरा दाखिल भी कर दिया है| रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी पर दाखिल जवाब में कहा कि नोटबंदी कानूनी रूप से हुई है| इसका फैसला आरबीआई के साथ मिलकर ही लिया गया| नोटबंदी के कारण पर सरकार ने कहा कि बढ़ती ब्लैक मनी और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए इससे अलावा और कोई उपाय नहीं था| इसलिए नोटबंदी करनी पड़ी|
पांच जजों की संविधान पीठ कर रही सुनवाई
आपको बतादें कि, नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है| पांच जजों की इस पीठ में जस्टिस सैयद अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी राम सुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना जैसे वरिष्ठ जज शामिल हैं|