NITI Aayog Meeting: हिमालयी राज्यों के लिए बने पृथक नीति, सात अगस्त को बैठक में मुख्यमंत्री धामी रखेंगे राज्य का पक्ष
NITI Aayog Meeting: हिमालयी राज्यों के लिए बने पृथक नीति, सात अगस्त को बैठक में मुख्यमंत्री धामी रखे
NITI Aayog Meeting: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नीति आयोग सभी राज्यों के लिए समान रूप से नीतियां बनाई जाती हैं। लेकिन उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक व पर्यावरणीय परिस्थितियां भिन्न हैं। इसलिए हिमालयी राज्यों के लिए अलग नीति बनाए जाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक के एजेंडे पर तैयारी की समीक्षा कर रहे थे। नीति आयोग की शासी परिषद की सातवीं बैठक नई दिल्ली में होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में सीएम एजेंडा बिंदुओं के अतिरिक्त राज्य हित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं एवं विषयों पर विचार रखेंगे।
बैठक में फसल विविधिकरण एवं दलहन व तिलहन उत्पादन में आत्म निर्भरता, विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन तथा शहरी प्रशासन से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन की प्रगति को लेकर चर्चा होनी है। इन एजेंडा बिंदुओं पर मुख्यमंत्री विभागवार चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की नीतियां एवं केंद्र पोषित योजनाएं देश के सभी राज्यों के लिए समान रूप से बनाई जाती है। इसमें हिमालयी राज्यों के लिए उनकी पारास्थितिकी एवं भौगोलिक दृष्टि का भी ध्यान में रखते हुए अलग नीति बनाए जाने पर ध्यान देने की जरूरत है।
NITI Aayog Meeting: इस वर्ष चारधाम यात्रा में 30 लाख से अधिक श्रद्धालु अब तक आ चुके
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भगवान केदारनाथ के साथ ही राज्य के अन्य धामों के प्रति विशेष आस्था है। गत वर्ष अपनी केदारनाथ यात्रा के दौरान उन्होंने 21वीं सदी के इस तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया था। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य के विकास का रोडमैप तैयार किया गया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा में 30 लाख से अधिक श्रद्धालु अब तक आ चुके हैं।
तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों की आवाजाही भविष्य में और बढ़ेगी। इसके लिये यात्रा मार्ग से जुड़े प्रमुख स्थलों की अवस्थापना सुविधाओं के विकास सुव्यवस्थित यातायात के लिये टनल पार्किंग की योजना राज्य हित में जरूरी है। इससे भविष्य की चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना किया जा सकेगा।
इसके अतिरिक्त आपदा की दृष्टि से भी राज्य की संवेदनशीलता, पर्यावरण की दृष्टि से राज्य की इकोलॉजी के साथ इकोनामी को बढ़ावा देने के प्रयासों से संबंधित बिंदुओं पर भी मुख्यमंत्री बैठक में अपना पक्ष रखेंगे। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगौली, एसएन पांडे, विनोद कुमार सुमन, महानिदेशक यूकास्ट प्रो. दुर्गेश पंत उपस्थित थे।