शेख हसीना का होगा बांग्लादेश के प्रधान मंत्री के रूप “Come Back”, आवामी लीग ने किया भारत को धन्यवाद

sheikh hasina: अमेरिका की अवामी लीग के उपाध्यक्ष डॉ रब्बी आलम ने भरोसा जताया कि शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के तौर पर वापस आएंगी और उन्होंने सुझाव दिया कि बांग्लादेश के सलाहकार को वही लौट जाना चाहिए जहां से वह आए हैं। अपदस्थ बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के करीबी सहयोगी आलम ने उन्हें शरण देने के लिए भारत का आभार भी जताया। तो चलिए थोड़े विस्तार से इस मामले के बारे में जानते हैं।
डॉ रब्बी आलम का सलाहकारों को संदेश
डॉ रब्बी आलम ने बांग्लादेश के सलाहकारों को संदेश देते हुए कहा कि अब उन्हें पद छोड़ देना चाहिए और वापस वही चले जाना चाहिए जहां से वह आए हैं। शेख हसीना प्रधानमंत्री के रूप में वापस आ रहीं हैं। युवा पीढ़ी ने गलती की है लेकिन यह उनकी गलती नहीं है उनके साथ छल किया गया है। दरअसल 5 अगस्त को छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन ने हफ्तों तक चले विरोध प्रदर्शन और जड़ों के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया जिसमें 600 से ज्यादा लोग मारे गए झगड़ों के बाद 77 वर्षीय नेता भारत आ गए और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया।
वर्तमान परिस्थितियों पर जताई चिंता
डॉ रब्बी आलम ने बांग्लादेश में वर्तमान उथल-पुथल पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश पर हमला हो रहा है तथा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया उन्होंने कहा कि बांग्लादेश पर हमले हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। राजनीतिक विद्रोह ठीक है लेकिन बांग्लादेश में ऐसा नहीं हो रहा है यह एक आतंकवादी विद्रोह है। हमारे कई नेता भारत में शरण लिए हुए हैं और हम भारत सरकार के बहुत आभारी है कि उन्होंने हमें सहयोग दिया। लीग नेता ने शेख हसीना के लिए सुरक्षित यात्रा मार्ग को उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद दिया। आपको बता दें कि इससे पहले शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले अंतरिम सरकार की आलोचना की थी और कहा था कि वह वापस आएंगी और यह सुनिश्चित करेंगी कि जुलाई अगस्त के छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को उचित न्याय मिले। उन्होंने कहा था कि मैं प्रत्येक पीड़ित परिवार की मदद करूंगी और यह निश्चित करुंगी कि उनके हथियारों को बांग्लादेश में कानून का सामना करना पड़े। मैं वापस आऊंगी शायद इसलिए अल्लाह ने मुझे जीवित रखा है।