विश्व बधिर शूटिंग चैंपियनशिप में शुभम ने जीता कांस्य पदक
World Deaf Shooting Championship
सफलता
World Deaf Shooting Championship: 2018 से शुभम ने नेशनल गेम्स में हिस्सा लेना शुरू किया। वह नेशनल शूटिंग कॉम्पिटिशन चैंपियनशिप, नॉर्थ जोन चैंपियनशिप, ऑल इंडिया कुमार सुरेंद्र सिंह मेमोरियल शूटिंग चैंपियनशिप और ऑल इंडिया जी.वी. मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप जैसी प्रतियोगिताओं में अपना जलवा दिखाते रहे। जनवरी 2022 से शुभम ने 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल और 50 मीटर पिस्टल इवेंट्स में भी भाग लेना शुरू किया। इसी साल उन्होंने ब्राजील में हुए 24वें डेफलिंपिक्स (डेफ ओलिंपिक्स) 2022 में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
जर्मनी में शानदार प्रदर्शन-
अब शुभम ने जर्मनी में चल रही दूसरी विश्व बधिर शूटिंग चैंपियशूटिंग में 10 मीटर एयर पिस्टल एकल स्पर्धा में कांस्य पदक व 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में रजत पदक जीतकर उन्होंने साबित कर दिया है कि वे वर्ल्ड स्तर पर भारत का नाम रोशन करने की क्षमता रखते हैं। 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में उनके साथ अभिनव देशवाल व चेतन हनमत सकपाल थे।
आगे की चुनौतियाँ-
शुभम की चुनौतियाँ अभी खत्म नहीं हुई हैं। उन्हें 4 सितंबर और 6 सितंबर को क्रमशः 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल और 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल के मुकाबलों में भी हिस्सा लेना है। उम्मीद है कि वे इन प्रतियोगिताओं में भी अपना बेस्ट देंगे और देश के लिए और मेडल्स जीतेंगे।
शुभम की सफलता का राज-
शुभम की इस सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण है। रावल कॉन्वेंट स्कूल से 12वीं पास करने के बाद उन्होंने अग्रवाल कॉलेज बल्लभगढ़ से B.Com ऑनर्स और M.Com की पढ़ाई की। लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ वे अपने शूटिंग प्रैक्टिस पर भी पूरा ध्यान देते रहे।
युवा के लिए प्रेरणा-
शुभम वशिष्ठ की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है। उनकी सफलता बताती है कि अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं और कड़ी मेहनत करते हैं, तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। आशा है कि शुभम आने वाले समय में और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे और देश का नाम विश्व स्तर पर रोशन करेंगे।
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