अतीक हत्याकांड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची बहन, असद के एनकाउंटर को भी बताया संदिग्ध
Atiq Ahmed Murder Case
नई दिल्ली। Atiq Ahmed Murder Case: गैंगस्टर राजनेता अतीक अहमद और अशरफ अहमद की बहन आयशा नूरी ने अपने भाइयों की हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दरअसल, 15 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में अतीक अहमद और अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
आयशा नूरी ने कथित तौर पर एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश या एक स्वतंत्र एजेंसी की अध्यक्षता में व्यापक जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अतीक और अशरफ की बहन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उसके दोनों भाइयों की हत्या में सरकार का हाथ है, यह राज्य प्रायोजित हत्या थी।
आयशा नूरी ने अपने भतीजे और अतीक अहमद के बेटे असद अहमद की मुठभेड़ में हत्या की भी जांच की मांग की।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद रडार पर थे माफिया बंधु (Mafia brothers were on radar after Umesh Pal murder case)
दरअसल, 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के आरोप में अतीक अहमद गैंग यूपी पुलिस और एसटीएफ के रडार पर थी। पूछताछ के लिए अतीक को साबरमती जेल से और बरेली जेल से अशरफ को प्रयागराज लाया गया। इसी बीच, 15 अप्रैल को उन्हें मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था, उसी दौरान रात 10:35 बजे कॉल्विन हॉस्पिटल परिसर में तीन शूटरों ने माफियाओं की गोली मारकर हत्या कर दी।
हालांकि, तीनों शूटर सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया था। अब इस हत्याकांड को लेकर बहन आयशा नूरी ने सवाल खड़ा कर दिया और सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाते हुए दोनों भाइयों के साथ-साथ भतीजे असद अहमद के एनकाउंटर की भी स्वतंत्र जांच कराई जाए।
योजना बनाकर की गई हत्या (premeditated murder)
आयशा नूरी ने अधिवक्ता सोमेश चंद्र झा और अमार्त्य आशीष शरण के जरिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में आयशा ने दोनों भाई की हत्या को एक्स्ट्रा जूडिशियल किलिंग करार दिया। याचिका में कहा गया है कि उच्चस्तरीय सरकारी एजेंटों के माध्यम से इस पूरी घटना की योजना बनाई गई थी। आयशा ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश सरकार की मदद के लिए पुलिस भी इनके साथ मिली हुई थी।
पिछले पांच सालों में हुए एनकाउंटर का मांगा ब्योरा (Asked for details of encounters in the last five years)
इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से अतीक अहमद और अशरफ अहमद समेत राज्य में पिछले पांच सालों में हुए पुलिस एनकाउंटर में मारे गए 183 मामलों की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका पर आदेश जारी किया। कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि आखिर मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय उनको मीडिया के सामने क्यों पेश किया गया।
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