शिमला: एमसी चुनाव में भाजपा का आखिरी इम्तिहान, देखें किसकी लगेगी नैया पार 

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शिमला। shimla mc elections: जयराम सरकार उपचुनाव में करारी शिकस्त के बाद नगर निगम शिमला (एमसी) के निर्वाचन की तैयारियों में जुट गई है। रणनीति के तौर पर सत्तारूढ़ भाजपा एमसी शिमला पर फिर से भगवा फहराने के लिए नए वार्डों के गठन का दांव चलने जा रही है। इसके लिए शहर के आसपास की कुछ पंचायतों को एमसी में मर्ज करने की तैयारी है। इसे लेकर सप्ताह के भीतर अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी।

मिशन रिपिट का दावा करने वाली सत्तारूढ़ भाजपा इससे पहले मंडी लोकसभा, जुब्बल कोटखाई, अर्की और फतेहपुर विधानसभा उपचुनाव के साथ-साथ सोलन और पालमपुर एमसी के चुनाव भी हार चुकी है। प्रदेश में इसी साल अक्तूबर या नवंबर में विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। इससे पहले अप्रैल या मई महीने में शिमला एमसी के चुनाव होने हैं। इन चुनाव में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शहरी विकास मंत्री एवं स्थानीय विधायक सुरेश भारद्वाज की साख दांव पर रहेगी। इसलिए सत्तारूढ़ भाजपा शिमला रूष्ट के चुनाव जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। इसके लिए प्रत्येक वार्ड में कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दे दी गई है।

इससे पहले सुरेश भारद्वाज के बतौर प्रभारी रहते हुए जुब्बल कोटखाई के विधानसभा उपचुनाव में भाजपा अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई। जुब्बल कोटखाई में भाजपा की करारी हार का कारण बने बागी एवं निर्दलीय प्रत्याशी चेतन बरागटा शिमला में भी अपने प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर चुके हैं। इसका सीधा नुकसान भाजपा को होगा। वहीं कांग्रेस ने भी शिमला एमसी चुनाव के लिए तैयारियां तेज कर दी है। कसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह और शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं से बैठकें करना शुरू कर दी है, क्योंकि कसुम्पटी और शिमला ग्रामीण के कई क्षेत्र शिमला एमसी के अंतर्गत आते हैं।

कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली शिमला एमसी पर भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में पहली बार कब्जा जमाया। तब देश में मोदी लहर के बीच भाजपा के 22 पार्षद, कांग्रेस के 11 पार्षद और सीपी(ए) की 1 पार्षद चुनाव जीतकर आई थी। इससे पहले हर बार एमसी पर कांग्रेस का कब्जा रहा है।

जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है। नेताओं का सुर भी नरम पडऩे लगे हैं। शिमला में चुनाव लडऩे के इच्छुक दावेदार काफी सक्रिय हो गए हैं और जनता के हमदर्द बनकर काम निकालने की कोशिशों में जुट गए हैं।