By: Rochita
April 14 , 2025
पीरियड पेन से राहत हल्की दौड़ या जॉगिंग करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे यूटेरस में ऑक्सीजन सही से पहुँचती है और क्रैम्प्स कम हो सकते हैं।
मूड बेहतर होता है दौड़ने से एंडोर्फिन्स (खुशी के हार्मोन) रिलीज़ होते हैं, जिससे चिड़चिड़ापन, गुस्सा और उदासी कम होती है।
ब्लोटिंग और भारीपन कम होता है पेट में जो फूलापन या भारीपन महसूस होता है, वो रनिंग से कम हो सकता है क्योंकि यह गैस और वॉटर रिटेंशन को घटाती है।
थकान दूर होती है हल्की फिजिकल एक्टिविटी शरीर को एनर्जी देती है, जिससे सुस्ती और कमजोरी कम होती है।
नींद अच्छी आती है दौड़ने से थकान संतुलित होती है और रात को गहरी नींद आने में मदद मिलती है।
पीरियड साइकल नियमित रहता है नियमित फिजिकल एक्टिविटी से हार्मोन बैलेंस रहता है, जिससे पीरियड्स का साइकल सही चलता है।
तनाव कम करता है अगर पीरियड्स के दौरान आपको एंग्जायटी या स्ट्रेस महसूस होता है, तो रनिंग बहुत असरदार हो सकती है।
इम्यून सिस्टम मजबूत करता है दौड़ने से इम्यूनिटी बढ़ती है, जिससे इस दौरान होने वाली थकावट, सिरदर्द और शरीर दर्द से राहत मिलती है।
अगर आप वजन घटाने या मेन्टेन करने की कोशिश में हैं, तो पीरियड्स के दौरान भी रनिंग आपकी मेटाबॉलिज़्म को एक्टिव रखती है।