State government is taking strict steps against organized crime

Himachal : संगठित अपराध के खिलाफ प्रदेश सरकार उठा रही कड़े कदम, इसके लिए आगामी विधानसभा सत्र में लाया जाएगा विशेष कानून: उप मुख्यमंत्री

Deputy-CM-Mukesh-Agnihotri

State government is taking strict steps against organized crime

State government is taking strict steps against organized crime: ऊना। हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार ने सत्ता संभालते ही संगठित अपराध के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं जिसकी बदौलत माफिया के जहन में कानून का खौफ पैदा हुआ है। सरकार के इन प्रयासों की बदौलत नशा तस्करी, पेपरलीक मामले, क्रिप्टो करंसी तथा खनन सहित सभी संगठित अपराधों से जुड़े कई लोग सलाखों के पिछे हैं तथा इस दिशा में निरंतर अनेक सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। संगठित अपराध के खिलाफ सम्पत्ति जब्त सहित और अधिक कड़े कदम उठाने की मंशा से प्रदेश सरकार द्वारा आगामी विधानसभा सत्र में एक विशेष कानून लाया जाएगा जिसके तहत इस प्रकार के अपराधों से जुड़े लोगों की सम्पत्ति को जब्त किया जा सकेगा तथा उस पर केंद्र सरकार की बजाए राज्य सरकार का अधिकार होगा। यह जानकारी उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जिला मुख्यालय पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए दी।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नशा तस्करी से जुड़े अपराधियों के खिलाफ कमर तोड़ करर्वाई की जा रही है जिसके तहत इस वर्ष 30 सितम्बर तक नशा तस्करी से जुडे 575 मामले दर्ज किए गए हैं तथा 11.5 किलोग्राम चिट्टा बरामद किया गया है। नशे के खिलाफ की गई यह कार्रवाई पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 39.2 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि मादक पदार्थ अधिनियम के तहत 23 मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें कुल 13.51 करोड़ रूपये की सम्पत्ति जब्त की गई है। यही नहीं इससे संबंधित लगभग 40 करोड़ रूपये के 7 मामले आगामी कार्रवाई के लिए परवर्तन निदेशालय को भेजे गए हैं। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही लागू किए जा रहे पिट/एनडीपीएस कानून के लागू होने से आगामी एक वर्ष के भीतर ही परिणाम सामने आएगे। उन्होंने कहा कि 5 ग्राम से कम मात्रा में चिट्टा पकड़े जाने पर जमानत न मिलने बारे में प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार को मामला भेजा गया है। उन्होंने कहा कि नशा तस्करी से जुड़े व्यक्ति के खिलाफ सरकार जीरो टोलरेंस की नीति को अपना रही है चाहे लोग किसी भी विचारधारा के लोगों को बख्शा नही जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला में स्थापित नशा मुक्ति केंद्रों की निरंतर निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में नशे की आपूर्ति के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय गिरोह कार्य कर रहे हैं। इसलिए नशा तस्करी की रोकथाम के लिए देश की जमीनी व समुद्री सीमाओं पर केंद्र सरकार द्वारा भी अनेक सार्थक कदम उठाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि ऊना जिला के सीमावर्ती क्षेत्रों में नशा तस्करी की रोकथाम के उद्देश्य से जिला के टाहलीवाल में एक नया पुलिस थाना खोला गया है। इसके अलावा नशे की रोकथाम के लिए एक विशेष पुलिस बल नियुक्त किया जाएगा जिसमें 1500 पुलिस जवान भर्ती किए जाएंगे। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में पेपरलीक मामलों के अलावा लगभग 2 हज़ार करोड़ रूपये का क्रिप्टो करंसी के नाम से एक बड़ा गोलमाल हुआ है जिसमें हिमाचल प्रदेश के एक लाख लोग भुगत भोगी है। क्रिप्टो करंसी के इस गोरख धंधे में प्रदेशवासियों को लगभग 500 करोड़ रूपये फंसा हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में की गई कार्रवाई के बदौलत अब तक 10 गिरफ्तारियां की गई है तथा शेष अन्य दोषियों को भी शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा। 

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य में आय के साधन सृजित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा वाटर सेस लागू किया गया जिसके तहत प्रदेश की आय में हजारों करोड़ों रूपये की बढ़ौत्ती होगी। लेकिन प्रदेश सरकार के कदम में केंद्र सरकार बेवजह बाधा डाल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को इस संबंध में आय के साधन सृजित करने का पूर्ण अधिकार है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 172 कम्पनियों पर वाटर सेस लागू हुआ है तथा इससे प्रदेश को लगभग 1842 करोड़ रूपये की अतिरिक्त आय होने जा रही है तथा विभिन्न जल विद्युत कम्पनियों से 29 करोड़ रूपये प्राप्त हो चुके हैं। 
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश को जानमाल का भारी नुक्सान हुआ है। लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक राज्य को कोई भी राहत पैकेज नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नियमों के तहत केंद्र सरकार से 10 हज़ार करोड़ रूपये के विशेष पैकेज की मांग की गई है जिस पर केंद्र सरकार शीघ्र निर्णय लें। मुकेश अग्निहोत्री ने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा से राज्य के 16 हज़ार लोग प्रभावित हुए है तथा 3500 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्णत: क्षतिग्रस्त मकानों के नवनिर्माण के लिए सात लाख रूपये, आंशिक क्षतिग्रस्त मकानों के लिए एक लाख रूपये तथा पालूत पशुओं को हुए नुक्सान की भरपाई के लिए अपने संसाधनों से मुआवज़ा दे रही है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाली स्टेज़ कैरेज़ बसें जो बिना टैक्स दिए राज्य में यात्रियों की आवाजाही कर रही हैं उनके खिलाफ भी कड़ी कर्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हाल ही में लागू की गई लगेज़ पॉलिसी से राज्य को एक करोड़ रूपये की अतिरिक्त आय हुई है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में आरंभ की गई सुगम दर्शन प्रणाली से एक ओर यहां श्रद्धालुओं को माता श्री चिंतपूर्णी के दर्शन करने में भरपूर सुविधा मिल रही है तो वहीं मंदिर न्यास को अब तक एक करोड़ रूपये की आय हो चुकी है। उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में प्रदेश के भीतर व बाहरी राज्यों के धार्मिक गंतव्यों के लिए 100 अतिरिक्त बस रूट आरंभ किए जा रहे हैं जिसमें से पहला बस रूट धर्मशाला-चिंतपूर्णी -ज्वालाजी-धर्मशाला तथा चिंतपूर्णी से खाटूश्याम के लिए आरंभ कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में अयोध्या, अमृतसर, डेरा ब्यास के अलावा हिमाचल प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों के लिए अनेक बस रूट आरंभ किए जाएंगे। 

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार द्वारा सुख आश्रय योजना के तहत प्रदेश के 4500 बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है तथा इन बच्चों को पालन-पोषण तथा शिक्षा संबंधि सम्पूर्ण दायित्व प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में दी गई सभी गारंटियां चरणबद्ध तरीके से पूर्ण की जा रही है तथा सबसे बड़ी गारंटी पुरानी पेंशन योजना को सबसे पहले लागू कर दिया गया है और अन्य गारंटियों को भी पूर्ण करने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्प है।

 

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