शरद पवार ने दिया कांग्रेस को बड़ा झटका, दिल्ली चुनावों में केजरीवाल को दी समर्थन की सलाह!
- By Arun --
- Tuesday, 14 Jan, 2025
Sharad Pawar Supports Kejriwal in Delhi Elections, Deals a Blow to Congress
नई दिल्ली, 14 जनवरी: Sharad Pawar Supports Kejriwal in Delhi Elections, Shocks Congress: लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा और उसके गठबंधन (NDA) के खिलाफ बने विपक्षी महागठबंधन INDIA (Indian National Developmental Inclusive Alliance) के एक और साथी दल ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। महागठबंधन के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल का समर्थन करने की बात कही है।
शरद पवार का बयान
मुंबई में मीडिया से बात करते हुए शरद पवार ने कहा, "दिल्ली विधानसभा चुनाव में मेरी भावना है कि हमें अरविंद केजरीवाल की मदद करनी चाहिए।" यह बयान महागठबंधन के अंदर एक नई राजनीतिक दिशा का संकेत देता है, जहां प्रमुख गठबंधन दलों के बीच मतभेद खुलकर सामने आए हैं।
INDIA गठबंधन का राष्ट्रीय चुनावों पर फोकस
शरद पवार ने इस बयान के साथ साफ किया कि INDIA गठबंधन ने कभी राज्य विधानसभाओं या स्थानीय चुनावों पर चर्चा नहीं की है। उन्होंने कहा, "इस गठबंधन का फोकस केवल राष्ट्रीय चुनावों पर है और यह गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर समान विचारधारा वाली पार्टियों की एकजुटता के लिए बना था।"
महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव पर चर्चा
पवार ने यह भी बताया कि महाराष्ट्र में आगामी नगर निगम चुनावों के संदर्भ में महा विकास अघाड़ी (MVA) के घटक दल 8-10 दिनों में बैठक करेंगे और इस पर फैसला लिया जाएगा कि BMC चुनावों में सभी पार्टियां एक साथ लड़ेंगी या अलग-अलग।
दूसरे दलों का समर्थन
शरद पवार से पहले समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस (TMC) की प्रमुख ममता बनर्जी और शिवसेना (Uddhav faction) ने भी अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया है। इन पार्टियों का कहना है कि भाजपा को हराने के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार की मदद करनी चाहिए। हालांकि, कांग्रेस भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के खिलाफ चुनावी मैदान में है, जिससे चुनाव रोचक हो गया है।
कांग्रेस को लगा बड़ा झटका
शरद पवार के इस बयान के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि महागठबंधन के एक प्रमुख नेता ने दिल्ली चुनावों में केजरीवाल का समर्थन किया है, जबकि कांग्रेस का नजरिया अलग है। इससे महागठबंधन के अंदर मतभेद और राजनीतिक हलचल तेज हो सकती है।