पंजाब में सात अन्य सी.बी.जी. प्रोजैक्ट लगाने की तैयारी, 2024 के अंत तक हो जाएंगे कार्यशीलः अमन अरोड़ा

पंजाब में सात अन्य सी.बी.जी. प्रोजैक्ट लगाने की तैयारी, 2024 के अंत तक हो जाएंगे कार्यशीलः अमन अरोड़ा

Seven more CBG Projects

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सालाना 4.20 लाख टन पराली के उपभोग के साथ रोज़ाना 79 टन सी.बी.जी. पैदा करेंगे ये प्रोजैक्ट

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री ने प्रोजैक्टों की समीक्षा की

चंडीगढ़, 19 जूनः Seven more CBG Projects: पंजाब को देश में स्वच्छ और हरित ऊर्जा के उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाने के उद्देश्य से पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि इस साल के अंत तक 7 अन्य कम्प्रैस्ड बायोगैस (सी.बी.जी.) प्रोजैक्ट कार्यशील होने की आशा है। यह प्रोजैक्ट सालाना 4.20 लाख टन पराली का उपभोग करके प्रति दिन 79 टन सी.बी.जी. पैदा करेंगे। 
 
पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) द्वारा राज्य में लागू किए जा रहे प्रोजैक्टों की समीक्षा के लिए बुलाई गई मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि पंजाब सरकार ने 469.50 टन सीबीजी रोज़ाना की कुल सामर्थ्य वाले 38 प्रोजैक्ट अलॉट किए हैं, जिनमें फ़सल अवशेष- ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा पराली जलाने के मामलों को रोकने के लिए किए जा रहे यत्नों में यह प्रोजैक्ट सहायक होंगे। इसके अलावा यह प्रोजैक्ट किसानों के लिए आय के अतिरिक्त स्रोत पैदा करने के साथ-साथ कौशल और ग़ैर-कौशल कामगारों के लिए रोज़गार के अवसर पैदा करने में भी अहम भूमिका निभाएंगे। 

उन्होंने कहा कि राज्य में सी.बी.जी. प्रोजैक्टों के लिए भरपूर संभावनाएं हैं क्योंकि राज्य में हर साल लगभग 20 मिलियन टन धान की पराली पैदा होती है, जिसमें से लगभग 10 मिलियन टन का ही वैज्ञानिक ढंग के साथ निपटारा किया जाता है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग के सचिव श्री रवि भगत ने श्री अमन अरोड़ा को बताया कि 462 टन सी. बी. जी. प्रति दिन की कुल सामर्थ्य वाले 32 अन्य प्रोजैक्ट अलॉटमेंट प्रक्रिया अधीन हैं। इन प्रोजैक्टों में सालाना लगभग 14.04 लाख टन धान की पराली का प्रयोग होगा। 

श्री अमन अरोड़ा ने सोलर पंप योजना की स्थिति का भी जायज़ा लिया, जिसके अंतर्गत राज्य में कृषि के लिए किसानों को 20,000 नए सोलर पंप मुहैया करवाए जाने हैं। बता दें कि भूमिगत जल को बचाने के लिए डार्क ज़ोन में यह सोलर पंप उन किसानों को ही अलॉट किए जाएंगे, जिनके पास स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई प्रणाली मौजूद है। किसानों को सोलर पंपों के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
उन्होंने पेडा के डायरैक्टर एम.पी.सिंह को राज्य में चल रहे हरी ऊर्जा प्रोजैक्टों को तेजी के साथ पूरा करने को कहा ।