नगरनिगम चुनावों से पहले कांग्रेस और आप को झटका, ये नेता हुए भाजपा में शामिल
Congress Leaders joined BJP
त्रिलोचन सिंह अशोक खुराना अवतार सिंह तारी नीटू मान हुए समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल
आप नेता सुनील विंदल हुए बी जेपी में शामिल
कांग्रेस सहित अन्य दलों के 500 से अधिक लोग बीजेपी मे शामिल
करनाल, 18 फरवरी (शैलेंद्र जैन): Congress Leaders joined BJP: करनाल नगर निगम चुनाव से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी , जे जे पी सहित अन्य दलों के 500 से अधिक वर्कर बी जे पी मे shamil हो गए।को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस नेता अशोक खुराना, नीटू मान त्रिलोचन सिंह , प्रवेश गाबा व्यापारी नेता अवतार सिंह और आप पार्टी के सुनील बिंदल अपने समर्थकों के साथ बी जे पी मे शामिल हो गए।मुख्यमन्त्री नायव् सैनी त्रिलोचन सिंह अशोक खुराना प्रवेश गाबा, सुनील विंदल के निवास पर पहुंचे।।इन नेताओ ने अपनी-अपनी पार्टियों को छोडक़र दूसरी राह पकड़ ली। अशोक खुराना कांग्रेस से मेयर पद का टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने मनोज वधवा को उम्मीदवार बना दिया। इससे नाराज होकर खुराना भाजपा में शामिल गए। । हालांकि मेयर प्रत्याशी मनोज वधवा व अन्य नेता अशोक खुराना और त्रिलोचन सिंह को मनाने का असफल प्रयास किया। मुख्यमंत्री नायाब सिंह स्ैानी के समक्ष कर्ण कमल में वह भजपा में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री के सामने विधानसभा चुनाव लड़ चुके त्रिलोचन सिंह ने भी कांग्रेस को कहा अलविदा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सामने विधानसभा चुनाव लड़ चुके कांग्रेस के जिला संयोजक सरदार त्रिलोचन सिंह भी कांग्रेस से नाखुश थे। अब उन्होंने भी भाजपा में शामिल हो गए। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के नेता सुनील बिंदल ने भी अपनी पार्टी छोडऩे का फैसला कर लिया है, लेकिन वे बी जे पी में शामिल होने जा रहे हैं। सीएम नायब सैनी खुद लेकर पहुंचे नेताओं को, भाजपा कार्यालय में कराई ज्वाइनिंग मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज भाजपा के कर्ण कमल कार्यालय में अशोक खुराना और त्रिलोचन सिंह की ज्वाइनिंग करवाई। इससे पहले वे खुद इन नेताओं के घर जाकर उन्हें साथ लेकर आएंगे। इस पूरे घटनाक्रम से कांग्रेस और आप पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। टिकट बंटवारे के बाद से नाराज थे नेता, 17 फरवरी के बाद बढ़ी हलचल कांग्रेस के अशोक खुराना और त्रिलोचन सिंह दोनों ही मेयर का टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने मनोज वधवा को उम्मीदवार बना दिया। टिकट न मिलने के बाद से ही पार्टी छोडऩे की चर्चाएं चल रही थीं, लेकिन 17 फरवरी को नामांकन की अंतिम तिथि खत्म होते ही नेताओं ने अपना अगला कदम बढ़ा दिया। मनोज वधवा के लिए बढ़ी परेशानी, भाजपा प्रत्याशी को हो सकता है फायदा: कांग्रेस के इन दो बड़े नेताओं के भाजपा में जाने से पार्टी को झटका लगा है। इसका सीधा असर मनोज वधवा की चुनावी संभावनाओं पर पड़ सकता है, क्योंकि अशोक खुराना और त्रिलोचन सिंह के पास अपना मजबूत समर्थन है। वहीं, भाजपा की उम्मीदवार रेणु बाला गुप्ता को इसका सीधा फायदा मिल सकता है। अशोक खुराना और त्रिलोचन सिंह को मनाने पहुंचे कांग्रेस नेता, लेकिन बात नहीं अशोक खुराना ने कहा कि मेयर प्रत्याशी मनोज वधवा व दिव्याशु बुद्धिराजा मनाने के लिए आए थे। पीछे एक मीटिंग भी हुई थी जिसमें मैने चुनाव लडऩे की इच्छा जताई थी। मेयर का टिकट डिक्लेयर होने से पहले जब मनोज वधवा का नाम सामने आया था तो मैं राम राम करके आ गया था। भूपेंद्र हुड्डा का भी कॉल आया था मैने उनको भी अपना फैसला बता दिया है। भाजपा में मान सम्मान की ही शर्त रखी है और अगर मुझे मनाने के लिए कोई आ जाता तो शायद मैं नहीं जाता। वहीं दिव्यांशु बुद्धिराजा ने बताया कि हमने अशोक खुराना को मनाने का प्रयास किया और उनको सब तरह से समझाया है। उनको अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। कांग्रेस पूरी मजबती के साथ चनाव लड़ेगी।