सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को बहुत बड़ी राहत; एक बार फिर मिली अंतरिम जमानत, मगर जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे, जानिए क्यों?
Supreme Court Grants Interim Bail To Arind Kejriwal Second Time in ED Case
Arvind Kejriwal Interim Bail: दिल्ली शराब नीति घोटाले में आरोपी सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बहुत बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दूसरी बार अंतरिम जमानत दी है। शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज केस में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी गई है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए अपने लिखित आदेश में उन पर एक शर्त भी लगाई है। जिसमें यह कहा गया है कि, अंतरिम जमानत की अवधि में केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे। फिलहाल, केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलना ईडी के लिए एक बड़ा झटका है। वो अलग बात है कि, सीबीआई की गिरफ्त में होने के चलते केजरीवाल जमानत मिलने के बावजूद जेल से रिहा नहीं हो पाएंगे।
बता दें कि, केजरीवाल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी के विरोध में दाखिल याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट से फैसला आना था. केजरीवाल की इस याचिका पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने अप्रैल-मई में सुनवाई की थी। केजरीवाल की गिरफ्तारी 'वैध है या अवैध' इस पर बेंच ने 17 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं आज फैसला सुनाया जाना था। लेकिन जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका बड़ी बेंच को रेफर कर दी। मतलब अब केजरीवाल की गिरफ्तारी की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच सुनवाई करेगी।
इसलिए जब तक सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सुनवाई करेगी तब तक केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी गई है। जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच अगर चाहेगी तो वो अंतरिम जमानत के फैसले में बदलाव कर सकती है। बेंच ने कहा कि, अब केजरीवाल की याचिका पर बड़ी बेंच ही ये तय करेगी कि गिरफ्तारी का आधार क्या हो।
जमानत मिलने के बाद भी जेल में ही रहेंगे केजरीवाल
सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद भी अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद रहेंगे। वह जेल से रिहा नहीं हो पाएंगे। दरअसल, केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ ईडी द्वारा दर्ज केस में अंतरिम जमानत दी है। लेकिन ईडी के साथ-साथ CBI ने भी केजरीवाल पर शराब घोटाले में केस दर्ज किया हुआ है। ईडी के बाद सीबीआई ने 26 जून को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद वह ईडी के साथ-साथ सीबीआई के मामले में भी न्यायिक हिरासत में हैं.
वहीं CBI की ओर से दर्ज केस में केजरीवाल की गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका अभी दिल्ली हाईकोर्ट में पेंडिंग है। अरविंद केजरीवाल को जब तक सीबीआई केस में राहत नहीं मिल जाती। तब तक वो जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। इसलिए सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के चलते केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे।
2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर हुए केजरीवाल
मालूम रहे कि, सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 10 मई को केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए पहली बार 1 जून तक अंतरिम जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करने को कहा था। जेल से बाहर निकलने के बाद केजरीवाल ने जमकर चुनाव प्रचार किया। इस बीच केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने की याचिका भी लगाई। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने की मांग वाली केजरीवाल की याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार ने कहा था कि चूंकि केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली मुख्य याचिका पर फैसला सुरक्षित है, सीएम को नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की छूट दी गई है, इसलिए जमानत अवधि बढ़ाने की याचिका का सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई योग्य संबंध नहीं है। वहीं सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद केजरीवल ने दिल्ली राउज़ एवेन्यू कोर्ट का रुख किया और यहां से भी राहत न मिलने के बाद उन्हें 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर करना पड़ा।
दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा तो SC पहुंचे केजरीवाल
गिरफ्तारी के विरोध में अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट ले जाने से पहले केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए केजरीवाल ने कहा था कि ईडी द्वारा की गई उनकी गिरफ्तारी अवैध है। लोकसभा चुनाव के प्रचार में शामिल होने से रोकने के लिए यह गिरफ्तारी की गई है। हालांकि, हाईकोर्ट ने केजरीवाल की यह याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था- गिरफ्तारी अवैध नहीं
दरअसल, 9 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी को लेकर दिए गए अपने फैसले में कहा था कि शराब घोटाले (Liquor Policy Scam) में गिरफ्तारी वैध है। केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध नहीं ठहराया जा सकता। क्योंकि केजरीवाल को गिरफ्तार करने के ईडी के पास पर्याप्त कारण थे। गिरफ्तारी के साथ-साथ हाईकोर्ट ने केजरीवाल की ईडी रिमांड को भी सही ठहराया था।
इधर गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। केजरीवाल की तरफ से 10 अप्रैल को अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ और दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी और उसी दिन जल्द सुनवाई की मांग की गई थी लेकिन उस दिन सुनवाई नहीं हो पाई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल की तारीख सुनवाई के लिए तय की थी।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग तरीकों में केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई जारी रखी। इस सुनवाई के बीच ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर इस मामले में सुनवाई लंबी चलेगी तो हम चुनाव के चलते केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस खन्ना ने कहा था हम अरविंद केजरीवाल की अंतिम जमानत पर इसलिए विचार कर रहे हैं क्योंकि चुनाव है। अगर चुनाव ना होता तो हम इस पर विचार नहीं करते।
ED ने कहा था- हमें सबूतों की चिंता
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उस समय जब ईडी से पूछा था कि जब 2 साल से शराब घोटाले की जांच चल रही थी तो चुनाव के नजदीक ही केजरीवाल को क्यों गिरफ्तार किया गया? क्या जांच इतनी देरी से यह पता लगा पाई केजरीवाल इसमें शामिल हैं? अगर ऐसा है तो यह अच्छी बात नहीं है। इसके बाद ईडी ने कोर्ट को बताया कि जब आबकारी नीति से जुड़े घोटाले की जांच शुरू हुई थी तब शुरुआती चरण में अरविंद केजरीवाल पर फोकस नहीं था और ईडी उन पर गौर नहीं कर रही थी, लेकिन जब जांच आगे बढ़ी तो उनकी भूमिका स्पष्ट हो गई। ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह राजनीति से प्रेरित मामला नहीं है। हमें राजनीति की चिंता नहीं है, हमें सबूतों की चिंता है और हमारे पास सबूत हैं। इस तरह ईडी ने केजरीवाल को जमानत देने का विरोध किया था।
1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजे गए केजरीवाल
मालूम रहे कि, ईडी ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामला में सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च की रात उनके आवास से गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी ने सीएम हाउस पहुंचकर छानबीन और लगभग दो घंटे तक केजरीवाल से पूछताक्ष की थी। वहीं गिरफ्तारी के बाद ED ने 22 मार्च को केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। जहां कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा था। इसके बाद केजरीवाल की रिमांड दोबारा 1 अप्रैल तक बढ़ा दी गई। वहीं 1 अप्रैल को कोर्ट ने केजरीवाल को पहली बार 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया। इसके बाद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत लगातार बढ़ती गई।