माननीय रेल राज्‍यमंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने भारतीय रेल पर भारत के पहले केबल आधारित रेल पुल, अंजी खड्ड का निरीक्षण किया
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माननीय रेल राज्‍यमंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने भारतीय रेल पर भारत के पहले केबल आधारित रेल पुल, अंजी खड्ड का निरीक्षण किया

First Cable-Stayed Rail Bridge

First Cable-Stayed Rail Bridge

First Cable-Stayed Rail Bridge; माननीय केंद्रीय कपड़ा और रेल राज्‍यमंत्री, श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने दिनांक 27.4.2023 को कश्‍मीर घाटी (Kashmir Valley) में भारतीय रेल पर भारत के पहले केबल आधारित रेल पुल, अंजी खड्ड का निरीक्षण किया ।  इस अवसर पर मंत्री जी के साथ यूएसबीआरएल के मुख्‍य प्रशासनिक अधिकारी (Chief Administrative Officer, USBRL) श्री एस.पी.माही, केआरसीएल के ईडी, श्री आर.के.हेगड़े तथा उत्‍तर रेलवे व केआरसीएल की टीम के लोग भी उपस्‍थित थे ।  श्रीमती जरदोश के निरीक्षण के दौरान  श्री एस.पी.माही ने मंत्री जी को परियोजना की स्‍थिति तथा अंजी खड्ड रेल पुल की विशेषताओं से अवगत कराया ।
   अंजी खड्ड रेल पुल का दौरा करने और उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक  परियोजना की प्रगति की समीक्षा के दौरान, माननीय मंत्री ने भारतीय रेलवे को दुनिया की श्रेष्‍ठ रेलवे बनाने के लिए किए जाने वाली प्रयासों के लिए भारतीय रेल की सराहना की ।  भौगोलिक और जलवायु संबंधी चुनौतियों को पार करते हुए, रेलवे इंजीनियरों और अधिकारियों ने असंभव को संभव कर दिखाया है । 
देश का पहला केबल आधारित रेल पुल, अंजी खड्ड ब्रिज, जम्‍मू एवं कश्‍मीर में ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के सबसे महत्‍वपूर्ण भागों में से एक है । यह एक सेंट्रल पायलन की धुरी पर संतुलित एक असममित केबल आधारित पुल है, जो विषम भौगोलिक परिस्‍थितियों वाले हिमालय के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में बनाया जा रहा है। सभी तकनीकी बाधाओं के बावजूद 11 महीनों के रिकॉर्ड समय में 26 अप्रैल, 2023 को इस पुल की सभी 96 केबलों को उनकी सही स्‍थिति में लगाकर इतिहास रचा गया  है। 
      भारतीय रेल पर बन रहा अंजी खड्ड ब्रिज इंजीनियरिंग का एक शानदार उदाहरण है, जिसे ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के अंतर्गत जम्‍मू एवं कश्‍मीर में कटड़ा और रियासी को जोड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है । यह असममित केबल आधारित पुल अंजी नदी, जोकि चिनाब नदी की एक सहायक नदी है, के गहरे खड्डों को पार करता है । यह पुल कटड़ा छोर पर सुरंग टी-2 और रियासी छोर पर सुरंग टी-3 को जोड़ता है । 
      इस पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है, जिसमें 473 मीटर लंबा असममित केबल आधारित पुल शामिल है, जो नींव के शीर्ष से 193 मीटर की ऊँचाई वाले सेन्‍ट्रल पायलन की धुरी पर संतुलित है और जो नदी के तल से 331 मीटर की ऊँचाई पर स्‍थित है । इस केबल आधारित पुल में उत्‍तरी छोर (कटड़ा की ओर) पर 290 मीटर का स्‍पैन और दक्षिणी छोर (रियासी की ओर) पर 183 मीटर का स्‍पैन है । इस पुल पर इकहरी लाइन का रेलपथ है और 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड़ है । 
इस पुल के स्‍ट्रैण्‍ड 15.7 एमएम व्‍यास के साथ डिजाइन किये गये हैं और इन स्‍ट्रैण्‍डों पर सुरक्षा की तीन परतें – जिंक कोटिड, वैक्‍स फिल्‍ड प्‍लस पीयू/एचडीपीई कवर है । इन केबलों की लंबाई 80 मीटर से लेकर 295 मीटर तक है । इन स्‍टे केबलों में 31, 37 और 43 स्‍ट्रैण्‍ड हैं । 
      अंजी केबल पुल को कुल 96 केबलों अर्थात् प्रत्‍येक लेटरल और सेंट्रल स्‍पैनों पर 48 केबलों के अनुसार डिजाइन किया गया है । इन केबलों का कुल भार 848.7 एमटी है और इसमें शामिल केबल स्‍ट्रैण्‍डों की कुल लंबाई 653 किलोमीटर है ।
भारतीय रेल दिन प्रतिदिन, कश्‍मीर घाटी को रेल नेटवर्क से जोड़ने की ओर अग्रसर है

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