खालिस्तानी खतरे को लेकर ब्रिटिश रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे, सुनक सरकार के लिए नई चुनौती
Pro-Khalistan Extremists in Britain
लंदन। Pro-Khalistan Extremists in Britain: ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा कमीशन की गई एक स्वतंत्र रिपोर्ट ने ब्रिटिश सिख समुदाय के भीतर खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है।
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा बनाई गई कमीशन 'द ब्लूम रिव्यू' ने ऋषि सुनक सरकार से इस मुद्दे को तत्काल हल करने का आह्वान किया है। इसके साथ ही, ब्रिटेन में उन अधिकांश सिखों की रक्षा करने का भी आह्वान किया है, जो चरमपंथी विचारधारा का समर्थन नहीं करते हैं।
सिख समुदाय को खालिस्तानियों से मिल रही धमकी (Sikh community is getting threats from Khalistanis)
रिपोर्ट ने इस मुद्दे को जल्द ही हल करने पर जोर दिया है। खालसा वोक्स ने बताया कि रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन में सिख समुदायों को खालिस्तानी तत्वों द्वारा जबरदस्ती और धमकी का मिल रही है। ये खालिस्तान समर्थक समूह अपने प्रभाव को बढ़ाते हैं और मानव अधिकारों की आड़ में राजनीतिक निकायों की पैरवी करके उनका ध्यान आकर्षित करते हैं।
खालिस्तानी विचारधारा से निपटने पर दिया जोर (Emphasis on dealing with Khalistani ideology)
खालसा वोक्स रिपोर्ट के अनुसार, यह समझना महत्वपूर्ण है कि खालिस्तानी अलगाववादी अधिकांश ब्रिटिश सिख समुदायों के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। ब्लूम रिव्यू ने सिख समुदायों पर इन चरमपंथी समूहों के नकारात्मक प्रभाव को उजागर किया। द ब्लूम रिव्यू ने यूके सरकार को इस उग्रवाद से निपटने के उपाय की आवश्यकता पर जोर दिया।
अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देने वाले की पहचान (Identification of those promoting separatist agenda)
रिपोर्ट ने उन व्यक्तियों और संगठनों की पहचान की है, जो ब्रिटेन में अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देते हैं। द ब्लूम रिव्यू ने कहा कि अधिकांश ब्रिटिश सिख, खालिस्तानी समर्थक समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विध्वंसक तरीकों को सिख धर्म के मूल सिद्धांतों से अलग मानते हैं। द ब्लूम रिव्यू ने यूके सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि इस तरह के चरमपंथी व्यवहारों को सरकार द्वारा वैध न किया जाए
खालसा वोक्स रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्ट ने ब्रिटेन में सिखों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने और भारत के साथ संबंध बनाए रखने के लिए सिख समुदायों और चरमपंथी तत्वों के बीच अंतर करने के महत्व पर जोर दिया।
यूके में स्थित भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ (Indian High Commission in UK vandalized)
यह रिपोर्ट खालिस्तानी द्वारा मार्च में यूके में भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ करने के बाद आई है। घटना के बाद ब्रिटेन सरकार ने सुरक्षा का आश्वासन दिया था। इस महीने की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने यूके के समकक्ष ऋषि सुनक के साथ टेलीफोन पर बातचीत में यूनाइटेड किंगडम में भारतीय राजनयिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। पीएम मोदी ने भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आह्वान किया था।
यह पढ़ें:
1 इंच की भी नहीं होती है ये मछली, मगर इसके पास होती हैं 20 से ज्यादा आंखें! जानिए क्यों है खास?
New Zealand Earthquake: न्यूजीलैंड में भूकंप से कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर 7.2 रही तीव्रता