एमपी-एमएलए कोर्ट से आजम खान को झटका, सरकारी लैटर पैड और मोहर का गलत इस्तेमाल करने के मामले में खारिज हुई जमानत अर्जी
एमपी-एमएलए कोर्ट से आजम खान को झटका, सरकारी लैटर पैड और मोहर का गलत इस्तेमाल करने के मामले में खारिज
लखनऊ। सूबे के पूर्व काबीना मंत्री मो. आजम खान की एक आपराधिक मामले में दाखिल जमानत अर्जी एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने भी खारिज कर दी है। थाना हजरतगंज से संबधित यह मामला मानहानि व विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने के प्रयास का है। विशेष जज हरबंश नारायन ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है। कहा है कि इस अपराध का समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के मद्दनेजर जमानत का आधार पर्याप्त नहीं है। इससे पहले बीती 27 जनवरी को एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट से मो. आजम की जमानत अर्जी खारिज हुई थी।
एक फरवरी, 2019 को इस मामले की एफआइआर आल इंडिया मुस्लिम काउंसिल के अल्लामा जमीर नकवी ने आईपीसी की धारा 500 व 505 के तहत दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक मो. आजम खान ने मंत्री रहते हुए अपने लेटर हेड व सरकारी मोहर का दुरुपयोग कर भाजपा, आरएसएस व मौलाना सैय्यद कल्बे जव्वाद नकवी को मीडिया में बदनाम किया। राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल कर इनकी मान-प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाया। अपने मनगढंत बयानों से विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने का प्रयास किया। अभियोजन की ओर से जमानत अर्जी का विरोध करते हुए अभियुक्त के आपराधिक इतिहास का भी हवाला दिया गया। बीते पांच जनवरी को इस मामले में अभियुक्त मो. आजम खान को सीतापुर जेल से जरिए वीडियो कान्फ्रेसिंग न्यायिक हिरासत में लिया गया था।