चंडीगढ़ में देखे केब मामले पर कोर्ट ने क्या दिया फ़ेसला..

चंडीगढ़ में देखे केब मामले पर कोर्ट ने क्या दिया फ़ेसला..

चंडीगढ़ में देखे केब  मामले पर कोर्ट ने क्या दिया   फ़ेसला..

चंडीगढ़ में देखे केब मामले पर कोर्ट ने क्या दिया फ़ेसला..

चंडीगढ़ ।ट्राइसिटी में बिना पंजीकरण कैब सेवा चलाने वाली इन ड्राइवर एप पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा व पंजाब सरकार को 24 मई तक जवाब सौंपने का आदेश दिया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत मांगी है।


याचिका दाखिल करते हुए मोहाली निवासी हरगोबिंद सिंह ने एडवोकेट प्रदीप शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि भारत में रजिस्ट्रेशन के बिना इन ड्राइवर एप के माध्यम से कैब सर्विस उपलब्ध करवा रही है। याची ने कहा कि ऐसा करने से देश को राजस्व का नुकसान हो रहा है, क्योंकि पैसे सीधा ड्राइवर लेता है और कैब के बिल पर जीएसटी की वसूली भी नहीं हो पाती। 


यह विदेशी कंपनी है और भारत में पंजीकृत नहीं है, ऐसे में यह भारतीय कानून की जद से भी बाहर है। ट्राइसिटी में यह सर्विस जुलाई 2019 में आरंभ की गई थी और तब से यह जारी है। एप में लोगों से उनकी निजी जानकारी ली जाती है और भारतीय कानून के आधीन न होने के चलते इस जानकारी को बेचा जा सकता है। इस एप पर ड्राइवरों के लाइसेंस की वेरिफिकेशन भी पूरी तरह से नहीं की जाती है जिससे ग्राहकों की सुरक्षा को खतरा बना रहता है। 

याची ने बताया कि भारतीय प्रावधान के तहत एप में पैनिक बटन अनिवार्य होता है जिसे खास तौर पर महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए रखा गया है। इस एप में इस तरह का पैनिक बटन भी नहीं है। एप को दुनिया के कई देशों में प्रतिबंधित किया गया है और भारत में भी इस पर प्रतिबंध होना चाहिए। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अब इस मामले में हरियाणा व पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 24 मई तक की मोहलत दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी है