By: Rochita
April 10 , 2025
त्वचा का नेचुरल ऑयल हट जाता है साबुन में मौजूद केमिकल्स स्किन के नेचुरल ऑयल को हटा देते हैं, जिससे त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है।
ड्रायनेस और इचिंग साबुन का pH स्किन के pH से ज्यादा होता है। इससे त्वचा में खिंचाव, खुजली और पपड़ी जैसी स्थिति हो सकती है।
पिंपल्स और रैशेस कई बार साबुन स्किन को इरिटेट कर देता है, जिससे एक्ने या रैशेस हो सकते हैं, खासकर अगर स्किन सेंसिटिव हो।
एजिंग के लक्षण जल्दी दिख सकते हैं लगातार स्किन ड्राय होने से झुर्रियां और फाइन लाइन्स जल्दी दिखाई देने लगती हैं।
स्किन का pH बैलेंस बिगड़ना चेहरे की स्किन का pH 5.5 होता है, जबकि ज़्यादातर साबुन का pH 9-10 होता है, जिससे स्किन सेंसिटिव हो जाती है।
चेहरे पर खिंचाव महसूस होना साबुन के बाद चेहरे पर कसाव महसूस होना स्किन के सूखने का संकेत है।
जलन और रैशेस होना कुछ साबुन में मौजूद सुगंध और केमिकल्स स्किन को एलर्जिक रिएक्शन दे सकते हैं।
स्किन टोन का असंतुलन साबुन का ज़्यादा इस्तेमाल त्वचा को पिगमेंटेड कर सकता है, जिससे रंगत असमान हो जाती है।
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