श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन 15 लाख फूलों के साथ रिकॉर्ड बुक में हुआ शामिल
- By Sheena --
- Monday, 21 Aug, 2023
Srinagar Tulip Garden enters record books with 1.5 Million Flowers
Srinagar Tulip Garden Enters Record Books: हरि पर्वत की तलहटी में स्थित इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन ने शनिवार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (लंदन) में अपना नाम दर्ज करा लिया है। यह गार्डन एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन के रूप में विख्यात है, जो 15 लाख ट्यूलिप बल्बों की सुंदर श्रृंखला से सुसज्जित है। यह 68 विशिष्ट ट्यूलिप फूलों की किस्मों के एक शानदार समूह का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन एक सुंदर दृश्य से कहीं अधिक है? इस अनोखे उद्यान के बारे में कुछ कम ज्ञात तथ्य यहां दिए गए हैं।
श्रीनगर के इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन (Tulip Garden Srinagar) ने यहां आने वाले पर्यटकों के दिल में जगह बना ही रखी है और अब इस गार्डन ने यूके के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जगह बना ली है। ट्यूलिप गार्डन का नाम एशिया के ऐसे सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन के रूप में दर्ज हुआ है, जो 15 लाख ट्यूलिप फूलों की सुंदर श्रृंखला सजा है। साथ ही यहां इन फूलों की 68 विशिष्ट किस्में भी शोभा बढ़ा रही हैं।
15 लाख ट्यूलिप से सजा है गार्डन
श्रीनगर के जबरवान पर्वत श्रृंखला की गोद में स्थित इस खूबसूरत गार्डन में लगभग 68 किस्मों और विभिन्न रंगों वाले 15 लाख से ज्यादा ट्यूलिप के फूल हैं। खास गार्डन की खास बात यह है कि यहां से श्रीनगर की प्रसिद्ध डल झील भी दिखती है। बात करें इस बगीचे की बनावट की, तो पूरे गार्डन को ढलान वाली जमीन पर सीढ़ीदार तरीके से बनाया गया है। यहां ट्यूलिप के अलावा फूलों की अन्य प्रजातियां भी मौजूद हैं, जिनमें डैफोडील्स, जलकुंभी और रेनकुलस।
गुलाम नबी आज़ाद ने रखी थी नींव
इस गार्डन की नींव 2006 में जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने रखी थी। महज दो साल में तैयार किया गया ये बगीचा कई मजदूरों और बगीचे की देख-रेख करने वालों की मेहनत का नतीजा बताया जाता है। जबरवन पर्वतमाला के बीच स्थित इस गार्डन को वर्ल्ड बुक में जगह मिलने पर शनिवार को आयोजित एक समारोह में आयुक्त सचिव (फ्लोरीकल्चर गार्डन और पार्क) शेख फैयाज अहमद को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अध्यक्ष और CEO संतोष शुक्ला ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। अपने भाषण में अहमद ने गार्डन को दी गई इस नई पहचान के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का धन्यवाद किया।
वर्ल्ड बुक ऑफ बुक्स में रिकॉर्ड में नाम दर्ज
उन्होंने इसे एक बड़ी उपलब्धि माना, जो न केवल श्रीनगर के इस फूलों के खजाने का कद बढ़ाएगी बल्कि कश्मीर घाटी की स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास में भी योगदान देगी। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल होना मानवता और प्रकृति के बीच के आकर्षक रिश्ते का उत्सव भी है।