'कभी-कभी मुझे लगता है कि मैं...', रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज ने क्या कुछ कहा?
Sculptor Arun Yogiraj on Ramlala Pran Pratishtha
अयोध्या। Sculptor Arun Yogiraj on Ramlala Pran Pratishtha: भगवान रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा राम मंदिर में हो चुकी है। इस मूर्ति को गढ़ने वाले अरुण योगीराज स्वयं को धन्य समझ रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शाामिल कर्नाटक के मैसूर जिले के अग्रहार के रहने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा कि वह धरती पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं। पूर्वजों और परिवार का आशीर्वाद है।
सरकार से कई पुरस्कार मिले
योगीराज ने कहा कि कभी-कभी उनको लगता है कि जैसे वह सपनों की दुनिया में हैं। यह जीवन का सबसे बड़ा दिन है। अरुण योगीराज को भारत सरकार व कर्नाटक सरकार से कई पुरस्कार मिले हैं, लेकिन भगवान रामलला की इस अद्भुत प्रतिमा ने उन्हें इतिहास के पन्नों में अंकित करा दिया।
रोजाना 18-18 घंटे काम किया
रामलला की इस मूर्ति को काले पत्थर से बनाया गया है। इस अचल मूर्ति को बनाने में रोजाना 18-18 घंटे काम किया। अपनी कला से देश को गर्वित करने वाले अरुण योगीराज ने अपने पिता से मूर्तिकला की बारीकियां सीखी थी।
हर रोज करते थे पूजा
जब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उनकी प्रतिमा का चयन किया, तब उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रभु के प्रति उनकी अपार श्रद्धा है, इसलिए वह कार्य शुरू करने से पहले हर रोज भगवान श्रीराम व हनुमान की पूजा अर्चना करते थे।
11 वर्ष में पहली मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज के काम की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर चुके हैं। रामनगरी आने के बाद फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर योगीराज की प्रशंसा की।
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