SC में पहलवानों का केस बंद; सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हमें जो करना था, हमने कर दिया, अगर आगे कुछ और चाहते हैं तो...
Supreme Court Closed Proceedings on Wrestlers Petition
SC Closed Proceedings on Wrestlers Petition: सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी पहलवानों का केस बंद कर दिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट अब भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चीफ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दाखिल की गई पहलवानों की याचिका पर आगे की कार्यवाही नहीं करेगा। सुप्रीम कोर्ट आज कह दिया कि, पहलवानों द्वारा जो याचिका दाखिल की गई थी उसका उद्देश्य पूरा हो गया है। हमारे आदेश पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है। साथ ही पहलवानों को सुरक्षा भी दी गई है। इसलिए हम अब आगे इस याचिका पर कार्यवाही बंद कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, अगर पहलवान आगे कुछ और चाहते हैं तो वह मजिस्ट्रेट या दिल्ली हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं।
पहलवानों का वकील का क्या कहना?
इधर, सुप्रीम कोर्ट के इस कदम से पहलवानों के वकील का कहना है कि मामले में पूरी निगरानी की जरुरत है। क्योंकि दिल्ली पुलिस पहले ही एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी। जिसके बाद हमें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। तब जाके दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। परंतु अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कार्यवाही ही बंद कर दी। वकील ने कहा कि, हम उम्मीद कर रहे थे कि जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अब हमें निचली अदालत में जाने को कहा है।
बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप
धरने पर बैठे पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के चीफ बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। आरोप हैं कि, बृजभूषण शरण सिंह महिला पहलवानों का यौन शोषण करते हैं। पहलवानों का दावा है कि ये आरोप झूठे नहीं हैं। महिला पहलवानों ने वास्तविकता में इस चीज को साहा है और अब यह नहीं साहा जाएगा। पहलवानों का कहना है कि, अब वह आवाज उठाने को मजबूर हैं। क्योंकि उन्हें अपनी कुश्ती को जिंदा रखना है।
संघ चीफ बोले- सारे आरोप झूठे
इधर, भारतीय कुश्ती महासंघ के चीफ बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों के सारे आरोपों को सिरे से नकार दिया है। उनका कहना है कि, पहलवानों द्वारा उनपर लगाए जा रहे सभी आरोप गलत हैं। बतादें कि, बृजभूषण सिंह यूपी के कैसरगंज सीट से बीजेपी सांसद हैं। 2011 से कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं, उनकी इमेज दबंग वाली है।
बुधवार रात जंतर-मंतर पर भारी बवाल
पहलवानों के धरनास्थल पर बुधवार रात को भारी बवाल भी हुआ है। प्रदर्शनकारी पहलवानों और दिल्ली पुलिस में तेज झड़प हो गई। जहां इस बीच किसी का सिर फूटा तो किसी को और जगह चोट लगी। महिला पहलवानों का तो यह तक कहना है कि, दिल्ली पुलिस एक कर्मी ने उनके साथ बदतमीजी भी की है और उन्हें अपशब्द कहे हैं। महिला पहलवानों ने आरोप लगाया कि, उक्त पुलिसकर्मी नशे में था। दिल्ली पुलिस की कोई महिला कॉन्स्टेबल उन्हें रोकने आगे नहीं आई।
बतादें कि, महिला पहलवान मीडिया के सामने बयान देते हुए फूट-फूटकर रोईं हैं. वहीं नामी पहलवान बजरंग पुनिया ने देश के लोगों को आह्वान कर धरनास्थल पर बुलाया है। पूनिया ने कहा कि, लोग जल्द से जल्द जंतर-मंतर पर धरनास्थल पर पहुंचे। पूनिया ने कहा कि लोग ट्रैक्टर लेकर भी आएं।
पूनिया ने यहां तक कह दिया कि वह भारत सरकार को सारे मेडल लौटा देंगे। पूनिया ने कहा कि, जब देश में पहलवानों की इज्जत ही नहीं। दुर्दशा हो रही है तो मेडल का क्या करना है? वहीं पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि क्या ये दिन देखने के लिए पहवालान देश के लिए मेडल लेकर आए थे। हमारी ऐसी दशा की जा रही है। विनेश ने कहा कि, क्या हम अपने सोने के लिए भी व्यवस्था नहीं कर सकते। फिर तो अगर मारना ही है तो ऐसे ही मार दो।
फोल्डिंग बेडशीट लाने पर मचा घमासान
प्रदर्शनकारी पहलवानों का कहना है कि, वे धरनास्थल पर फोल्डिंग बेड ला रहे थे क्योंकि बारिश की वजह से उनके गद्दे भींग गए थे और ऐसे में उन्हें लेटने-बैठने में दिक्कत हो रही थी। लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें फोल्डिंग बेड नहीं लाने दिए। लेकिन जब उन्होंने फोल्डिंग बेड लाने की कोशिश की तो इस दौरान दिल्ली पुलिस धक्केशाही पर उतर आई और उनके साथ बदसलूकी की गई।
दिल्ली पुलिस का भी आया बयान
जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ पूरे घमासान पर दिल्ली पुलिस ने भी बयान जारी किया है। दिल्ली पुलिस के डीसीपी प्रणव तायल ने कहा कि, धरनास्थल पर फोल्डिंग बेड लाए जा रहे थे। इसकी इजाजत नहीं थी जिसके लिए मना किया गया। इसके बाद प्रदर्शन कर रहे पहलवान और उनके समर्थक आक्रामक होकर बैरीकेडिंग पर आ गए और बेड लेने की कोशिश की जिसमें विवाद हुआ।
दिल्ली महिला की आयोग की अध्यक्ष को हिरासत में लिया
बतादें कि, जंतर-मंतर पर इस घटना के बाद दिल्ली महिला की आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल जब मौके पर पहुंची तो उन्हें पहलवानों के पास नहीं जाने दिया गया। जब स्वाति ने जाने की कोशिश की तो उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया और जबरन टांगकर गाड़ी में डाल दिया। हालांकि, वीरवार सुबह स्वाति मालीवाल ने पहलवानों से मुलाकात कर ली। बतादें कि, स्वाति मालीवाल के साथ-साथ दीपेंद्र हुड्डा को भी दिल्ली पुलिस ने रोक लिया था और उन्हें पहलवानों के नजदीक नहीं जाने दिया गया।