दिल्ली में भाजपा की आंधी या केजरीवाल की वापसी? कांग्रेस ने संभली हुई प्रतिक्रिया दी!
- By Arun --
- Thursday, 06 Feb, 2025
Storm of BJP or Kejriwal's Comeback in Delhi? Congress Responds Cautiously!
नई दिल्ली, 6 फरवरी: Delhi Elections: BJP Surge or Kejriwal's Comeback?: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 5 फरवरी को मतदान पूरा हो गया, और अब 8 फरवरी को नतीजे आने का इंतजार है। वोटिंग खत्म होते ही एग्जिट पोल्स के नतीजे सामने आए, जिनमें भाजपा की जीत का अनुमान लगाया गया है। अगर एग्जिट पोल्स सही साबित हुए, तो भाजपा 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करेगी।
हालांकि, आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन अनुमानों को खारिज करते हुए दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल ही फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। वहीं, कांग्रेस ने एग्जिट पोल्स पर पूरी तरह सहमति या असहमति जताने के बजाय संभली हुई प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस को झटका, भाजपा और आप में सीधी टक्कर
एग्जिट पोल्स में कांग्रेस को 0 से 2 सीटों तक मिलने का अनुमान जताया गया है, जो पार्टी के लिए कोई खास राहत की बात नहीं है। इसके विपरीत, भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर दिख रही है। कांग्रेस के नेता एग्जिट पोल्स को पूरी तरह नकारने से बचते नजर आ रहे हैं और सिर्फ इतना कह रहे हैं कि 8 फरवरी के नतीजों का इंतजार करना होगा।
कांग्रेस नेतृत्व का चुनाव प्रचार में कमजोर प्रदर्शन
कांग्रेस की स्थिति को लेकर कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी ने इस बार दिल्ली चुनाव में उतनी आक्रामकता नहीं दिखाई, जितनी भाजपा और आम आदमी पार्टी ने।
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राहुल गांधी ने दिल्ली में सीलमपुर से चुनाव प्रचार की शुरुआत की, लेकिन बाद में उनकी रैलियां उतनी प्रभावशाली नहीं रहीं।
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प्रियंका गांधी भी देर से प्रचार में उतरीं और भाजपा व आप पर हमलावर तो दिखीं, लेकिन उनका प्रभाव उतना गहरा नहीं पड़ा।
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मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस के अन्य शीर्ष नेताओं ने भी कोई ठोस रणनीति नहीं अपनाई, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरता।
विशेषज्ञों का कहना है कि कांग्रेस ने इस चुनाव में अपनी योजनाओं (महंगाई मुक्ति योजना, वृद्धजनों के लिए 5000 रुपये महीना, युवाओं को 8500 रुपये महीना, प्यारी दीदी योजना) के जरिए मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश की, लेकिन इसका अपेक्षित असर नहीं दिखा। पार्टी ने बार-बार शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल की याद दिलाई, लेकिन 12 साल पुराने शासन को आधार बनाकर वोट मांगना प्रभावी साबित नहीं हुआ।
कांग्रेस के नेताओं का क्या कहना है?
दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा,
"हमने मजबूत चुनाव लड़ा है और हमें उम्मीद है कि हमारे प्रयास वोटों में तब्दील होंगे। वरिष्ठ नेतृत्व ने भी हमारा पूरा समर्थन किया है, जिससे हम और अधिक आत्मविश्वास से भरे हैं।"
नई दिल्ली से कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने कहा,
"अगर एग्जिट पोल्स सही होते हैं, तो भाजपा सरकार बना सकती है। लेकिन मुझे लगता है कि इन अनुमानों में आम आदमी पार्टी को कम आंका गया है। कांग्रेस को 17-18 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान था, लेकिन अब 8 फरवरी को ही तस्वीर साफ होगी।"
क्या कांग्रेस एग्जिट पोल्स को गलत साबित कर सकती है?
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। अगर एग्जिट पोल्स सही साबित होते हैं, तो कांग्रेस को महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद दिल्ली में भी झटका लग सकता है। कांग्रेस के सोशल मीडिया (X हैंडल) पर भी पार्टी की ओर से एग्जिट पोल्स पर कोई खास टिप्पणी नहीं की गई है, जिससे साफ झलकता है कि पार्टी भी इन अनुमानों को लेकर आश्वस्त नहीं है।
अब सवाल यह है कि क्या 8 फरवरी को कांग्रेस कोई चमत्कार कर पाएगी या फिर उसे एग्जिट पोल्स की भविष्यवाणी के मुताबिक ही शून्य या नाममात्र की सीटें मिलेंगी? यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता ने इस बार किसे सत्ता सौंपी है।