नगर निगम की वित्तीय सेहत को लेकर आज विशेष बैठक, 24 अक्टूबर को प्रशासक गुलाब चंद कटारिया भी करेंगे मसले पर चर्चा, उनके समक्ष रखे जाएंगे मंगलवार की बैठक के सुझाव
- By Vinod --
- Monday, 21 Oct, 2024
Special meeting today regarding the financial health of the Municipal Corporation
Special meeting today regarding the financial health of the Municipal Corporation- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I मेयर कुलदीप कुमार ने प्रशासक गुलाब चंद कटारिया की ओर से नगर निगम की 24 अक्टूबर को बुलाई गई बैठक से पहले मंगलवार को वित्तीय मसलों पर चर्चा के लिए सदन की विशेष बैठक बुुलाने का निर्णय लिया है। नगर निगम के वित्तिय संकट को लेकर पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने 24 अक्तूबर को बैठक बुलाई है।
इस बीच नए निगम कमिशनर अमित कुमार और चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा ने भी चार्ज संभाल लिया है। नए कमिशनर की देखरेख में पहली सदन बैठक निगम के फाइनेंशियल क्रंच को लेकर होगी। सदन बैठक के लिए सोमवार शाम को सूचना सार्वजनिक की गई। निगम की आर्थिक सेहत में सुधार कैसे हो सकता है इस पर बैठक में चिंतन और मंथन किया जाएगा। बैठक से जो सुझाव सामने आएंगे उसे प्रशासक के समक्ष बैठक में रखा जा सकता है।
नगर निगम पिछले कई महीनों से वित्तीय संकट से जूझ रहा है। वित्तीय संकट के कारण शहर के सभी विकास कार्य लगभग ठप पड़े हैं। केवल इमरजेंसी कार्यों के टेंडर ही लग रहे हैं।
निगम का कुल खर्च 1110 करोड़, कमाई व ग्रांट से जुटेंगे केवल 910 करोड़
प्रशासक की बैठक को लेकर बताया जा रहा है कि बैठक में नगर निगम की वित्तीय स्थिति पर चर्चा होगी। इसमें प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों के अलावा मेयर कुलदीप कुमार भी शामिल होंगे। नगर निगम ने अपने तमाम खर्चों और कमाई के स्रोत का लेखा-जोखा तैयार किया है, जो बैठक में प्रशासक के सामने रखा जाएगा। मेयर कुलदीप कुमार ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए निगम का कुल खर्च करीब 1110 करोड़ रुपये है लेकिन खुद की कमाई और प्रशासन से मिले ग्रांट से करीब 910 करोड़ रुपये ही जुटाए जा सकेंगे। करीब 200 करोड़ की जरूरत है। अगर यह 200 करोड़ निगम को नहीं मिले तो कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस बैठक को लेकर काफी सकारात्मक हैं। उम्मीद है कि प्रशासक वित्तीय संकट का संज्ञान लेंगे और निगम को इससे बाहर निकालेंगे।
वर्ष 2024-25 में प्रशासन ने निगम को कुल 560 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया है। इसमें से 387 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। संयुक्त आयुक्त गुरिंदर सोढ़ी ने नगर निगम हॉउस की पिछली बैठक में सदन को बताया था कि निगम की हर महीने कमिटिड लायबिलिटी (प्रतिबद्ध देनदारियां) करीब 70 करोड़ रुपये की है। इसमें कर्मचारियों को वेतन, वेजिस, पेंशन व अन्य अनिवार्य बिलों का भुगतान आता है। वार्डों के विकास कार्यों पर किए जाने वाला खर्च अलग है। निगम की स्थिति इन दिनों ऐसी है कि उनके क्षेत्राधिकार में आने वाली कई सडक़ों की हालत खस्ता है, लेकिन पैसों की कमी की वजह से उन्हें बनवा नहीं पा रहा है। कुछ दिन पहले मेयर कुलदीप कुमार ने प्रशासक के सलाहकार राजीव वर्मा से मुलाकात की थी और सडक़ों की मरम्मत के लिए 54 करोड़ रुपये मांगे थे। निगम शहर की 2000 किलोमीटर सडक़ों और पार्किंग क्षेत्रों का रखरखाव करता है। इनमें से 270 किलोमीटर सडक़ों और पार्किंग स्थलों को तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है। इसके लिए करीब 54 करोड़ रुपये चाहिए।
मेयर ने कुछ दिन पहले जब पहली बार प्रशासक गुलाबचंद कटारिया से पंजाब राजभवन में मुलाकात की थी तो उन्होंने लिखित में करीब 200 करोड़ रुपये अतिरिक्त ग्रांट की मांग की थी। कहा था कि निगम वित्तीय संकट में है, इसलिए कुछ ऐसे विभाग दिए जाएं जिससे निगम का राजस्व बढ़ सके। कुलदीप कुमार ने बताया कि निगम के पास जितने भी विभाग हैं, वो लोगों को सेवाएं देने वाले विभाग हैं, जो नो प्रॉफिट-नो लॉस पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में नगर निगम को अतिरिक्त करीब 200 करोड़रुपये के ग्रांट की जरूरत है क्योंकि एरियर, सैलरी और पेंशन आदि देने हैं।
भाजपा पार्षद लेकर आए थे टेबल एजेंडा
पिछले महीने सदन बैठक में भाजपा पार्षद महेश इंदर सिंह सिद्धू बाकायदा निगम की ग्रांट इन एड, अनिवार्य खर्च को लेकर बाकायदा टेबल एजेंडा लेकर आए थे। इसमें उन्होंने सवाल उठाया था कि हमारे खर्च अधिक है और आय कम होती जा रही है। खर्च पर आधारित प्रस्ताव भी बेवजह लाए जा रहे हैं।