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सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक ट्विन टावरों गिराने को दी मुहल्लत, देखें कितना मिला समय 

Dehli

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने के लिए समय सीमा अब 28 अगस्त तक बढ़ा दी है। कोर्ट का यह आदेश सुपरटेक बिल्डर द्वारा टावरों को गिराने की 22 मई की समय सीमा को आगे बढ़ाने की मांग पर आया है। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को अदालत के आदेश के अनुपालन पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। अभी तक इन टावर्स को 22 मई को गिराया जाना प्रस्तावित था।
 

नोएडा के सेक्टर-93ए में बनी सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी (Supertech Emerald Court Society) में स्थित अवैध करार दिए जा चुके इन ट्विन टावर्स को ढहाने की तैयारियों में देरी होने से डेमोलिशन का काम संभाल रही कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग ने सुप्रीम कोर्ट से समय सीमा 28 अगस्त तक बढ़ाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की इस मांग को मानते हुए समय सीमा बढ़ा दी है। हालांकि, नोएडा प्राधिकरण ने समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया था।
 

बता दें कि, सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट परिसर में बने ट्विन टावर को पहले 22 मई को गिराया जाना प्रस्तावित था, लेकिन मौके पर बचे काम को देखते हुए यह असंभव लग रहा था। ऐसे में बिल्डर की ओर से तीन महीने का अतिरिक्त समय मांगते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई गई थी, जिस पर आज सुनवाई के बाद फैसला सुनाया गया।
 

गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 के अपने फैसले में तीन महीने के अंदर यानि 30 नवंबर तक इन टावर्स को गिराने का आदेश दिया था, जो संभव नहीं हो सका। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर ही नोएडा प्राधिकरण ने 20 फरवरी से काम शुरू करा टावर गिराए जाने के लिए 22 मई की तारीख तय की थी। इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट में भी दे दी गई थी।

टावर गिराने का काम कर रही एडिफिस इंजीनियरिंग ने 22 मई को टावर गिराए जाने की बात को असंभव बताया था। इसके बाद बिल्डर ने अतिरिक्त तीन महीने का और समय लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा दी थी।