Partition Horror Day: विभाजन विभीषिका दिवस पर कुरुक्षेत्र में होगा राज्यस्तरीय कार्यक्रम
Partition Horror Day: विभाजन विभीषिका दिवस पर कुरुक्षेत्र में होगा राज्यस्तरीय कार्यक्रम
हरियाणा में 14 अगस्त को मनाया जाएगा 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस'
देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता: मनोहर लाल
चंडीगढ़। Partition Horror Day: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने की घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने फैसला लिया है कि 14 अगस्त को कुरुक्षेत्र में विभाजन विभीषिका दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान प्रदेशभर से आए लोगों को विभाजन की विभीषिका में बलिदान देने वालों के बारे में अवगत करवाया जाएगा। यह दिवस उन सभी लोगों के लिए एक श्रद्धांजलि के तौर पर है, जिन्होंने विभाजन के समय अपनी जान गंवाई या अपने घरों को छोड़ा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खुद भी शामिल होंगे।
Partition Horror Day: एक तरफ ख़ुशी दूसरी तरफ दंश
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि देश जब आजाद हुआ, तब एक ओर जहां खुशी थी वहीं दूसरी ओर देश को बंटवारे का दंश भी झेलना पड़ा। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि यह विभाजन साधारण नहीं था, वैसे कोई विभाजन साधारण नहीं होता लेकिन भारत का मामला और भी दर्द भरा रहा है।
Partition Horror Day: इस दिन के माध्यम से याद दिलाया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी और आने वाली पीढ़ियों को इस दिन के माध्यम से याद दिलाया जाएगा कि देश की आजादी के जश्न से पहले हमें उन्हें याद करना चाहिए, जिन्होंने पीड़ा और दर्द झेला। इसी याद को बनाए रखने के लिए प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर विभाजन विभीषिका स्मारक बनाए जा रहे हैं। कुरुक्षेत्र के मसाना गांव में देश का विश्व स्तरीय शहीदी स्मारक बनाया जा रहा है। इस स्मारक पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस मानवीय कार्य के लिए पंचनद स्मारक ट्रस्ट ने 25 एकड़ भूमि सरकार को दान में देने की घोषणा की है। ऐसा ही एक स्मारक फरीदाबाद के बड़खल में बनाया गया है।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता रहेगा कि सामाजिक एकता के सूत्र टूटते हैं तो देश भी टूट जाया करते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को मनाने की घोषणा इसी उद्देश्य से की थी कि हर भारतीय इस दिन को याद कर राष्ट्र की एकता के प्रति प्रेरित और समर्पित हो। यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए प्रेरित करेगा। इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी। आपसी एकता बढ़ेगी तो वैमनस्यता अपने आप दूर होगी। श्री मनोहर लाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति हमें वसुधैव कुटुम्बकम् का पाठ पढ़ाती है। हमें जाति, धर्म और वर्ग से ऊपर उठकर सोचना चाहिए।