अकाली दल के नए अध्यक्ष का चुनाव इस तारीख को; चीमा ने जानकारी दी, आज चंडीगढ़ में SAD वर्किंग कमेटी की बैठक हुई, यहां पढ़ें

Shiromani Akali Dal New President After Sukhbir Singh Badal Resigns
SAD New President: शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से सुखबीर सिंह बादल इस्तीफा दे चुके हैं। जिसके बाद अकाली दल के नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर हलचल तेज है। वहीं आज चंडीगढ़ में SAD वर्किंग कमेटी की अहम बैठक बुलाई गई थी। जहां इस बैठक के बाद वरिष्ठ अकाली नेता और पूर्व मंत्री दलजीत चीमा ने जानकारी दी है कि, 12 अप्रैल को SAD के नए अध्यक्ष का चुनाव होगा।
अमृतसर में होगा SAD के नए अध्यक्ष का चुनाव
चीमा ने जानकारी दी कि, अमृतसर में SAD के नए अध्यक्ष का चुनाव होगा। 12 अप्रैल को दोपहर 1 बजे अमृतसर में जनरल हाउस बुलाया गया है। वहीं चीमा ने बताया कि, अकाली दल के 27 लाख सदस्य बने हैं, सभी का आभार। इस बीच चीमा ने विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि, अकाली दल को खत्म करने की काफी साजिश रची गई। लेकिन विरोधी इसमें कामयाब नहीं हो सके।
16 नवंबर 2024 को बादल ने दिया था इस्तीफा
मालूम रहे कि, 16 नवंबर 2024 को सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पार्टी की कार्यसमिति को अपना इस्तीफा सौंपा था। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि, सुखबीर सिंह बादल के बाद आखिर कौन होगा अकाली दल का नया अध्यक्ष? इस संबंध में कई कयास लगाए जा रहे हैं।
चुनावों में लगातार हार के चलते पार्टी में अंदरूनी उथल-पुथल
जिस अकाली दल ने पंजाब में लम्बे समय तक सत्ता का सुख भोगा उसी अकाली दल को अब जब लगातार हार चखनी पड़ रही है तो इससे पार्टी पर गहरा असर हुआ है। चुनावों में लगातार हार के चलते अकाली दल में अंदरूनी उथल-पुथल देखी गई। पार्टी में अंदर ही अंदर बगावती सुर सामने आए। पार्टी के नेतृत्व और नीतियों पर पार्टी के लोगों द्वारा ही सवाल उठाए गए। खासकर प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद सुखबीर सिंह बादल को पार्टी को बांधकर रखना और मुश्किल हो गया।
ऐसे में शिरोमणि अकाली दल (SAD) में लीडरशिप को लेकर भी तकरार पैदा हुई। पिछले दिनों में बार-बार सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफे की मांग की गई। वहीं लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं के एक गुट ने सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ विद्रोह कर दिया था और मांग की थी कि लोकसभा चुनावों में SAD की हार के बाद बाद उन्हें पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में अकाली दल को करारी हार का सामना करना पड़ा। अकाली दल पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से केवल एक पर ही जीत पाया। बादल की पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बठिंडा सीट बरकरार रखी। लेकिन SAD के 10 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई, जबकि 2019 में उसका वोट प्रतिशत 27.45 प्रतिशत से घटकर 13.42 प्रतिशत रह गया।
इससे पहले अकाली दल को जहां 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से करारी हार झेलनी पड़ी तो वहीं 2022 के चुनाव में तो पार्टी की शर्मनाक हार हुई। इतनी बड़ी पार्टी सिर्फ तीन सीटें ही हासिल कर पाई। दिग्गज नेता 5 बार के CM प्रकाश सिंह बादल, प्रधान सुखबीर बादल तक अपनी सीट नहीं बचा पाए थे.