Kolkata Case- ''रेप की क्रूरता ने अंतरात्मा को झकझोर दिया''; कोलकाता केस पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार, 'नेशनल टास्क फोर्स' का गठन

''रेप की क्रूरता ने अंतरात्मा को झकझोर दिया है''; कोलकाता केस पर सुप्रीम कोर्ट की जबरदस्त फटकार, 'नेशनल टास्क फोर्स' के गठन का निर्देश

Supreme Court Hearing Kolkata Female Doctor Rape-Murder Case Update

Supreme Court Hearing Kolkata Female Doctor Rape-Murder Case

Supreme Court on Kolkata Case: कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (RG Kar Medical College And Hospital) में ऑन ड्यूटी एक ट्रेनी महिला डॉक्टर (PG Trainee Doctor) के साथ बर्बरता से रेप और हत्या की घटना का स्वतः संज्ञान लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की है। जहां इस दौरान देश की सबसे बड़ी अदालत की ओर से बेहद सख्त रुप में हॉस्पिटल प्रशासन, पश्चिम बंगाल सरकार और कोलकाता पुलिस से कई बड़े सवाल पूछे गए और साथ में जबरदस्त फटकार भी लगाई गई।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने CBI से मामले में स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। सीबीआई से गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा पर गहरी चिंता जताते हुए 'नेशनल टास्क फोर्स' के गठन का निर्देश दिया है। यह 'नेशनल टास्क फोर्स' देशभर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए अपनाए जाने वाले उपायों और तौर-तरीकों पर सुप्रीम कोर्ट को सिफ़ारिश करेगी।

हम डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं- CJI

कोलकाता महिला डॉक्टर केस में सुनवाई करते हुए भारत के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, कोलकाता में जो हुआ है उससे हम बहुत विचलित हैं। मामले में रेप और हत्या की क्रूरता ने हमारी अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। सीजेआई ने कहा कि, कोलकाता की घटना ने देशभर के डॉक्टरों के लिए सुरक्षा के मुद्दे उठाए हैं। हम डॉक्टरों (खासकर युवा डॉक्टरों) की सुरक्षा के बारे में बेहद चिंतित हैं और हम उनकी सुरक्षा सुनिक्षित करने के लिए अहम कदम उठाएंगे। सीजेआई ने कहा कि, अधिकांश युवा डॉक्टर 36 घंटे काम करते हैं, हमें उनके लिए काम की सुरक्षित स्थिति सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल विकसित करने की जरूरत होगी।

ये राष्ट्रहित का मामला, हम खुद पूरे मामले की निगरानी करेंगे

सीजेआई ने आगे कहा कि, डॉक्टरों और मेडिकल कर्मियों की सुरक्षा राष्ट्रहित का मामला है और इसलिए हम खुद इस पूरे मामले की निगरानी करेंगे। सभी डॉक्टर और मेडिकल कर्मी सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा रखें। वहीं देश के सबसे बड़े न्यायाधीश ने देश में हड़ताल पर उतरे डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे कृपया काम पर वापस लौटें। क्योंकि पिछले कुछ दिनों में देशभर में कई मरीजों को इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनकी जान पर संकट आ गया है।

हम एक और ऐसे रेप मामले का इंतजार नहीं कर सकते

वहीं सीजेआई ने टिप्पणी की कि आज के समय में अधिक से अधिक महिलाएं कार्यबल में शामिल हो रही हैं, इसलिए देश एक और ऐसे रेप मामले का इंतज़ार नहीं कर सकता है। CJI ने कहा कि मौजूदा अधिनियम डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों के लिए संस्थागत सुरक्षा मानकों को संबोधित नहीं करते हैं। हमें ज़मीनी स्तर पर बदलाव लाना होगा। सीजेआई ने कहा कि अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं और उनके काम करने की स्थिति सुरक्षित नहीं है, तो हम उन्हें समानता से वंचित कर रहे हैं।

हत्या की FIR दर्ज करने में देरी क्यों?

चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कोलकाता रेप-मर्डर केस में हॉस्पिटल प्रशासन, पश्चिम बंगाल सरकार और कोलकाता पुलिस से सवाल किया कि, हत्या की FIR दर्ज करने में देरी क्यों की गई? इसके साथ ही क्राइम सीन को सुरक्षित क्यों नहीं किया गया? सीजेआई ने कहा कि ऐसा लगता है कि अपराध का पता चल जाने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई।

एफआईआर दर्ज करने में देरी पर सीजेआई ने कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई और पूछा कि मामले को लेकर अधिकारी क्या कर रहे थे। अस्पताल प्रशासन क्या कर रहा था? सीजेआई ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से भी इस बात पर सवाल उठाया कि उन्होंने इसे आत्महत्या के रूप में पेश करने की कोशिश की और माता-पिता को शव देखने की अनुमति नहीं दी गई। इसके साथ ही सीजेआई ने पूछा कि, जब आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल के आचरण की जांच हो रही थी, तो उन्हें तुरंत दूसरे कॉलेज में कैसे नियुक्त किया गया?

अस्पताल में भीड़ कैसे घुसी?

चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने घटना के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 7,000 लोगों की भीड़ घुसने और वहां तोड़-फोड़ करने का मामला भी उठाया और इसे लेकर भी सरकार और कोलकाता पुलिस को जमकर फटकारा। सीजेआई ने कोलकाता पुलिस से पूछा कि जिस अस्पताल में एक गंभीर अपराध हुआ है वहां तोड़फोड़ करने वालों की भीड़ हजारों की संख्या में कैसे घुस गई?

सीजेआई ने कहा कि, अस्पताल में जहां रेप-मर्डर की घटना 'सिस्टमेटिक फेल्यूर' है तो वहीं अस्पताल में भीड़ का घुसना भी सिस्टम की नाकामी है। वहीं सीबीआई की तरफ से पेश एसजी तुषार मेहता ने कहा कि, कोलकाता पुलिस की जानकारी के बिना 7,000 लोगों की भीड़ आरजी कर अस्पताल में प्रवेश नहीं कर सकती थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पश्चिम बंगाल को इससे इनकार नहीं करना चाहिए कि राज्य में कानून और व्यवस्था पूरी तरह विफल है।

शांति से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल प्रयोग न करे सरकार

सीजेआई ने यह भी कह दिया है कि, घटना को लेकर शांति से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पश्चिम बंगाल सरकार अपने बल का प्रयोग न करे। यह राष्ट्रीय स्तर पर शुद्धिकरण का समय है। वहीं सीजेआई ने कहा कि, पश्चिम बंगाल सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आरजी कर अस्पताल पर हमला करने वाले उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।

कोलकाता पीड़िता का नाम, फोटो कैसे प्रसारित किया गया?

सीजेआई ने कोलकाता पीड़िता का नाम, फोटो प्रसारित करने पर नाराजगी जताई है। सीजेआई ने कहा कि, पीड़ित डाक्टर का नाम, उसकी तस्वीर, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। ऐसा कैसे हुआ? सीजेआई ने कहा कि, हम इस तथ्य से बहुत चिंतित हैं कि कोलकाता पीड़िता का नाम, फोटो और वीडियो क्लिप को हर जगह प्रकाशित किया गया। जबकि कानून पीड़ितों के नाम प्रकाशित करने पर रोक लगाता है। क्या हम इस तरह से उस युवा डॉक्टर को सम्मान प्रदान करते हैं जिसने अपनी जान गंवा दी है?